पृथ्वी के ठोस आंतरिक कोर को बनाने वाले लोहे के परमाणु खगोलीय रूप से उच्च दबाव, जो कि ग्रह पर सबसे अधिक है, आपस में मिलकर एक साथ जमा हो जाते हैं।
ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय की अगुवाई में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पृथ्वी केआंतरिक कोर में लोहे के परमाणुओं के कुछ समूह तेजी से घूमने में सक्षम हैं। लोहे से बनी धातु संरचना को बनाए रखते हुए हर सेकंड में अपना स्थान बदलते हैं। एक प्रकार की गति जिसे "सामूहिक गति" के रूप में जाना जाता है।
शोध के परिणाम जो, प्रयोगशाला प्रयोगों और सैद्धांतिक मॉडलों द्वारा निकाले गए थे, इनसे पता चलता है कि, आंतरिक कोर में परमाणु पहले की तुलना में कहीं अधिक घूमते हैं।
शोध में कहा गया है कि, परिणाम आंतरिक कोर के कई दिलचस्प गुणों को समझाने में मदद कर सकते हैं। जो लंबे समय से वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे हैं, साथ ही पृथ्वी के जियोडायनेमो को शक्ति देने में आंतरिक कोर की भूमिका पर प्रकाश डालने में मदद कर सकते हैं। एक अनोखी प्रक्रिया जो ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करती है।
यूटी जैक्सन स्कूल ऑफ जियोसाइंसेज के प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययनकर्ता जंग-फू लिन ने कहा, अब हम उस मूलभूत तंत्र के बारे में जानते हैं जो हमें पृथ्वी के आंतरिक कोर की गतिशील प्रक्रियाओं और विकास को समझने में मदद करेगा।
यह अध्ययन जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है।
अत्यधिक तापमान और दबाव के कारण वैज्ञानिकों के लिए पृथ्वी के आंतरिक कोर का सीधे नमूना लेना असंभव है। इसलिए, लिन और उनके सहयोगियों ने एक छोटी सी लोहे की प्लेट लेकर और इसे तेज गति से चलने वाले प्रोजेक्टाइल से शूट करके प्रयोगशाला में इसे छोटे रूप में फिर से बनाया।
प्रयोग के दौरान एकत्र किए गए तापमान, दबाव और गति संबंधी आंकड़ों को आंतरिक कोर में परमाणुओं के मशीन-लर्निंग कंप्यूटर मॉडल में डाल दिया गया था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि आंतरिक कोर में लोहे के परमाणु दोहराए जाने वाले षट्कोणीय विन्यास में व्यवस्थित होते हैं। लिन के अनुसार, आंतरिक कोर में लोहे की जाली की गतिशीलता को चित्रित करने वाले अधिकांश कंप्यूटर मॉडल केवल परमाणुओं की एक छोटी संख्या दिखाते हैं जो आमतौर पर सौ से भी कम हैं।
लेकिन एआई एल्गोरिथ्म का उपयोग करके, शोधकर्ता परमाणु पर्यावरण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में सक्षम थे, जिससे लोहे के गुणों की अधिक विश्वसनीय भविष्यवाणी करने के लिए लगभग 30,000 परमाणुओं का सुपरसेल बनाया गया।
इस सुपरसेल पैमाने पर, वैज्ञानिकों ने समग्र षट्कोणीय संरचना को बनाए रखते हुए परमाणुओं के समूहों को घूमते हुए, स्थान बदलते हुए देखा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि परमाणु की गतिविधि यह समझा सकती है कि आंतरिक कोर के भूकंपीय माप एक ऐसे वातावरण को क्यों दिखाते हैं जो इस तरह के दबाव में अपेक्षा से कहीं अधिक नरम और लचीला है।
उन्होंने कहा, भूकंप विज्ञानियों ने पाया है कि पृथ्वी का केंद्र, जिसे आंतरिक कोर कहा जाता है, आश्चर्यजनक रूप से नरम है, जैसे कि रसोई में मक्खन नरम होता है। हमने जो बड़ी खोज की है वह यह है कि ठोस लोहा पृथ्वी के अंदर आश्चर्यजनक रूप से नरम हो जाता है क्योंकि इसके परमाणु हमारी कल्पना से कहीं अधिक तेजी से घूम सकते हैं। यह बढ़ी हुई गति आंतरिक कोर को कम कठोर बलों के खिलाफ कमजोर बनाती है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि भूकंपीय आंकड़ों में आश्चर्यजनक रूप से नरम भौतिक गुणों को समझाने तथा इसका उत्तर खोजने के लिए उनको प्रेरित किया।
शोधकर्ताओं के अनुसार, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने वाली जियोडायनेमो ऊर्जा का लगभग आधा हिस्सा आंतरिक कोर के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। जबकि बाहरी कोर बाकी हिस्सा बनाता है। परमाणु पैमाने पर आंतरिक कोर गतिविधि पर नई जानकारी भविष्य के शोध को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
आंतरिक कोर में ऊर्जा और गर्मी कैसे उत्पन्न होती है, यह बाहरी कोर की गतिशीलता से कैसे संबंधित है और वे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने के लिए कैसे मिलकर काम करते हैं यह रहने योग्य ग्रह के लिए एक प्रमुख हिस्सा है।