भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया अधिक क्षमता वाला सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम, कार्बन उत्सर्जन पर भी लगेगी रोक

सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम की क्षमता पारंपरिक सोलर आधारित कुकिंग सिस्टम से 20 से 25 फीसदी अधिक है और यह उससे ज्यादा किफायती भी है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया अधिक क्षमता वाला सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम, कार्बन उत्सर्जन पर भी लगेगी रोक
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भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम एक सौर ऊर्जा आधारित खाना बनाने की प्रणाली है। जिसमें सोलर पीवी पैनल, चार्ज कंट्रोलर, बैटरी बैंक और खाना बनाने वाला ओवन शामिल हैं। यह स्वच्छ ऊर्जा तकनीक द्वारा खाना पकाने का एक बेहतरीन तरीका है। यह इन्वर्टर-रहित सीधे उपयोग किए जाने वाला, तेज और एक समान तापमान प्रदान करता है। इसमें हर घर से हर साल होने वाले 1 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने की क्षमता है।

सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने कहा कि मुझे आसनसोल ब्रेल अकादमी को स्वदेशी तरीके से विकसित सोलर खाना पकाने या सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम सौंपने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि ब्रेल अकादमी विशेष रूप से विकलांग या भिन्न रूप से सक्षम बच्चों की सेवा कर बेहतरीन काम कर रहा है। प्रो. हिरानी ने कहा प्रदूषण मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम इस दिशा में एक छोटा सा कदम है। 

सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम की क्षमता पारंपरिक सोलर आधारित कुकिंग सिस्टम से 20 से 25 फीसदी अधिक है और यह उससे ज्यादा किफायती भी है। एसी-डीसी कन्वर्जन के कारण पारंपरिक प्रणाली की कार्य क्षमता घट जाती है। आसान तकनीक होने से इसे डिजाइन कर तैयार करना आसान हो जाता है और इस प्रकार छोटे उद्योगों के लिए पर्याप्त आर्थिक अवसर भी प्रदान करता है। तकनीक की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ने की संभावना है।

शोधकर्ताओं ने कहा यह प्रणाली कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर लगाम लगाने में मदद करेगी, जबकि एलपीजी के उपयोग से भी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। बाजार में पहुंचने पर इस तकनीक की कीमत 65 से 70 हजार रुपये के बीच होगी। अन्य सौर ऊर्जा आधारित उत्पादों की तरह, यदि सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है तो उत्पाद की कीमत में काफी कमी आएगी।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम का उपयोग भी 200 गीगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, लगभग 290 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन पर भी लगाम लगेगी। 

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