आज करोड़ों भारतीयों के लिए गौरव का दिन है। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ही चांद पर पहुंच पाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए देश को बधाई दी।
तकरीबन 40 दिन पहले भारत के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 का सफर शुरू हुआ था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह महत्वपूर्ण मिशन आज सफल रहा।
विक्रम लैंडर ने आज यानी, 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 6.04 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
खास बात यह है कि चंद्रयान-3 मिशन 2019 के चंद्रयान-2 मिशन की तरह ही है, लेकिन चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर पहुंचने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
दरअसल भारत चंद्रयान के अपने इस मिशन के माध्यम से अपनी अंतरिक्ष एजेंसी की क्षमता का प्रदर्शन करना चाहता है।
चंद्रयान-3 के साथ-साथ रूस ने भी लूना-25 मिशन की शुरुआत की थी, लेकिन लूना-25 का हश्र चंद्रयान-2 जैसा हुआ। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने रविवार को घोषणा की, कि उनका अंतरिक्ष यान चंद्र सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दिलचस्प बात यह है कि लूना-25 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला मिशन बनना था - जो चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 दोनों का लक्ष्य था।
अब चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला मिशन बन गया।
अंतरिक्ष एजेंसी का टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड सेंटर (आईस्ट्रेस) बेंगलुरु में है। शाम 5.47 बजे एक कमांड भेजी, जिसने अंतरिक्ष यान को लैंडिंग शुरू करने का संकेत दिया।