आईआईटी रोपड़ ने बनाया बिना बिजली के चलने वाला सांस लेने वाला उपकरण

3डी प्रिंटिंग तकनीक से बना यह उपकरण स्लीप एपनिया के मरीजों और उन नवजात बच्चों के इलाज में भी मददगार हो सकता है, जिनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं
आईआईटी रोपड़ ने बनाया बिना बिजली के चलने वाला सांस लेने वाला उपकरण
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आईआईटी रोपड़ के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सीपीएपी उपकरण बनाने में सफलता हासिल की है जो बिना बिजली के चलता है| वैज्ञानिकों ने इसे 'जीवन वायु' नाम दिया है| यह उपकरण मरीजों को सांस लेने में मददगार होगा| वैज्ञानिकों की मानें तो यह उपकरण उन क्षेत्रों में जहां संसाधनों का आभाव है या फिर जब मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में काफी मददगार हो सकता है|

देश में यह पहला ऐसा सीपीएपी उपकरण है, जो बिना बिजली के चलता है| यह उपकरण अस्पतालों में पाइप और सिलेंडर दोनों तरीकों से ऑक्सीजन सप्लाई के अनुकूल है, जो सुविधा अन्य सीपीएपी मशीनों में उपलब्ध नहीं है|  

गौरतलब है कि सीपीएपी एक ऐसी उपचार पद्धति है जिसे स्लीप एपनिया के मरीजों के इलाज में प्रयोग किया जाता है| स्लीप एपनिया के मरीजों में नींद के दौरान सांस लेने में समस्या होती है| यह मशीन सांस लेने में मदद करती है यह सांस लेने के लिए हवा के रास्ते को खुला रखने के लिए हल्के वायु दाब का उपयोग करती है।

यही नहीं इस उपकरण का उपयोग उन नवजात बच्चों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है, जिनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं| यह बच्चों के फेफड़ों को फुलाने के लिए उनकी नाक से हवा भरती है| यह उपचार कोविड-19 के शुरुआती चरणों के दौरान भी सबसे अधिक जरुरी होता है, जोकि फेफड़ों को होने वाले नुकसान को कम कर देता है और मरीजों को उसके असर से उबरने में मदद करता है|

3डी प्रिंटिंग तकनीक से बना यह उपकरण कीमत में भी है सस्ता

इस उपकरण को मेटलर्जिकल एंड मटेरियल्स इंजीनियरिग की सहायक प्रोफेसर डॉ खुशबू राखा के नेतृत्व में विकसित किया गया है| उन्होंने बताया कि ऐसे में जब सारा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है यह मशीन समय की जरुरत है| वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों के लिए बिजली की जरुरत पड़ती है और यह उपकरण मरीज को बचाने के लिए अत्यंत मायने रखते हैं, ऐसे में बिजली की उपलब्धता चिंता का एक प्रमुख विषय है|

उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि इसमें वायु के प्रवेश मार्ग पर एक इनबिल्ट वायरल फिल्टर लगा है जो वायु को 99.99 फीसदी साफ कर देता है| यह सुनिश्चित करता है कि हवा के साथ बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु अंदर न जाएं|

यह उपकरण ऑक्सीजन के उच्च प्रवाह (20 से 60 एलपीएम) को बनाए रखने में सक्षम है, साथ ही यह 20 सेंटीमीटर एच2ओ तक के सकारात्मक दबाव को निरंतर बनाए रख सकता है| इस उपकरण को 5 से 20 सेमी के पीईईपी (पॉजिटिव एन्ड-एक्सपायरटरी प्रेशर) के साथ ही 40 फीसदी से ऊपर के एफआईओ2 को बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस उपकरण जीवन वायु को 22 मिलीमीटर सीपीएपी क्लोज सर्किट ट्यूब के लिए डिजाइन किया गया है जिसे ट्यूब के आकार के अनुरूप भी एडजस्ट किया जा सकता है|

यह उपकरण स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी मानकों को पूरा करता है| इसमें रिसाव की सम्भावना नहीं है| चूंकि यह बिना बिजली के भी चलता है इसलिए इसका उपयोग मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए किया जा सकता है| इस उपकरण को 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, जो काफी सस्ता भी है|

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