कोरोनावायरस के इस दौर में कैसे बढ़ाएं अपने इंटरनेट की रफ्तार

कुछ आसान ट्रिक्स की मदद से आप अपने घर पर इंटरनेट की गति को बढ़ा सकते हैं
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जेम्स जिन कंग और पॉल हास्केल-डोलैंड 

कोरोनावायरस ने सब को अपने घरों तक सीमित कर दिया है। ऐसा लगता है कि घर पर रहना, और घर से काम करना जीवन का हिस्सा सा हो गया है। ऐसे में हर कोई अपने ऑफिस के कामों को करने, बच्चों को पढ़ने और मनोरंजन के लिए सिर्फ इंटरनेट के भरोसे है। जिससे नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बढ़ती मांग ने हर किसी के लिए उपलब्ध बैंडविड्थ को कम कर दिया है। नतीजन लोग धीमी गति से काम करने को मजबूर हैं। यह उनकी निराशा को बढ़ा रहा है। हालांकि इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां तुरंत इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में कुछ आसान ट्रिक्स की मदद से आप अपने घर पर इंटरनेट की गति को बढ़ा सकते हैं।

क्यों हो जाता हैं इंटरनेट धीमा

इंटरनेट की रफ्तार कम होने के कई कारण हो सकते हैं। गौरतलब है कि इंटरनेट का उपयोग करने के लिए आपके डिवाइस और सर्वर के बीच एक बेहतर कनेक्शन होना जरुरी होता है। जोकि दुनिया के किसी दूसरे हिस्से में रखा हो सकता है| ऐसे में सिग्नलों को आपके डिवाइस और उस सर्वर को जोड़ने के लिए सैकड़ों उपकरणों से होकर गुजरना पड़ सकता है। यदि इनमें से एक भी उपकरण ठीक तरह काम नहीं करता तो इससे आपके इंटरनेट की रफ्तार धीमी हो सकती है। इसके अलावा अक्सर वेब सर्वर 'डिनायल ऑफ सर्विस' जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित होते हैं, तो भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। 'डिनायल ऑफ सर्विस' से तात्पर्य है कि सर्वर आपकी इंटरनेट की मांग को पूरा नहीं कर सकता और सेवा देने से मना करता है। ऐसा इंटरनेट की बढ़ती मांग के चलते सर्वर पर होने वाले ट्रैफिक के कारण होता है। हालांकि आप अपने घर से इन चीजों पर नियंत्रण नहीं रख सकते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पास अपनी इंटरनेट की गति को बेहतर बनाने के लिए कोई विकल्प नहीं हैं।

वाईफाई के सिग्नलों में कर सकते हैं सुधार

हम अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप, फोन और अन्य उपकरणों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए आमतौर पर वायरलेस राउटर का उपयोग करते हैं। यह आपके उपकरणों को इंटरनेट सर्विस से जोड़ देता है। इसमें ज्यादातर एक्सेस पॉइंट सीमित चैनलों के साथ एक वायरलेस सिग्नल प्रदान करते हैं। सामान्य शब्दों में एक "चैनल" एक प्रकार का वर्चुअल "पाइप" होता है, जिसके माध्यम से डेटा ट्रांसफर किया जाता है। होता यह है कि जब आप इन चैनलों का प्रयोग करते हैं तो इन सिग्नलों में आस-पास मौजूद सिग्नलों के कारण बाधा उत्पन्न हो जाती है। ऐसा आमतौर पर आपके पडोसी द्वारा प्रयोग किये जा रहे सिग्नल्स के कारण होता है। हालांकि आपके डिवाइस (वायरलेस राउटर) को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वो अपने आप चैनलों को बदलकर हस्तक्षेप से बच सकते हैं (आमतौर पर एक डिवाइस में 14 चैनल उपलब्ध होते हैं)। इसलिए आपको अपने राउटर की सेटिंग्स को जांच लेना चाहिए क्योंकि वो आमतौर पर एक चैनल का उपयोग करने के लिए सेट किये गए होते हैं। यदि आप 2.4 गीगाहर्ट्ज वायरलेस का उपयोग कर रहें हैं, तो आपके लिए चैनल 1, 6 या 11 का चयन करना उचित है क्योंकि वे समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।

और क्या कर सकते हैं आप?

इसके अलावा भी कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने वाईफाई सिग्नल को बेहतर कर सकते हैं। यदि आप 5 गीगाहर्ट्ज वाईफाई सिग्नल को सपोर्ट करने वाले राउटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इससे आपकी इंटरनेट स्पीड बढ़ सकती है पर यह राउटर सीमित दूरी तक ही काम करता है। इसलिए अपने राउटर को जितना हो सके सभी उपकरणों के बीच में किसी जगह पर लगाएं। 2.4 और 5 गीगाहर्ट्ज में यह अंतर है कि 2.4 गीगाहर्ट्ज का राउटर तुलात्मक रूप से कम डाटा ट्रांसफर करता है पर इसका कवरेज एरिया ज्यादा होता है। जबकि 5 गीगाहर्ट्ज राउटर 23 चैनलों की मदद से ज्यादा तेजी से डाटा ट्रांसफर कर सकता है पर उसकी कवरेज कम होती है। इसलिए यदि आपको ज्यादा स्पीड चाहिए तो 5 गीगाहर्ट्ज राउटर और यदि ज्यादा व्यापक रेंज चाहिए तो 2.4 गीगाहर्ट्ज राउटर का इस्तेमाल कीजिये।

वायरस और मालवेयर

कंप्यूटर वायरस से बचने के लिए आपको नियमित रूप से अपने उपकरणों के सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए। इसके साथ ही वायरस से बचने के लिए अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का भी उपयोग कीजिये। साथ ही समय समय पर अपने राउटर को भी रीबूट (बंद करके चलाते) करते रहिये| क्योंकि कुछ मालवेयर को आपके डिवाइस या सर्वर को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। ऐसे ही एक मालवेयर वीपीएनफ़िल्टर ने करीब 50 देशों में 5 लाख से अधिक राउटर को संक्रमित कर दिया था।

इसके अलावा इन चीजों पर भी गौर करना चाहिए:

  • क्या आपके राउटर को नए मॉडल के साथ बदलने की आवश्यकता है? क्योंकि अगर आपका राउटर काफी पुराना हो चूका है तो नए मॉडल की मदद से आप अपनी इंटरनेट स्पीड को बढा सकते हैं, क्योंकि नए मॉडल ज्यादा उन्नत होते हैं।
  • क्या आपके वायरलेस राउटर का फर्मवेयर अपडेट किया गया है? आप डिवाइस निर्माता की वेबसाइट पर जाकर ऐसा कर सकते हैं। यह समस्याओं को कम करने में मदद करेगा और इससे राउटर की कार्यकुशलता भी बढ़ जाएगी। क्योंकि आमतौर पर यह अपने आप अपडेट नहीं होते हैं।

अपने इंटरनेट के उपयोग की बनाये सही योजना

यदि आपके घर पर कई लोग वीडियो देख रहे हो तो इससे इंटरनेट की मांग दस गुना बढ़ जाएगी और आपके दिन की इंटरनेट सीमा जल्द ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए अपने परिवार के सदस्यों की ऑनलाइन गतिविधियों की योजना बनायें। इस महामारी के फैलने से पहले घर पर इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग शाम में होता था। लेकिन जैसे जैसे सब अपने घरों से काम कर रहे हैं और बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं, इंटरनेट की जरुरत दिन में भी बढ़ गयी है। इसके कारण इंटरनेट के कुल उपयोग में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि पीक टाइम में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। आम तौर पर जिस समय आप मोबाइल पर इंटरनेट चला रहे होते हो उसी समय में और लोग भी अपने फोन पर इंटरनेट चला रहे होते हैं। परिणामस्वरूप आपके मोबाइल इंटरनेट की बैंडविड्थ आपके क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ बंट जाती है। जिसके चलते सीमित बैंडविड्थ के कारण इंटरनेट की गति धीमी हो जाती है। चूंकि आप इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या को नियंत्रित नहीं कर सकते। इसलिए इससे बचने के लिए बड़ी फाइलों को रात में या फिर पीक आवर्स के पहले या बाद में पूरा कर सकते हैं।

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर सम्बन्धी नेटवर्क समस्याओं से कैसे निपटें

आप अपने घर में इंटरनेट से जुडी समस्याओं का समाधान तो कर सकते है पर घर से बाहर जो चीजें आपके नेटवर्क को प्रभावित करती हैं उन्हें नहीं बदल सकते। उनसे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने नेटवर्क प्रोवाइडर के कॉल सेंटर से संपर्क करें और उन्हें अपनी समस्या बताएं जिससे उन समस्याओं का समाधान हो सके। इसका यही सबसे अच्छा विकल्प है। इन सब समाधानों के बावजूद इंटरनेट का उपयोग करते समय हमें यह समझना होगा कि हम एक ऐसे संसाधन का उपयोग कर रहे हैं जो सीमित हैं। और हमें इसे सभी से साझा करना है। जैसे पानी, खाना यह ऐसे संसाधन हैं जो सीमित हैं। इनकी सिर्फ आपको ही नहीं सभी को जरुरत है। इसलिए इनका समझदारी से इस्तेमाल करें।

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