जंक फूड जिसके बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि वो हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। उसको लेकर वैज्ञानिकों ने एक नया महत्वपूर्ण खुलासा किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जंक फूड का सेवन हमारी गहरी नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है।
यह अध्ययन स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है, जिसके नतीजे जर्नल ओबेसिटी में प्रकाशित हुए हैं। अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात की जांच की है कि कैसे जंक फूड लोगों की नींद को प्रभावित कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अस्वास्थ्यकर आहार और खराब नींद दोनों ही स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इनकी वजह से अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
गौरतलब है कि पहले भी कई अध्ययन इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि हम जो खाते हैं वो हमारी नींद को प्रभावित कर सकता है। हालांकि कुछ अध्ययनों में भी इस बात की जांच की गई है कि सीधे तौर पर आहार नींद को प्रभावित कर सकता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छी नींद ने केवल हमारे शरीर बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होती है
गहरी नींद, जिसे स्लो-वेव स्लीप या नॉन-रैपिड आई मूवमेंट (एनआरईएम) नींद के तीसरे चरण के रूप में जाना जाता है। यह नींद चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण होता है। जो नींद का सबसे आरामदेह चरण है। नींद का यह समय हमारी याददाश्त, स्मृति, मांसपेशियों में वृद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार जैसे कार्यों में मदद करता है। साथ ही यह हार्मोन को भी नियंत्रित करता है।
गहरी नींद के दौरान शरीर में ह्रदय गति धीमी हो जाती है। साथ ही रक्तचाप और मेटाबॉलिक गतिविधियों की गति घट जाती है जो कोशिकाओं में सुधार और इम्युनिटी में वृद्धि करता है।
क्या कुछ निकलकर आया अध्ययन में सामने
आपको जानकर हैरानी होगी कि नींद बहुत गतिशील होती है। हमारी नींद में अलग-अलग चरण होते हैं जो अलग-अलग कार्यों को करते हैं। उदाहरण के लिए गहरी नींद जो शरीर से रिलीज होने वाले हार्मोन को नियंत्रित करती है। इसी तरह नींद का हर एक चरण मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों के अनूठे पैटर्न द्वारा अलग किया जाता है। यह नींद की गुणवत्ता को निर्धारित करने में मदद करता है जैसे की कब आराम की नींद आ रही है। यह पैटर्न मस्तिष्क के विभिन्न भागों में अलग होता है।
देखा जाए तो अनिद्रा और बढ़ती उम्र जैसे कारक नींद के चरणों और उनकी गहराई या गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन अब तक, यह स्पष्ट नहीं था कि क्या अलग-अलग तरह का आहार हमारी नींद के इन चरणों को प्रभावित कर सकता है।
इस समझने के लिए वैज्ञानिकों ने 15 लोगों को चुना था। जिन पर हर सत्र के दौरान कई दिनों तक उनकी नींद पर नजर रखी गई थी। यह सभी युवक पूरी तरह स्वस्थ थे और उनका वजन संतुलित था। इसमें सबसे पहले उनकी नींद की आदतों और उससे जुड़े पहलुओं को जांचा गया था और यह देखा गया कि क्या वो सामान्य थी।
इसके बाद इन सभी युवकों को अनियमित क्रम को स्वस्थ और अस्वास्थ्यकर आहार दिए गए थे। हालांकि दोनों तरह के आहार में कैलोरी की मात्रा को समान रखा गया था। अन्य बातों के अलावा अस्वास्थ्यकर आहार में चीनी और संतृप्त वसा और ज्यादा प्रोसेस किया भोजन दिया गया था। इन सभी को एक सप्ताह तक समान समय में भोजन दिया गया। इस दौरान उनकी नींद, गतिविधियों और भोजन के बारे में व्यक्तिगत रूप से बारीकी से नजर रखी गई थी।
इस अध्ययन के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक जंक फूड खाने के बाद प्रतिभागियों की गहरी नींद की गुणवत्ता खराब हो गई थी, जबकि वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को स्वस्थ आहार दिया था उनमें ऐसा कुछ भी नहीं देखा गया। इस बारे में उप्साला विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता जोनाथन सेडर्नैस का कहना है कि, “खराब आहार और खराब नींद दोनों ही स्वास्थ्य के लिए जोखिम को बढ़ देते हैं।“
शोधकर्ताओं ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि उन्हें यह पता नहीं है कि अस्वास्थ्यकर आहार नींद को कितने समय तक प्रभावित कर सकता है। साथ ही अध्ययन में इस बात की भी जांच नहीं की गई है कि क्या यह उन कार्यों को बदल सकते हैं जो गहरी नींद से नियंत्रित होते हैं। उदाहरण के लिए क्या जंक फ़ूड नींद के समय में नियंत्रित होने वाले मेमोरी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। साथ ही इसके प्रभाव कितने लम्बे समय तक रह सकते हैं।