विज्ञान में है रूचि तो सरकार ने आपके लिए शुरू की यह योजना

यह योजना विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को रिसर्च इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से संबंधित एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है
Photo: flickr
Photo: flickr
Published on

देश में वैज्ञानिक शोध की गति को तेज करने और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले मानव संसाधन को तैयार करने के उद्देश्य से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सांविधिक निकाय विज्ञान और इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना की शुरुआत की गई है।

यह योजना विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को रिसर्च इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से संबंधित एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के ‘अभ्यास’ घटक के अंतर्गत शीतकालीन सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इससे संबंधित जानकारी के लिए एक वेब पोर्टल www.acceleratevigyan.gov.in भी शुरू किया गया है। 

एक अंतर-मंत्रालयी कार्यक्रम के रूप में ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ की शुरुआत यह मानते हुए की गई है कि अनुसंधान की गुणवत्ता उससे जुड़े प्रशिक्षित अनुसंधानकर्ताओं के विकास पर आधारित होती है। यह योजना अनुसंधान की संभावनाओं, परामर्श, प्रशिक्षण और व्यावहारिक कार्य प्रशिक्षण की पहचान करने की कार्यविधि को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करेगी।

सईआरबी में साइंटिस्ट ‘जी’ के तौर पर कार्यरत डॉ राजीव महाजन ने बताया कि “इस योजना का मूल दृष्टिकोण अनुसंधान के आधार का विस्तार करना है। इसके तीन व्यापक लक्ष्यों में वैज्ञानिक कार्यक्रमों का एकत्रीकरण, संसाधनों/सुविधाओं से दूर अनुसंधान प्रशिक्षुओं के लिए स्तरीय कार्यशालाओं की शुरुआत और अवसरों का सृजन करना शामिल है।” उन्होंने बताया कि संस्थान की योजना जल्दी ही इस कार्यक्रम से संबंधित एक ऐप शुरू करने की भी है। 

‘अभ्यास’; ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएचडी के छात्रों को उनके संबंधित विषयों में कौशल विकास को प्रोत्साहित करता है, ताकि वे शोध एवं विकास को बढ़ावा देने में सक्षम हो सकें। इस कार्यक्रम के दो घटक ‘कार्यशाला’ और रिसर्च इंटर्नशिप ‘वृत्तिका’ हैं।

यह विशेष रूप से ऐसे अनुसंधानकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जिनके पास उच्च स्तरीय शिक्षण सुविधाओं या अवसंरचनाओं तक पहुँच के सीमित अवसर हैं। ‘कार्यशाला’ और ‘वृत्तिका’ घटकों के तहत शीतकालीन सत्र (दिसंबर 2020 से जनवरी 2021) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

डॉ महाजन ने बताया कि “इस पहल के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर केंद्रित उच्च स्तरीय कार्यशालाओं के आयोजन की योजना है, जिससे आगामी पाँच वर्षों में करीब 25 हजार पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएचडी छात्रों को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं। इस योजना पर देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा है कि “इन संस्थानों में इन्टर्नशिप के केंद्रीय समन्वयन से प्रतिवर्ष अन्य एक हजार प्रतिभावान स्नातकोत्तर छात्रों को इन्टर्नशिप करने का अवसर मिल सकेगा। सुरक्षित प्रयोगशाला विधियों को लेकर देश में बहुत कम बात होती है। इस योजना के तहत इस ओर भी ध्यान दिया जाएगा।”

‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना मिशन मोड में कार्य करेगी, विशेषकर उस घटक के संबंध में जो देश में सभी प्रमुख वैज्ञानिक समारोहों के एकीकरण का कार्य करेगा। इस संबंध में, सभी वैज्ञानिक मंत्रालयों/विभागों और कुछ अन्य सदस्यों को मिलाकर एक अंतर मंत्रालयी निरीक्षण समिति (आईएमओसी) का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य योजना को कार्यान्वित करने में एसईआरबी की सहायता और समर्थन करना है।

प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने की यह प्रक्रिया देश में क्षमता निर्माण के संबंध में सभी हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। यह योजना देश के वैज्ञानिक समुदाय की सामाजिक जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करने का भी एक प्रयास है। ‘अभ्यास’ के अलावा इस योजना के अंतर्गत संचालित एक अन्य कार्यक्रम ‘समूहन’ है, जिसके घटकों में ‘संयोजिका’ एवं ‘संगोष्ठी’ शामिल हैं।

संयोजिका देश में सभी सरकारी फंडिंग एजेंसियों द्वारा समर्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण गतिविधियों को सूचीबद्ध करने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम है। जबकि, ‘संगोष्ठी’ एसईआरबी द्वारा संचालित एक अन्य  कार्यक्रम है। (इंडिया साइंस वायर) 

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in