धरती पर नए युग को मानव युग (एंथ्रोपोसीन) के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे लिए कोई बड़े गर्व की बात नहीं। जिस तरह से मानव ने प्रकृति को नुकसान पहुंचाया है, यह नाम सटीक ही बैठता है। आज अपने श्रेष्ठ दिमाग के बल पर मानव पृथ्वी पर सबसे कामयाब जीव है, लेकिन उसकी इस कामयाबी का खामियाजा धरती पर हर जीव को उठाना पड़ रहा है।
आज शायद ही ऐसा कुछ हो जिसे मनुष्य ने अपनी जरूरतों के लिए नुकसान न पहुंचाया हो और उसका दोहन न किया हो। प्रकृति के दोहन की इस कहानी में अब एक नया अध्याय और जुड़ गया है। हाल ही में अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर में छपे एक शोध से पता चला है कि धरती पर इंसान इतना ज्यादा निर्माण कर चुका है कि वो 2020 के अंत तक प्राकृतिक तत्वों से भी ज्यादा भारी हो जाएगा। मानव द्वारा निर्मित इन वस्तुओं में प्लास्टिक, लोहा, निर्माण, ईंटें, कंक्रीट आदि सभी कुछ शामिल है।
यह शोध इजरायल के वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार 20वीं शताब्दी की शुरुआत में, मानव-निर्मित वस्तुओं का वजन दुनिया के कुल बायोमास के लगभग 3 फीसदी के बराबर था, जोकि 2020 में प्राकृतिक बायोमास से भी ज्यादा करीब 1.1 टेराटन हो जाएगा। दुनिया में हर व्यक्ति के लिए उसके शरीर के वजन से अधिक वस्तुओं का निर्माण प्रत्येक सप्ताह हो रहा है।
2040 तक 3 टेराटन हो जाएगा इंसानी निर्माण का भार
इस समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 1900 के बाद से अब तक निर्मित हर वस्तु के वजन का अनुमान लगाने का प्रयास किया है और उसकी तुलना पृथ्वी पर मौजूद सभी जैविक तत्वों और जीवों के वजन (जिसे बायोमास के रूप में जाना जाता है) से की है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्लास्टिक की बोतलों से लेकर ईंटों और कंक्रीट जिसका इस्तेमाल हम करते हैं उनका वजन हर 20 वर्षों में दोगुना हो रहा है। जबकि इसके विपरीत प्राकृतिक तत्वों का वजन कम हो रहा है। जंगलों और जीवों का विनाश जिसका मुख्य कारण है।
शोध के अनुसार अकेले प्लास्टिक का वजन ही धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं के वजन से ज्यादा है। जहां जमीन और समुद्र में मौजूद सभी जीवों का वजन करीब 4 गीगाटन है जबकि अकेले प्लास्टिक का वजन 8 गीगाटन के करीब है। उसी तरह सभी पेड़ों और झाड़ियों का वजन 900 गीगाटन है जबकि उसके विपरीत सभी बिल्डिंग्स और रोड एवं अन्य निर्माण का वजन करीब 1,100 गीगाटन है।
अनुमान है कि यदि इंसान इसी दर से निर्माण करता रहा तो 2040 तक इंसानों द्वारा निर्मित सभी वस्तुओं का वजन 1.1 टेराटन से बढ़कर 3 टेराटन हो जाएगा। जिसका मतलब है कि आज इंसान 30 गीगाटन हर वर्ष की दर से वस्तुओं का निर्माण कर रहा है।