10 मिनट में घर में कर सकेंगे कोरोना टेस्ट, वैज्ञानिकों ने बनाया सेंसर

वैज्ञानिकों ने ऐसा सेंसर बनाया है, जो ऐसे लोगों की पहचान कर सकता है जिनमें कोरोना का संक्रमण तो है परंतु उनमें कोई लक्षण नहीं हैं
Photo:  Journal Matter
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कोविड-19 वायरस की एक ऐसी विशेषता है जो इसे इतना मुश्किल बना देती है कि यह आसानी से दूसरों में फैल जाता है। जिस व्यक्ति में अभी तक संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं वह इसे सबसे अधिक फैलाता है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति पूरी तरह से ठीक महसूस कर सकता है और अपने रोजमर्रा के काम पर जा सकता है। यह वायरस काम करने की जगह से लेकर, किसी अन्य सदस्य के घर या सार्वजनिक समारोहों तक पहुंच सकता है।

अब कैलिफोर्निया इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक) के शोधकर्ताओं ने कम लागत वाले सेंसर के साथ एक नए प्रकार का मल्टीप्लेक्स टेस्ट विकसित किया है।  मल्टीप्लेक्स टेस्ट एक ऐसा परीक्षण है जो कई प्रकार के आंकड़ों को एक साथ जोड़ता है। यह लार या रक्त की बहुत कम मात्रा का तेजी से विश्लेषण कर कोविड संक्रमण वाले व्यक्ति की घर पर ही जांच करने में सक्षम है। इस परीक्षण को बिना किसी चिकित्सा पेशेवर के किया जा सकता है, वह भी 10 मिनट से कम समय में।

इस शोध को एंड्रयू और पैगी चेरग मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर वी गाओ की प्रयोगशाला में आयोजित किया गया था। इससे पहले, गाओ और उनकी टीम ने वायरलेस सेंसर विकसित किए हैं, जो रक्त, लार या पसीने में विशिष्ट यौगिकों के निम्न स्तर का पता लगाकर  गठिया जैसी स्थितियों, साथ ही तनाव के स्तर की निगरानी कर सकते हैं। यह शोध मैटर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

गाओ के सेंसर ग्रेफीन से बने होते हैं, जो कार्बन के एक शीट की तरह है। एक लेजर से खोदी गई एक प्लास्टिक शीट छोटे छिद्रों के साथ 3-डी ग्राफीन संरचना उत्पन्न करती है। वे छिद्र संवेदक सतह पर एक बड़ा क्षेत्र बनाते हैं, जो इसे अधिक सटीकता, यौगिकों के साथ पता लगाने के लिए पर्याप्त संवेदनशील बनाता है, जो बहुत कम मात्रा में मौजूद होते हैं। इस सेंसर में, ग्राफीन संरचनाओं को एंटीबॉडी के साथ जोड़ा जाता है, प्रतिरक्षा प्रणाली के अणु जो विशिष्ट प्रोटीन के प्रति संवेदनशील होते हैं, जैसे कि कोविड वायरस की सतह जैसी।

सेंसर के पिछले संस्करणों को हार्मोन कोर्टिसोल के एंटीबॉडी के साथ लगाया गया था, जो तनाव और यूरिक एसिड से जुड़ा होता है, जिसकी उच्च सांद्रता गठिया रोग का पता लगाती है। सेंसर का नया संस्करण, जिसे गाओ ने सार्स-सीओवी-2 रैपिडप्लेक्स नाम दिया है, इसमें एंटीबॉडी और प्रोटीन होते हैं जो इसे वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करते हैं। वायरस से लड़ने के लिए शरीर द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी और सूजन के रासायनिक चिह्न, जो कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता का संकेत देते हैं।

गाओ ने कहा यह एकमात्र सेंसर है जो एक साथ तीन प्रकार के आंकड़ों को लेकर संक्रमण के बारे में जानकारी दे सकता है।  कुछ ही मिनटों में, हम एक साथ इन स्तरों की जांच कर सकते हैं, इसलिए हमें संक्रमण के बारे में एक पूरी तस्वीर मिल जाती है, जिसमें प्रारंभिक संक्रमण, प्रतिरक्षा और गंभीरता शामिल है।

कोविड परीक्षण तकनीकें आमतौर पर परिणाम उत्पन्न करने में घंटों या दिनों का समय लेती हैं। ये तकनीकें भी काफी महंगी होती हैं, इनमें जटिल उपकरणों की आवश्यकता होती है, जबकि गाओ की प्रणाली सरल और छोटी है।

अब तक इस डिवाइस का परीक्षण प्रयोगशाला में केवल उन व्यक्तियों से चिकित्सा अनुसंधान के लिए प्राप्त रक्त और लार के नमूनों की एक छोटी संख्या के साथ किया गया है, जिनमें कोविड-19 के लिए पॉजिटिव या नेगेटिव  परीक्षण किया है। हालांकि प्रारंभिक परिणामों से पता चलता है कि सेंसर अत्यधिक सटीक है। गाओ ने कहा इसकी सटीकता को निश्चित रूप से निर्धारित करने के लिए प्रयोगशाला नमूनों के बजाय वास्तविक दुनिया के रोगियों के साथ बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाना चाहिए।

अब प्रारंभिक अध्ययन पूरा होने के साथ, गाओ अगले परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं कि सेंसर नियमित उपयोग के साथ कितने समय तक चल सकता है, और अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों के साथ उनका परीक्षण शुरू किया जाए। अस्पताल में परीक्षण के बाद, वह घर में उपयोग के लिए परीक्षणों की उपयुक्तता का अध्ययन करना चाहते हैं। परीक्षण के बाद, डिवाइस को घर पर व्यापक उपयोग के लिए उपलब्ध  कराना चाहते हैं।

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