क्या आपके साबुन की गंध से मच्छर हो सकते हैं आकर्षित, जानिए क्या कहती है रिसर्च

रिसर्च के मुताबिक मच्छर केवल खून ही नहीं पीते, यह अपने भोजन के लिए फूलों के नेक्टर पर भी निर्भर करते हैं। ऐसे में साबुनों में फूलों और पौधों की गंध उन्हें आकर्षित या दूर कर सकती है
फोटो: आईस्टॉक
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शोधकर्ताओं का कहना है कि साबुन की सुगंध मच्छर को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। इस बारे में सेल प्रेस के आईसाइंस जर्नल में 10 मई 2023 को प्रकाशित रिसर्च से पता चला है कि कुछ साबुनों के उपयोग से मच्छर आकर्षित होते हैं, जबकि कुछ उन्हें दूर रख सकते हैं। हालांकि रिसर्च के मुताबिक हर व्यक्ति में अपनी एक अनूठी गंध होती है। ऐसे में साबुन और व्यक्ति की अलग गंध के आपसी प्रभावों के चलते मच्छर आकर्षित होंगें या नहीं इसके परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं।

इस बारे में न्यूरोएथोलॉजिस्ट और अध्ययन से जुड़े वरिष्ठ शोधकर्ता क्लेमेंट विनौगर ने बताया कि, "एक व्यक्ति जो बिना नहाए मच्छरों के लिए बेहद आकर्षित होता है वो साबुन के उपयोग के बाद इन मच्छरों के लिए और भी अधिक आकर्षक हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ दूसरे अन्य साबुन उसे मच्छरों के प्रति गैर आकर्षक या मच्छरों को दूर भी रख सकते हैं।

जैसा की हम जानते है कि पुराने समय से ही ही लोग अपने आप को सुगन्धित रखने के लिए साबुन, इत्र और अन्य खुशबूदार उत्पादों का उपयोग करते रहे हैं। देखा जाए तो यह साबुन और खुशबूदार उत्पादों की गंध एक दूसरे के बारे में हमारी धारणा को बदल सकते हैं।  

लेकिन हमें यह नहीं पता था कि क्या यह खुशबूदार उत्पाद मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं और क्या वो इसकी वजह से अपने संभावित शिकार के रूप में देखने और अन्य के बीच में अंतर को समझने के काबिल होते हैं।

क्या है इसके पीछे का विज्ञान

देखा जाए तो मच्छर केवल रक्त ही नहीं पीते, हमें लगता है कि वो केवल रक्त पर जीवित रहते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। उनका मुख्य भोजन स्रोत पौधों से मिलने वाला पराग (नेक्टर) होता है। ऐसे में जब हम फूलों या पौधों की खुशबु से मिलती जुलती गंध वाले उत्पादों का उपयोग करते हैं तो वो मच्छरों के निर्णय लेने की क्षमता को भ्रमित कर सकता है।

अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने साबुन और मच्छरों के आकर्षण के बीच के सम्बन्ध को समझने के लिए चार लोगों पर इसकी जांच की। उन्होंने सबसे पहले इन लोगों की बिना नहाए अपनी रासायनिक गंध की पहचान की, उसके बाद उन्होंने उन पर चार अलग-अलग ब्रांड जिनमें डायल, डव, नेटिव और सिंपल ट्रुथ शामिल थे साबुनों के उपयोग के बाद उनकी जांच की थी।

उन्होंने इसके लिए साबुनों के गंध की प्रोफाइल का भी वर्णन किया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हर किसी की अपनी अलग गंध थी जो इनमें से कुछ को मच्छरों के लिए कहीं ज्यादा आकर्षित बनाती है। वहीं साबुन के उपयोग ने उनकी इस गंध की प्रोफाइल को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया था।

अध्ययन में क्या कुछ निकलकर आया सामने

इस बारे में अध्ययन से जुड़े एक अन्य शोधकर्ता और जीवविज्ञानी च्लोए लाहोंडेरे का कहना है कि हर किसी की अपनी अलग गंध होती है जो एक जैसा साबुन लगाने के बाद भी अलग रहती है। देखा जाए तो आपकी गंध, आप क्या खाते हैं, कहां जाते हैं, आपकी शारीरिक स्थिति क्या है और जीने का तरीका कैसा है इसपर निर्भर करती है।"

उन्होंने आगे बताया कि साबुन न केवल रसायनों की वजह से हमारी गंध को बदल देते हैं। साथ ही वो उन यौगिकों, जो हम स्वाभाविक रूप से पैदा कर रहे हैं उनमें अंतर पैदा करके, गंध में बदलाव कर सकते हैं।

इसके बाद शोधकर्ताओं ने अलग-अलग साबुनों के एक घंटे के उपयोग के बाद इस बात की जांच की कि उन्होंने एडीज एजिप्टी मच्छरों को कितना आकर्षित किया था। इसे समझने के लिए मच्छरों ने विशेष रूप नर मच्छरों पर जांच की थी क्योंकि वो आहार के लिए विशेष रूप से नेक्टर का उपयोग करते हैं। साथ ही शोधकर्ताओं ने लोगों द्वारा पहने गए कपड़ों को भी अध्ययन में शामिल किया है। 

रिसर्च के मुताबिक साबुन ने मच्छरों की प्राथमिकताओं को प्रभावित किया था, लेकिन यह प्रभाव कितना बड़ा और किस दिशा में होगा यह साबुन के प्रकार और लोगों के आधार पर अलग-अलग था। रिसर्च के अनुसार जहां डव और सिंपल ट्रुथ ब्रांड के साबुन से नहाने के बाद मच्छरों का आकर्षण बढ़ गया था, लेकिन ऐसा सभी में देखने को नहीं मिला। वहीं नेटिव ब्रांड के साबुन के उपयोग के बाद मच्छर दूर हो गए थे।

इस बारे में विनौगर का कहना है कि मच्छरों के लिए केमिकल मायने नहीं रखते। बल्कि उनको साबुन में मौजूद केमिकल और व्यक्ति की गंध का संयोजन ज्यादा प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि, "इन सभी साबुनों में लिमोनेन नामक केमिकल है जो मच्छरों को दूर करता है। लेकिन इसके बावजूद चार में से तीन साबुनों ने मच्छरों के आकर्षण को बढ़ाया था।“

शोधकर्ता लाहोंडेरे ने बताया कि रसायनों का अनुपात इस बात को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि मच्छर आकर्षित होते हैं या दूर जाते हैं। इन्हीं रसायनों के अनुपात को बदलने से मच्छरों में आकर्षण या विकर्षण हो सकता है।

मच्छरों को आकर्षित करने और उन्हें दूर करने वाले विशिष्ट अवयवों की पहचान के लिए, शोधकर्ताओं ने विभिन्न साबुनों की रासायनिक संरचना का विश्लेषण किया है। इसके लिए मच्छरों की वरीयता पर उनके प्रभावों को भी ध्यान में रखा गया था। उन्होंने अध्ययन में मच्छरों में आकर्षण से जुड़े चार रसायनों और उन्हें दूर करने वाले तीन रसायनों की पहचान की है। इनमें से एक नारियल की सुगंध वाला रसायन भी है, जो मच्छरों को दूर रख सकता है।

शोधकर्ता अपने आगे के अध्ययनों में इस बात की जांच करना चाहते है कि साबुन की अन्य किस्मों और अन्य लोगों की गंध के बीच क्या कोई सामान्य पैटर्न या नियम है। साथ ही वो यह जानने का भी प्रयास कर रहे हैं कि साबुन लम्बी अवधि में मच्छरों की पसंद-नापसंद को कैसे प्रभावित करता है। मतलब कि यदि आप सुबह स्नान करते हैं तो क्या यह शाम में मच्छरों के लिए मायने रखता है।

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