अनुमान से 10 करोड़ वर्ष बाद हुआ था धरती पर ऑक्सीजन का विकास

धरती पर ऑक्सीजन में महत्वपूर्ण वृद्धि लगभग 243 करोड़ साल पहले हुई थी, जिसे ग्रेट ऑक्सिडेशन एपिसोड की शुरुआत कहते हैं
अनुमान से 10 करोड़ वर्ष बाद हुआ था धरती पर ऑक्सीजन का विकास
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हाल ही में किए एक नए शोध से पता चला है कि धरती पर ऑक्सीजन का विकास वर्तमान अनुमान से करीब 10 करोड़ वर्ष बाद हुआ था। इस विकास ने धरती पर जीवन के लिए मार्ग प्रशस्त किया था। अनुमान है कि धरती पर ऑक्सीजन में महत्वपूर्ण वृद्धि लगभग 243 करोड़ साल पहले हुई थी, जिसे ग्रेट ऑक्सिडेशन एपिसोड की शुरुआत कहते हैं जोकि पृथ्वी के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।

यह जानकारी दक्षिण अफ्रीका में चट्टानों के विश्लेषण में सामने आई है। इससे जुड़ा शोध यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया और अंतराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया है, जोकि जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है। शोध के अनुसार अपनी प्रारंभिक उपस्थिति के बाद ऑक्सीजन में नाटकीय रूप से उतार-चढ़ाव आता रहा है, जब तक कि वो बहुत बाद में वायुमंडल का स्थायी घटक नहीं बन गया था।

यह उतार-चढ़ाव वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन और मीथेन जैसी अन्य ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा के बीच एक सीधे संबंध को स्पष्ट करते हैं जो पृथ्वी पर अतीत में कुछ सबसे चरम जलवायु परिवर्तनों को समझाने में मदद कर सकते हैं। 

समय के साथ आते रहे धरती पर ऑक्सीजन की मात्रा में उतार-चढ़ाव

उस अवधि  के दौरान पृथ्वी ने चार हिमयुगों का अनुभव किया था। जब पूरी धरती लाखों वर्षों तक बर्फ में ढंक गई थी।  इस शोध से जुड़े शोधकर्ता एंड्रे बेकर के अनुसार वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर में आए परिवर्तन ने इन घटनाओं को समाप्त कर दिया था। वैज्ञानिकों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि जब पृथ्वी पर सब कुछ बर्फ से ढंका था, तब उस समय से यह धरती कैसे उबर पाई थी।

उनके अनुसार वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी तो अन्य ग्रीनहाउस गैसों जैसे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी आई थी। इस वजह से सतह के नीचे का तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला गया था। उसी समय ज्वालामुखियों में हुए विस्फोट के चलते धरती गर्म हो गई और बर्फ पिघल गई थी। जिससे बड़ी मात्रा में कार्बनडाइऑक्साइड मुक्त हुई थी। जिसने तापमान में वृद्धि कर दी थी।

बेकर ने बताया कि पहले हम यह सोचते थे कि यदि वातावरण में ऑक्सीजन पहले से ही स्थिर रूप में मौजूद थी तो यह चौथे हिमयुग की घटना क्यों हुई थी। हमें पता चला है कि उस समय तक ऑक्सीजन स्थिर नहीं थी। शोध के अनुसार ऑक्सीजन का स्थायी उदय वास्तव में पैलियोप्रोटेरोज़ॉक एरा में चौथे और अंतिम हिमयुग के बाद हुआ था।

 इस महान ऑक्सीडेशन प्रकरण की शुरुवात के बाद 15 करोड़ वर्षों तक पर्यावरण में स्थिरता बदलाव की दूसरी प्रमुख अवधि तक रही थी। प्रीकैम्ब्रियन युग के अंत तक वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता रहा और इसी तरह जलवायु में बदलाव आते रहे। उनके अनुसार हमें लगता था कि एक बार बढ़ने के बाद ऑक्सीजन का स्तर फिर से नीचे नहीं आएगा पर ऐसा नहीं है, उसमें उतार चढ़ाव आते रहे हैं। जोकि जीवन की उत्पत्ति और उसके विनाश से जुड़ा है।

इस शोध से जुड़े अन्य शोधकर्ता और लीड्स विश्वविद्यालय के जैव-रसायनशास्त्री साइमन पॉल्टन ने बताया कि ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इन उतार चढ़ावों के बीच जटिल जीवन कई बार पनपा और नष्ट हुआ है।

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