भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा उपकरण जो भोजन व पानी में दूषित पदार्थों का आसानी से लगाएगा पता

यह उपकरण पानी और भोजन जैसे चीजों में दूषित पदार्थों की पहचान और मात्रा निर्धारित करने के लिए किफायती और उपयोग में आसान है।
शोधकर्ताओं ने इसके अलावा तकनीक को भारी धातुओं का पता लगाने के लिए पेपर ओरिगेमी तकनीक का उपयोग करके जटिल त्रि-आयामी (3 डी) पेपर-आधारित उपकरणों के निर्माण के लिए भी इसे मान्य किया है।
शोधकर्ताओं ने इसके अलावा तकनीक को भारी धातुओं का पता लगाने के लिए पेपर ओरिगेमी तकनीक का उपयोग करके जटिल त्रि-आयामी (3 डी) पेपर-आधारित उपकरणों के निर्माण के लिए भी इसे मान्य किया है।फोटो साभार: आईस्टॉक
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वैज्ञानिकों ने नई पीएपी (ए-पीएपी) पेन का उपयोग कर पेपर से जुड़े उपकरणों का निर्माण करने के लिए एक अनोखी और किफायती तकनीक विकसित की है। यह एक ऐसा सेंसर है जिसके लिए बहुत अधिक संसाधनों और विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती है, जो इसे उपयोग करने के लिए आसान बनाती है।

हाल के वर्षों में, कागज-आधारित उपकरणों ने अपनी सादगी, किफायतीपन, नष्ट किए जा सकने जैसे गुणों के कारण ये पॉइंट-ऑफ-केयर डायग्नोस्टिक्स या देखभाल और जांच के लिए अहम मानी जा रही है। इंकजेट प्रिंटिंग, वैक्स प्रिंटिंग, लेजर ट्रीटमेंट और करेक्शन पेन जैसे पेपर-आधारित उपकरणों के निर्माण के विभिन्न तरीके हैं।

हालांकि इन निर्माण प्रक्रियाओं में अक्सर जटिल उपकरणों, मशीनरी का उपयोग होता है या गर्म करने व सुखाने के चरणों की जरूरत पड़ सकती है जिससे इनकी उपयोग करने की क्षमता सीमित हो जाती है।

ए-पीएपी पेन का उपयोग करके कागज-आधारित उपकरणों के निर्माण का चित्रण।
ए-पीएपी पेन का उपयोग करके कागज-आधारित उपकरणों के निर्माण का चित्रण।साभार: तलंता ओपन पत्रिका

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाला एक संस्थान, मोहाली के नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) में डॉ. भानु प्रकाश की अगुवाई में शोध टीम ने पीएपी पेन का उपयोग करके एक नई तकनीक विकसित की। इस तकनीक में किसी मशीनरी या गर्म करने या सुखाने के चरणों की जरूरत नहीं पड़ती है और यह एक तरह का डू-इट -योरसेल्फ (डीआईवाई) नजरिए को अपनाता है।

शोधकर्ताओं ने ए-पीएपी पेन का उपयोग करते हुए, भारी धातु और नाइट्रेट की रासायनिक पहचान के लिए दो-आयामी (2 डी) पेपर-आधारित उपकरण बनाए हैं। उन्होंने डोपामाइन का पता लगाने के लिए 2 डी पार्श्व प्रवाह पेपर-आधारित उपकरणों का उपयोग करके जैविक सेंसर के लिए निर्माण तकनीक का भी प्रदर्शन किया है।

शोधकर्ताओं ने इसके अलावा तकनीक को भारी धातुओं का पता लगाने के लिए पेपर ओरिगेमी तकनीक का उपयोग करके जटिल त्रि-आयामी (3 डी) पेपर-आधारित उपकरणों के निर्माण के लिए भी इसे मान्य किया है। उपयोग के लिए तैयार उपकरणों को कुछ सेकंड में बनाया जा सकता है, जिससे वे ऑन-द-स्पॉट परीक्षण के लिए सुविधाजनक बन जाते हैं।

कुल मिलाकर यह तकनीक किफायती, कुशल और सुलभ रासायनिक और जैविक परीक्षणों के समाधान के लिए एक अहम उपकरण प्रदान करती है।

इस उपकरण को किसी भी तरह गर्म करने या सुखाने की जरूरत नहीं है, जो इसे संसाधन-सीमित परिस्थितियों के लिए एक अहम तकनीक बनाती है।

(ए) योजनाबद्ध चित्रण और (बी) चित्र लेने का सेटअप और उसकी डिजिटल छवि।
(ए) योजनाबद्ध चित्रण और (बी) चित्र लेने का सेटअप और उसकी डिजिटल छवि।साभार: तलंता ओपन पत्रिका

पेपर-आधारित उपकरण तेज, सरल और किफायती होते हैं और डू-इट-योरसेल्फ (डीआईवाई) नजरिया विकासशील देशों और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद और किफायती समाधान प्रदान करता है।

गर्म करने या सुखाने वाली अन्य तकनीकों की तुलना में ए-पीएपी पेन का उपयोग करना फायदेमंद होता है, जिससे परीक्षण और सेंसर के प्रयोगों के लिए उपयुक्त बेहतर संपर्क के साथ लगभग 10 सेकंड में इसका निर्माण किया जा सकता है। 3 डी ओरिगेमी उपकरणों जैसे सरल और जटिल उपकरणों का निर्माण करने तक फैली हुई है।

यह उपकरण पानी और भोजन जैसे चीजों में दूषित पदार्थों की पहचान और मात्रा निर्धारित करने के लिए एक किफायती और उपयोग में आसान है। यह विधि सस्ती और पता लगाने लिए एक अहम समाधान प्रदान करती है, विशेष रूप से ऐसी परिस्थितियों में जहां संसाधन सीमित होते हैं और प्रयोगशाला के उपकरण भी नहीं होते हैं। यह शोध तलंता ओपन पत्रिका में प्रकाशित किया गया है

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