दुनिया भर में सड़कों के नीचे डाली गई कंक्रीट की सीवर लाइन क्यों फेल हो जाती हैं, वैज्ञानिकों ने इसकी वजह ढूंढ ली है। उनके अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि या तो उनका कंक्रीट ज्यादा मजबूत नहीं होता या फिर वो उनके ऊपर से जाने वाले ट्रकों और भारी वाहनों का वजन नहीं सह पाती। यह जानकारी ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए एक शोध में सामने आई है जो जर्नल स्ट्रक्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में प्रकाशित हुआ है।
दुनिया भर के कई शहरों में सीवर लाइन का फेल हो जाना एक बड़ी समस्या है। इससे ने केवल वहां रहने वाले लोगों को असुविधा होती है बल्कि साथ ही इसको ठीक करने पर धन की भी बर्बादी होती है। सीवर से होने वाले प्रदूषण से स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है और पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। यह शोध सांख्यिकीय विश्लेषण पर आधारित है जिसमें 16 सामान्य कारकों में से इन दो कारकों को इसकी सबसे बड़ी वजह माना है।
इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में सिविल, पर्यावरण और जियोडेटिक इंजीनियरिंग के सहयोगी प्रोफेसर अब्दुल्ला शफीज़ादेह ने बताया कि "जमीन के नीचे इन सीवर लाइन्स का जाल बिछा होता है, जो दिन रात काम करती रहती है। यदि इनमें रुकावट आ जाए या फिर रिसाव होने लगे तो वो एक बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। इससे ने केवल असुविधा होती है साथ ही यह आर्थिक और पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह होती है।"
इन सीवर लाइन्स की मरम्मत और रखरखाव पर भी काफी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स के अनुसार 2017 में यूएस सीवर सिस्टम को दुरुस्त बनाए रखने पर करीब 11,22,653 करोड़ रुपए (15,000 करोड़ डॉलर) का खर्च आया था। यह शोध अमेरिका में किया गया है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने सीवर पाइप के आसपास की मिट्टी का घनत्व, कंक्रीट सामग्री की मजबूती और लोचशीलता, सड़क के ऊपर से निकलने वाले वाहनों और ट्रकों के वजन जैसी चीजों के आंकड़े एकत्र किए। फिर इसके आधार पर उन्होंने एक स्टैटिस्टिकल मॉडल बनाया है जिसकी मदद से पाइप के ऊपर सभी कारकों के पड़ने वाले दबाव और उनके अलग-अलग प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
निष्कर्ष से पता चला है कि यदि कंक्रीट कमजोर होता है और उसका ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता तो इसमें आने वाली दरारें सीवर पाइप की संरचना और उसकी मजबूती को प्रभावित करती है। ऊपर से भारी ट्रक इन दरारों को और बढ़ा देता हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार यह पहला संकेत है कि सीवर पाइप अब कमजोर पड़ रही है और ढह सकती है। अब्दुल्ला शफीज़ादेह के अनुसार यह केवल अमेरिका की समस्या नहीं है बल्कि दुनिया भर के कई देश और शहर इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार इन देशों और शहरों में जो सीवर सिस्टम लगाया गया है, वो वर्षों पुराना है, अब उसका रखरखाव करना अपने आप में एक समस्या है। यह सिस्टम जटिल होते हैं और उनका रखरखाव महंगा होता है। शहरों के नीचे अक्सर हजारों मील लम्बे सीवर पाइप होते हैं। चूंकि वो जमीन के नीचे होते हैं इसलिए उनमें यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, तो उसे खोजना आसान नहीं होता है।
ऐसे में शोधकर्ताओं को भरोसा है कि यह जानकारी भविष्य के लिए सीवर सिस्टम को डिज़ाइन करने में मददगार हो सकती है। इसकी मदद से हम इन सीवर लाइन्स के फेल होने की वजह को जान सकते हैं। साथ ही वर्तमान में पाइपों की दशा और भविष्य की स्थिति का आंकलन कर सकते हैं।