आगामी 2 अक्टूबर को देश 100 फीसदी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने का जश्न मनाएगा, लेकिन क्या यह मिशन सच में सफल रहा, उसके सात दिन पहले ही मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में हुई एक घटना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि खुले में शौच करने पर इस जिले के सिरसौद इलाके में दो बच्चों की हत्या कर दी गई।
जिले के एसपी राजेश चंदेल ने बताया कि बुधवार सुबह भावखेड़ी गांव में सड़क किनारे दो बच्चे मृत पाए गए, जिसके बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। रोशनी (12) और अविनाश (10) नाम के दो बच्चे सड़क के किनारे घायल अवस्था में मिले। दोनों के शरीर पर चोट के निशान से पता चलता है कि इनको पीटा गया है।
रोशनी के भाई मनोज वाल्मिकी ने बताया कि सुबह लगभग 6.30 रोशनी और अविनाश घर से शौच के लिए निकले और कुछ दूरी पर शौच कर रहे थे कि तब ही वहां पर गांव का ही हाकिम यादव व उसके साथ एक अन्य युवक वहां पहुंचे और दोनों बच्चों को खुले में शौच करने से रोकने लगे, लेकिन बच्चे नहीं माने तो उन्होंने बच्चों को पीटना शुरू कर दिया। मनोज के मुताबिक, शोर सुनकर जब वह मौके पर पहुंचा तो बच्चे बुरी तरह घायलावस्था में थे। जिनकी कुछ देर बाद मौत हो गई।
मनोज ने बताया कि हाकिम यादव की वजह से ही उनका परिवार घर में शौचालय तक नहीं बना पाया था और आए दिन परेशान करता रहता था। हाकिम उनके परिवार के लोगों को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करता है और हैंडपंप से पानी तक नहीं भरने देता है।
उधर, एसपी राजेश चंदेल के मुताबिक पीड़ित पक्षों के द्वारा लगाए आरोपों की जांच हो रही है। चंदेल के मुताबिक, यह सीधा-सीधा खुले में शौच का मामला नहीं लग रहा है, बल्कि पुरानी रंजिश का लग रहा है, लेकिन इतना जरूर है कि आरोपियों ने बच्चों पर जब हमला किया, उस समय बच्चे खुले में शौच कर रहे थे।