तेलंगाना राज्य में सिकंदराबाद कैंटोनमेंट बोर्ड और ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कारपोरेशन को मिलाकर कुल 143 शहरी निकाय हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 और इंडियन सैनिटेशन लीग में बेहतरीन प्रदर्शन और पुरस्कार प्राप्त करने वाली 19 निकायों को 2 करोड़ रुपए प्रति निकाय प्रोत्साहन धनराशि, राज्य की तरफ से दिए जाने की संस्तुति की गई है। जिनमें से 9 शहरी निकाय 20,000 से कम जनसंख्या वाले है। इन कम जनसंख्या वाले निकायों के लिए यह बड़ी धनराशि किसी सौगात से कम नहीं।
स्वच्छता की राह नहीं है आसान:
अन्य राज्यों की भांति तेलंगाना राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में पूर्ण उत्साह के साथ प्रतिभाग करता है। यही कारण है कि राज्य के प्रत्येक शहरी निकाय में एफएसटीपी (फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाए जाने का कार्य किया गया। इसके अतिरिक्त सिटी सैनिटेशन एक्शन प्लान के तहत सभी बड़ी निकायों में एसटीपी बनाए जाने का प्लान एसबीएम पोर्टल एवं संबंधित को जमा किया गया है।
शहरी निकाय 10 लाख से अधिक आबादी वाले को कचरा मुक्त शहर या गार्बेज फ्री सिटी 1 स्टार 3 स्टार रैंकिंग के लिए 16 पैरामीटर क्वालीफाई उत्तीर्ण करना आवश्यक है। जबकि ऐसे शहरी निकाय जो 5 स्टार या 7 स्टार रैंकिंग प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें 24 इंडिकेटर या मानक क्वालीफाई करना आवश्यक है।
राज्य और निकाय स्तर की क्या हैं समस्याएं:
आयुक्त और नगर प्रशासन के निदेशक कार्यालय में कार्यरत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट दंडामुडी फनि ने गार्बेज फ्री (कचरा मुक्त) सिटी प्रोटोकॉल में व्याप्त कई कमियों को डाउन टू अर्थ से साझा किया।
दो करोड़ की प्रोत्साहन राशि से क्या कर सकते हैं?
ऐसे निकाय जिनका वार्षिक बजट रुपए 30,00,000/- था उनके लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में प्राप्त दो करोड़ रुपए जो कि उनके वार्षिक बजट का लगभग 6 गुना है जिसे वे स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित कार्यों में उपयोग में ला सकते हैं। तेलंगाना टीम ने डाउन टू अर्थ को बताया कि राज्य, इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणाम घोषणा के उपरांत इतने बड़े स्तर पर निकायों को प्रोत्साहित करने वाला पहला राज्य भी है। इस सराहनीय कदम से राज्य में न सिर्फ स्वच्छ भारत संबंधित कार्य कार्यों को गति मिलेगी बल्कि स्वच्छता से एक स्वस्थ राज्य बनने में आसानी होगी।
स्वच्छ सर्वेक्षण टूलकिट और जी एफ सी प्रोटोकोल में सुधार किए जाने की आवश्यकता है:--