चोखो चूरू ने कैसे बदली गांवों की तस्वीर?

खुले में शौच से मुक्ति के लिए चलाए गए एक अनोखे अभियान की जमीनी रिपोर्ट

राजस्थान के चूरू जिले की बनियाला पंचायत खुले में शौच से मुक्त के लिए चर्चा में रहा है। इसे ग्रामीण राजस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।

साल 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार बनियाला पंचायत में लगभग 80 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं थे। इस गंभीर हालत के बीच राजस्थान में चूरू जिला प्रशासन में तत्कालीन जिला कलेक्टर रोहित गुप्ता के नेतृत्व में 2012 में एक अभियान शुरू किया गया।

इस अभियान का नाम था 'चोखो चूरू' अभियान। इसका अर्थ है स्वच्छ चूरू। इसका उद्देश्य जिले में खुले में शौच को रोकना था। परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया गया।

पहले चरण में तारानगर ब्लॉक को चुना गया। दूसरे चरण में सरदारशहर, चूरू और राजगढ़ को चुना गया और अंतिम चरण में रतनगढ़, सुजानगढ़ और बीदासर को चुना गया।

चूरू में 254 ग्राम पंचायतों में 263,052 परिवार हैं, जिनमें से 129,222 परिवार में शौचालय नहीं है।

कुछ साल पहले डाउन टू अर्थ की टीम ने इस क्षेत्र में जाकर जमीनी पड़ताल की और एक वीडियो रिपोर्ट तैयार की।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in