रीसाइक्लिंग के लिए भेजे जा रहे कचरे में बढ़ रही है रेडियोधर्मी प्रदूषण की मात्रा, संयुक्त राष्ट्र ने किया आगाह

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि रेडियोधर्मी दूषित इन धातुओं का उपयोग यदि घरेलू सामान बनाने के लिए किया जाता है तो वो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं
औद्योगिक क्षेत्र में मेटल स्क्रैप से भरा ट्रक; फोटो: आईस्टॉक
औद्योगिक क्षेत्र में मेटल स्क्रैप से भरा ट्रक; फोटो: आईस्टॉक
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अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने आगाह किया है कि रेडियोधर्मी सामग्री या उससे दूषित उपकरण तेजी से स्क्रैप रीसाइक्लिंग चेन में प्रवेश कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। आईएईए ने हाल ही में परमाणु और अन्य रेडियोधर्मी सामग्री की अवैध तस्करी पर वार्षिक आंकड़ें जारी किए हैं। आपकी जानकरी के लिए बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी संयुक्त राष्ट्र का एक स्वायत्त संगठन है।

यह नवीनतम आंकड़े आईएईए के आईटीडीबी डेटाबेस से लिए गए हैं, जो इस तरह की रेडियोधर्मी घटनाओं और तस्करी से जुड़ा डेटाबेस है। इस डेटाबेस में करीब 143 सदस्य राष्ट्र और अंतराष्ट्रीय एजेंसियां, परमाणु और अन्य रेडियोधर्मी सामग्री की अवैध तस्करी से जुड़ी घटनाओं की जानकारी साझा करती हैं। यह डेटाबेस आईएईए की परमाणु सुरक्षा योजना का ही एक हिस्सा है।

हालांकि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आम लोगों के लिए इन विशिष्ट घटनाओं का खुलासा नहीं करता है वो केवल सदस्यों द्वारा साझा की गई वार्षिक जानकारी के केवल रुझानों को साझा करता है। इस बार की रिपोर्ट में 31 दिसंबर, 2022 तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि इस डेटाबेस के लिए सदस्य घटनाओं को तीन समूहों में रिपोर्ट करते हैं। आईएईए के मुताबिक समूह I में ऐसी घटनाओं को शामिल किया जाता है जो, "तस्करी या दुर्भावनापूर्ण उपयोग से जुड़ी हैं, या होने की संभावना है", जबकि दूसरे समूह में "अनिर्धारित इरादे की घटनाओं" को कवर किया जाता है। वहीं समूह III में "ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट किया जाता है जो तस्करी या दुर्भावनापूर्ण उपयोग से संबंधित नहीं हैं, न उनके होने की संभावना है।"

देखा जाए तो इस समूह में मुख्य रूप से, "अलग-अलग तरह के मैटेरियल की रिकवरी को शामिल किया जाता है, जैसे उनके अनियंत्रित स्रोतों की खोज, अनधिकृत तरीके से निपटान की गई सामग्री का पता लगाना। साथ ही इसमें रेडिएशन से दूषित सामग्री सहित परमाणु या अन्य रेडियोधर्मी मैटेरियल के अनजाने में अनधिकृत कब्जे के साथ-साथ उसके शिपमेंट का पता लगाना शामिल है।

परमाणु एजेंसी द्वारा जारी इस नवीनतम डेटासेट के अनुसार, समूह III में रेडियोधर्मी स्रोतों के अनाधिकृत निपटान से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को शामिल किया गया है जो स्क्रैप मेटल या वेस्ट रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री में पहुंच जाते हैं। इस तरह रेडियोधर्मी सामग्री से दूषित यह स्क्रैप मेटल्स अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भेज दिए जाते हैं जहां विभिन्न सामानों में इन रेडियोधर्मी स्रोतों का पता लगाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, 2022 में ऐसे 130 मामले सामने आए हैं। आईएईए डेटासेट का कहना है, "पिछले एक दशक में इस तरह की घटनाओं की औसत वार्षिक संख्या करीब 131 रही है।" ऐसे में 2022 में जो घटनाएं सामने आई है उनको देखकर लगता है कि इन घटनाओं के सामने आने के दर ऐतिहासिक औसत पर जारी है।

इस डेटासेट के साथ जारी नोट में यूएन एजेंसी ने कहा कि, "ऐसी घटनाओं का होना रेडियोधर्मी सामग्री के नियंत्रण और सुरक्षित निपटान के लिए बनाए सिस्टम में मौजूद कमियों को दर्शाता है।“

जानकारी मिली है कि 2003 से 2005 के बीच सामने आई ऐसी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई थी। आईएईए ने इसका श्रेय स्क्रैप मेटल सुविधाओं और राष्ट्रीय सीमाओं पर विकिरण निगरानी प्रणालियों में हुई वृद्धि को दिया है।

अनुमान है कि रेडिएशन-युक्त अपशिष्ट उत्पादों के साथ-साथ इनसे दूषित जहाज आदि वाहनों को खतरे की परवाह किए बिना तेजी से रीसायकल किया जा रहा है। जो इस बात को पुख्ता करता है कि 1993-2022 के बीच इस समूह में रेडियोधर्मी स्रोतों के तहत आधे से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं हैं।

हालांकि ऐसी केवल 10 फीसदी घटनाओं में समृद्ध यूरेनियम, प्लूटोनियम और प्लूटोनियम-बेरिलियम न्यूट्रॉन स्रोत शामिल हैं। इसके बावजूद, कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम युक्त स्क्रैप मेटल को स्क्रैपयार्ड में लाया गया था।

2021 की तुलना में 38 फीसदी ज्यादा घटनाएं की गई दर्ज

इस बारे में आईएईए का कहा है कि, "हाल के वर्षों में, इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या में मेटल रीसायकल कड़ियों का पता लगाना और रेडियोधर्मी पदार्थों से दूषित वस्तुओं की जानकारी प्राप्त करना शामिल है।“संगठन का कहना है कि यह दर्शाता है कि अब भी कुछ देश रेडियोधर्मी सामग्रियों के अनुचित निपटान को रोकने और पहचानने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उनके अनुसार इस तरह के प्रदूषण का सबसे आम स्रोत फीड सामग्री है, जो ज्यादातर मामलों में मेटल या उससे निर्मित उत्पाद होते हैं। स्वास्थ्य के लिए खतरा तब और बढ़ जाता है जब इस रेडिएशन-युक्त स्क्रैप को उपयोग के लिए अन्य उत्पादों में रीसायकल किया जाता है।

ऐसे में आईएईए का इस बारे में कहना है कि, "अक्सर मेटल रीसायकल उद्योग से बहुत अधिक मात्रा में फीड सामग्री प्राप्त की जाती है और उसे पिघलाया जाता है। यह स्क्रैप अज्ञात रेडियोधर्मी स्रोतों जैसे कोबाल्ट - 60 आदि से दूषित हो सकते हैं।

आईएईए ने चेतावनी दी है कि, "इन दूषित मेटल्स को यदि घरेलू सामान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है तो वो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है।" यदि इस तरह की घटनाओं के सभी समूहों को देखें तो आईएईए  ने 2022 में ऐसी 146 घटनाओं की जानकारी दी है, जोकि 2021 की तुलना में करीब 38 फीसदी ज्यादा है।

देखा जाए तो 1993 में इस रिपोर्टिंग प्रणाली की स्थापना के बाद से कुल 4,075 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा घटनाएं समूह III से जुड़ी थी, जिनकी कुल संख्या 2,695 थी। वहीं ग्रुप I के तहत 344 मामले और ग्रुप II के तहत 1,036 घटनाएं सामने आई हैं।

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