विश्व अस्थमा दिवस 2024: हर साल 4,50,000 से अधिक मौतों का कारण बनता है अस्थमा

दुनिया भर में अस्थमा हर साल 26 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करता है।
विश्व अस्थमा दिवस पहली बार 1998 में मनाया गया था और हर साल यह विश्व स्तर पर अस्थमा से संबंधित सबसे अहम कार्यक्रमों में से एक बन गया है।
विश्व अस्थमा दिवस पहली बार 1998 में मनाया गया था और हर साल यह विश्व स्तर पर अस्थमा से संबंधित सबसे अहम कार्यक्रमों में से एक बन गया है।
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हर साल विश्व अस्थमा दिवस मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस साल विश्व अस्थमा दिवस सात मई को पड़ रहा है।

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर कहा कि उन्होंने विश्व अस्थमा दिवस 2024 के उपलक्ष्य में, "अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण" की थीम चुनी है। वेबसाइट के मुताबिक, जीआईएनए अस्थमा से पीड़ित लोगों को उनकी बीमारी का प्रबंधन करने के लिए उचित शिक्षा के साथ सशक्त बनाने और यह पहचानने की आवश्यकता पर जोर देता है। यह भी सुनिश्चित करता है कि उन्हें कब चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

साथ ही जीआईएनए ने अपनी वेबसाइट के हवाले से कहा है कि वह, स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले पेशेवरों से अस्थमा से होने वाली निरंतर रुग्णता और मृत्यु दर और अस्थमा के प्रभावी प्रबंधन पर प्रकाशित साक्ष्य के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया जाता है, ताकि वे रोगियों को विश्वसनीय जानकारी और अधिकतम उपचार प्रदान करने में सक्षम हों।

अस्थमा सबसे आम और लंबे समय तक रहने वाला गैर-संचारी रोगों में से एक है। इसके कारण फेफड़ों के वायुमार्ग बहुत संकीर्ण हो जाते हैं या उसमें सूजन आ जाती है, जिसके कारण हवा फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाती है। इससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा की मामूली बीमारी भी रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर डाल सकती है। अस्थमा के कुछ सामान्य लक्षण सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होना आदि हैं। 

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) के मुताबिक, अस्थमा 26 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। इसके कारण दुनिया भर में हर साल 4,50,000 से अधिक मौतें हो जाती है, जिनमें से अधिकांश को रोका जा सकता है।

जिन प्रमुख जरूरी मुद्दों पर शिक्षा की जरूरत है, वे हैं कम या गलत जांच, एंटी-इंफ्लेमेटरी इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड इनहेलर का कम उपयोग, शॉर्ट-एक्टिंग बीटा2-एगोनिस्ट (एसएबीए) इनहेलर का अधिक उपयोग और उन पर अधिक निर्भरता। विशेषज्ञ मूल्यांकन और आगे के प्रबंधन की आवश्यकता वाले रोगियों की सही से पहचान न करना।

निम्न-मध्यम आय वाले देशों में, इनहेल्ड दवाओं और विशेष रूप से इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड युक्त इनहेलर की उपलब्धता की कमी इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार है, इस कारण इन देशों में अस्थमा के कारण 90 फीसदी से अधिक मौतें होती हैं।

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) ने नीति निर्माताओं और दवा उद्योग से आग्रह किया है कि वे इस आम बीमारी से जुड़ी रोकथाम योग्य रुग्णता के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं कि पर्यावरण के अनुकूल श्वास द्वारा ली जाने वाली दवाएं सभी देशों में उपलब्ध हों, ताकि कोई भी पीछे न छूटे।

विश्व अस्थमा दिवस पहली बार 1998 में मनाया गया था और हर साल यह विश्व स्तर पर अस्थमा से संबंधित सबसे अहम कार्यक्रमों में से एक बन गया है। विश्व अस्थमा दिवस पर, दुनिया भर के देशों में सैकड़ों जागरूकता-बढ़ाने वाली गतिविधियां होती है। 

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