समुद्र की गहराइयों में टर्बिडिटी करंट की मदद से जमा होता है प्लास्टिक: अध्ययन

टर्बिडिटी धाराएं पहले से जमा प्लास्टिक को पकड़ सकती हैं और उन्हें आने वाले कई सालों तक समुद्री क्षेत्र की गहराई में और भी आगे ले जा सकती हैं।
साल 2019 में महासागर के सबसे गहरे हिस्से की खोज के दौरान, समुद्र तल से लगभग 11,000 मीटर नीचे प्लास्टिक की थैलियां पाई गई।
साल 2019 में महासागर के सबसे गहरे हिस्से की खोज के दौरान, समुद्र तल से लगभग 11,000 मीटर नीचे प्लास्टिक की थैलियां पाई गई।फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स
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प्लास्टिक प्रदूषण हमारे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और वहां रहने वाले जीवों के स्वास्थ्य के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। हर साल एक करोड़ मीट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक का कचरा समुद्री इलाकों में समाता है।

अक्सर मछली पकड़ने के जाल और प्लास्टिक की थैलियों में फंसे कछुओं और समुद्री जीवों के साथ सतह के प्लास्टिक को देखा जा सकता है। साल 2019 में महासागर के सबसे गहरे हिस्से की खोज के दौरान, समुद्र तल से लगभग 11,000 मीटर नीचे प्लास्टिक की थैलियां पाई गई थी।

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साल 2019 में महासागर के सबसे गहरे हिस्से की खोज के दौरान, समुद्र तल से लगभग 11,000 मीटर नीचे प्लास्टिक की थैलियां पाई गई।

जबकि प्लास्टिक के छोटे कण समुद्र तल में डूब जाते हैं, प्लास्टिक का कूड़ा तलछट से भरे पानी के बड़े गुरुत्वाकर्षण और पानी के थपेड़ों के माध्यम से जमा होता है, जिसे टर्बिडिटी धाराओं के रूप में जाना जाता है। ये तेज बहाव में 20 मीटर प्रति सेकंड तक की रफ्तार से बह सकते हैं और समुद्री घाटियों का विस्तार कर सकते हैं जबकि भारी मात्रा में तलछट, पोषक तत्व और प्रदूषकों को भी गहरे समुद्र तक पहुंचा सकते हैं।

जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित नए शोध में पानी के नीचे की घाटियों में टर्बिडिटी धाराओं और प्लास्टिक के कूड़े के जमा होने के बीच संबंध का पता लगाया। ऐसा करने के लिए शोधकर्ताओं ने 2018 से 2020 के बीच दक्षिण चीन सागर के किओंगडोंगनान इलाके के मानवयुक्त पनडुब्बी की मदद से बाथिमेट्रिक आंकड़े, यानी पानी के नीचे समुद्र तल की स्थलाकृति और ऊंचाई के लिए वीडियो का उपयोग किया, साथ ही कम्प्यूटेशनल पानी की गति वाले मॉडल का भी उपयोग किया गया।

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इन आंकड़ों को मिलाकर, मॉडल ने 5.5 घंटे तक चलने वाले सिमुलेशन में विभिन्न समुद्री तल स्थलाकृतियों पर तलछट के फैलाव पैटर्न का पूर्वानुमान लगाने के लिए हाइड्रोलिक मापदंडों की एक श्रृंखला का परीक्षण किया। इसमें 100 मीटर तक की एक घाटी के आकार को निर्धारित करना शामिल था, जहां से टर्बिडिटी करंट शुरू होता है और जिसमें तलछट के आकार, कण घनत्व, तलछट की मात्रा, प्लास्टिक के कड़ों का आकार, प्रवाह की रफ्तार को बनाए रखना भी शामिल था।

शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने टर्बिडिटी करंट के प्रवाह पैटर्न के शुरुआती चालक के रूप में पनडुब्बी घाटी की आकृति विज्ञान की पहचान की, जिससे प्लास्टिक के कूड़े के जमा होने वाली जगहें बनती हैं। विशेष रूप से, 30 मीटर की गहराई में टर्बिडिटी करंट में फंसे हुए मलबे का पता किया, जिसमें 88 फीसदी प्लास्टिक का कूड़ा अध्ययन किए गए इलाकों के चार जगहों तक ही सीमित था।

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शोधकर्ताओं ने शोध के हवाले से कहा कि पानी की रफ्तार, अशांत प्रवाह के आधार पर टर्बिडिटी धारा के तलछट और प्लास्टिक मलबे के जमाव पर नियंत्रण रखने वाला प्रमुख कारण है। उन्होंने पाया कि कम रफ्तार की टर्बिडाइट जमाव के साथ जुड़ा हुआ था।

यह शोध बहुत अहम है क्योंकि प्लास्टिक टर्बिडिटी प्रवाह में तलछट से अलग तरह से व्यवहार करते हैं, जहां उनका घनत्व अपने आप जमाव पैटर्न के साथ जुड़ा हुआ नहीं होता है। इसके बजाय, प्लास्टिक की उछाल उन्हें अधिक रफ्तार प्रदान कर सकती है, जिससे वे समुद्र तल पर अधिक दूरी तय कर सकते हैं।

इसके अलावा बाद के बिंदु पर अधिक ऊर्जावान और इसलिए नष्ट करने वाली, टर्बिडिटी धाराएं पहले से जमा प्लास्टिक को पकड़ सकती हैं और उन्हें आने वाले कई सालों तक समुद्री क्षेत्र की गहराई में और भी आगे ले जा सकती हैं।

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