संसद में आज: देश में प्रदूषित पानी के कारण कितनी मौतें होती हैं, मंत्रालय के पास इसकी जानकारी नहीं

अर्थव्यवस्था के कुल सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में कृषि की हिस्सेदारी 1990-91 में 35 फीसदी से घटकर 2022-23 में 15 फीसदी रह गई है।
संसद में आज: देश में प्रदूषित पानी के कारण कितनी मौतें होती हैं, मंत्रालय के पास इसकी जानकारी नहीं
Published on

संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, सदन में जल प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों को लेकर सवाल पूछा गया, अपने लिखित जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने राज्यसभा में बताया कि जल प्रदूषण के कारण देश में कितनी मौतें होती हैं, ऐसी कोई जानकारी मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है।

बघेल ने कहा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा समितियों के सहयोग से, राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के तहत स्टेशनों के एक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में नदियों और अन्य जल निकायों की जल गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। बघेल ने आगे कहा कि जल गुणवत्ता निगरानी परिणामों के आधार पर, सीपीसीबी द्वारा समय-समय पर नदियों के प्रदूषण का आकलन किया जाता रहा है।

देश में बढ़ रहा मधुमेह का बोझ

वहीं सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आज, राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने राज्यसभा में 2023 में प्रकाशित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद - भारत में मधुमेह (आईसीएमआर इंडियाबी) अध्ययन का हवाला देते हुआ बताया कि देश में मधुमेह का प्रसार 10.1 करोड़ है।

स्वास्थ्य खर्च का बढ़ता बोझ

सदन में सवालों का सिलसिला जारी रहा, एक और सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने बताया कि 2014 और 15 से 2019 और 20 की अवधि के दौरान कुल स्वास्थ्य व्यय 35.71 फीसदी बढ़ गया था, जबकि सरकारी स्वास्थ्य व्यय 2014 और 15 से 2019 और 20 के दौरान 94.03 फीसदी बढ़ गया है। इसी अवधि के दौरान इलाज पर होने वाला जेब खर्च (ओओपीई) के रूप में 62.6 फीसदी से घटकर 47.1 फीसदी हो गया है।

देश में मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के मामले

दवा प्रतिरोधी टीबी को लेकर सदन के पटल पर उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 का हवाला देते हुए बताया कि, भारत में दवा प्रतिरोधी टीबी के मामलों की संख्या 2015 में लगभग 1.4 लाख से 21 फीसदी कम होकर 2022 में 1.1 लाख रह गई थी।

पवार ने  कहा सरकार ने आणविक निदान सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ा दी है और इस प्रकार दवा प्रतिरोध की उपस्थिति के लिए जांच किए जाने वाले टीबी रोगियों के अनुपात में वृद्धि हुई है।

तम्बाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य कर

देश में बढ़ते तम्बाकू उत्पादों के उपयोग पर समय-समय पर चिंता जताई जाती है, वहीं सदन में इसको लेकर पूछे गए के सवाल के जवाब में आज, वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि  वर्तमान में, तंबाकू उत्पादों पर 28 फीसदी की उच्चतम जीएसटी दर लागू है।

उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा निर्दिष्ट तंबाकू उत्पादों पर मूल उत्पाद शुल्क, राष्ट्रीय आकस्मिक आपदा शुल्क (एनसीसीडी) और जीएसटी मुआवजा उपकर भी लगता है। केंद्रीय बजट 2023 और 24 में, निर्दिष्ट सिगरेट पर उत्पाद शुल्क के रूप में लगाए गए राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) की दर में लगभग 16 फीसदी की वृद्धि की गई थी।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री

वहीं सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में बताया देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में कोई कमी नहीं आई है। ई-वाहन पोर्टल (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) के अनुसार, 15 दिसंबर 2023 तक देश में कुल 8,19,223 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए हैं।

सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान

सदन के पटल पर उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि अर्थव्यवस्था के कुल सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में कृषि की हिस्सेदारी 1990-91 में 35 फीसदी से घटकर 2022-23 में 15 फीसदी रह गई है।

मुंडा ने कहा यह गिरावट कृषि जीवीए में गिरावट से नहीं बल्कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र जीवीए में तेजी से विस्तार के कारण आई है। विकास के संदर्भ में, कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों ने पिछले पांच वर्षों के दौरान चार फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। जहां तक वैश्विक अनुभव का सवाल है, दुनिया की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी में भी पिछले दशकों में गिरावट आई है और हाल के वर्षों में यह लगभग चार फीसदी है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड

मृदा स्वास्थ्य कार्ड को लेकर सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि अब तक किसानों को 23.58 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। अब, इन योजनाओं को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता घटक के रूप में विलय कर दिया गया है। योजना के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर किसानों को विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in