संसद में आज: भारत में पिछले चार सालों में 73,576 लघु उद्यमियों ने पंजीकरण रद्द करवाया

चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में भूजल निकासी का स्तर 100 फीसदी से अधिक है
फोटो साभार :सीएसई
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देश में लघु उद्योगों का बंद होना

लघु उद्योगों के बंद होने के संबंध में सदन में उठाए गए प्रश्न के उत्तर में आज सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने बताया कि, उद्यम पंजीकरण पोर्टल के अनुसार, एक अगस्त 2020 से 29 मार्च, 2023 को अपनी स्थापना के बाद, एमएसएमई की संख्या जिन्होंने पूरे भारत में अपने उद्यम पंजीकरण को रद्द किया उनकी  संख्या 73,576 थी।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड

आज सदन में  उठे एक सवाल का जवाब देते हुए प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि, प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम लागू किए गए हैं। इनमें पूरे देश में स्वच्छ और हरित ईंधन तक पहुंच बनाने में मदद करना, गैस स्रोतों को प्रमुख मांग केंद्रों से जोड़ना, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी), उर्वरक को गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पावर, पेट्रोकेमिकल, स्टील, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर आदि, देश में प्राकृतिक गैस के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और राष्ट्रीय गैस ग्रिड (एनजीजी) को लागू करने का काम किया गया है।

तेली ने बताया कि, एनजीजी, सरकार के विकास के हिस्से के रूप में उत्तर पूर्व गैस ग्रिड (एनईजीजी) और जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) नामक दो पाइपलाइनों को आर्थिक रूप से मदद दी गई है। सरकार ने जेएचबीडीपीएल के कार्यान्वयन के लिए गेल को 5,176 करोड़ रुपये का वायबिलिटी गैप फंड (वीजीएफ) और एनईजीजी के कार्यान्वयन के लिए इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड (आईजीजीएल) को 5,559 करोड़ रुपये दिए हैं, जो राष्ट्रीय गैस ग्रिड का हिस्सा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 तक, गेल को 4,926.25 करोड़ रुपये और आईजीजीएल को 2558.53 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं और इसका उपयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में किया गया है।

जैव ईंधन पर नीति

आगे बढ़ते हुए राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जैव ईंधन को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में  बताया कि, सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। पेट्रोल में इथेनॉल के 20 फीसदी सम्मिश्रण के लक्ष्य को 2025-26 से 2030 तक विकसित किया जाएगा। फरवरी, 2023 में ई-20 (20 फीसदी इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) ईंधन लॉन्च किया गया।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सीएनजी और पीएनजी का उपयोग

सदन में सवालों के जवाब के क्रम को आगे बढ़ाते हुए राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि, देश भर में प्रदूषण को कम करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ाने की बात कही गई। जिसके लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 297 भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) को अधिकृत किया है, जिसमें लगभग 98 फीसदी आबादी और देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 88 फीसदी हिस्सा शामिल है। 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 630 जिलों में यह फैला हुआ है, जिसमें 17 जीए (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब में फैले चार जीए सहित) शामिल हैं, जो राजस्थान के पूरे राज्य को कवर करते हैं।

जल जीवन मिशन की प्रगति

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि, जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, देश में केवल 3.23 करोड़ घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की जानकारी थी। तब से, जैसा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 29 मार्च, 2023 तक, लगभग 8.36 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। इस प्रकार, 29 मार्च, 2023 तक, देश के 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 11.59 करोड़ (59.68 फीसदी) से अधिक घरों में नल से पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है।

देश में भूजल की निकासी

भूजल को लेकर उठे प्रश्न के उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने बताया कि, डायनेमिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स असेसमेंट 2022 के अनुसार, चार राज्यों  और केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में भूजल निकासी का स्तर 100 फीसदी से अधिक है।

प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग

सदन में जवाब के क्रम को आगे बढ़ाते हुए उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के संबंध में बिश्वेश्वर टुडू ने बताया कि, सीपीसीबी द्वारा देश में 2859 अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की पहचान की गई है। इनमें से 2197 उद्योग चालू हैं और 662 उद्योग अपने आप बंद हो गए हैं। 2197 संचालित उद्योगों में से 2059 उद्योग निर्धारित पर्यावरण मानकों का पालन कर रहे हैं, जबकि 138 पालन नहीं कर रहे हैं। तदनुसार, अनुपालन न करने वाले 53 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, 66 उद्योगों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं और तीन उद्योगों के खिलाफ कानूनी मामले दर्ज किए गए हैं।

पानी में आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रदूषण

जल जीवन मिशन के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए आज सदन में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि, जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के स्रोतों में प्रदूषण की निगरानी बस्ती के आधार पर की जाती है। जैसा कि राज्यों द्वारा बताया गया है, 28 मार्च,  2023 तक, 625 ग्रामीण बस्तियां आर्सेनिक प्रदूषण से प्रभावित हैं और 431 ग्रामीण बस्तियां पेयजल स्रोतों में अनुमेय सीमा से अधिक फ्लोराइड प्रदूषण से प्रभावित हैं। इन सभी 625 आर्सेनिक प्रभावित और 431 फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में खाना पकाने और पीने की जरूरतों के लिए पीने योग्य पानी का प्रावधान किया गया है।

वर्षा जल संचयन

आज सदन में उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने बताया कि,  जल शक्ति अभियान कैच द रेन (जेएसए: सीटीआर) 2022 (29 मार्च, 2022 से तीन मार्च,2023 तक) के दौरान, देश भर में कुल 8,97,869 जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाएं पूरी की गई हैं।

कर्नाटक में हाथियों का पुनर्वास

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि, कर्नाटक राज्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार,हाथियों के हमलों के कारण पिछले 10 वर्षों में 42 लोग हताहत हुए। कर्नाटक सरकार ने पिछले 10 वर्षों में हासन जिले से 34 संदिग्ध हाथियों को पकड़ा और स्थानांतरित किया।

चिकित्सकीय अपशिष्ट

प्रश्नों के जवाब के क्रम को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पादन (बीएमडब्ल्यू) 2016 में 490 टन प्रति दिन (टीपीडी) से बढ़कर 2021 में 678 टीपीडी हो गया है।

आर्द्रभूमि का आकलन

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सदन में उठे एक प्रश्न के उत्तर में अंतरिक्ष उपयोग केंद्र- इसरो अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित "नेशनल वेटलैंड डेकाडल चेंज एटलस, 2017 का हवाला देते हुए बताया कि देश में कुल 2,31,195 आर्द्रभूमि (1:50000 स्केल और क्षेत्र से अधिक 2.25 हेक्टेयर) की माप की गई है। कुल आर्द्रभूमि का अनुमानित क्षेत्रफल 15.98 मिलियन हेक्टेयर है जिसमें नदियां भी शामिल हैं और धान के क्षेत्र को छोड़कर जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 4.86 फीसदी है।

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