पटाखे जलाने के बाद भी पूरी तरह प्रदूषण मुक्त रहा यह शहर, जानें क्या है वजह

दिवाली देश के उत्तर व मध्य भारत में मनाई जाती है, इस वजह से प्रदूषण बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन एक शहर ऐसा भी है, जहां पटाखे जलने के बाद भी एक्यूआई 50 से कम रहा। जानें क्या है वजह
मध्य प्रदेश का देवास शहर, जहां उत्तर व मध्य भारत में प्रदूषण नहीं हुआ। फाइल फोटो
मध्य प्रदेश का देवास शहर, जहां उत्तर व मध्य भारत में प्रदूषण नहीं हुआ। फाइल फोटो
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दिवाली की शाम पटाखों के शोर और उससे उठने वाले धुएं ने दिल्ली, मुंबई जैसे प्रदूषित शहर के लोगों को खूब परेशान किया। प्रदूषण का असर छोटे शहर जहां कारखाने लगे हैं, वहां भी खूब हुआ और पहले से खराब हवा को पटाखों के धुएं ने और खराब ही किया। दिवाली के बाद की सुबह बड़े शहर और इंडस्ट्रियल शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) काफी निराश करने वाला रहा। हालांकि, मध्यप्रदेश का देवास इस लिस्ट में एयर क्वालिटी इंडेक्स 49 के साथ सबसे कम प्रदूषित शहर दिख रहा है। 50 से कम एयर क्वालिटी इंडेक्स को आदर्श और सबसे अच्छा माना जाता है। देवास मध्यप्रदेश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है सो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के इस आंकड़े ने सबको चौकाया। ऐसा तब हुआ, जब लोगों ने दिवाली पर पटाखे भी जलाए। हालांकि पिछले साल के मुकाबले कम पटाखे जलाए गए। 

पिछले वर्ष दिवाली के एक दिन बाद इस शहर का एक्यूआई 312 था, जो कि दिवाली के दिन 173 था। दिवाली के एक दिन पहले भी शहर का प्रदूषण 125 मापा गया था। 

डाउन टू अर्थ ने एयर क्वालिटी इंडेक्स के इस आंकड़े की पड़ताल की। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के 26 अक्टूबर यानि दिवाली के ठीक एक दिन पहले देवास का एक्यूआई 117 है, जो मॉडरेट माना जाता है। इस स्थिति में अस्थमा के मरीज और सांस की अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को तकलीफ होती है। हालांकि ऐन दिवाली के दिन प्रदूषण का स्तर लगभग आधा होकर एक्यूआई 65 पहुंच गया। शाम के समय यह स्तर 33 के करीब था।

बारिश बड़ी वजह, दूसरे उपाय भी काम आए

प्रदूषण में अचानक आई इस कमी की वजह देवास में हुई बारिश रही। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस मॉनसून देवास में 27 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश हुई है। बीते एक महीने में यहां 257 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक बारिश की वजह से यहां हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कण कम हो गए हैं। साथ ही ओजोन सहित अन्य हानिकारक गैस भी वायुमंडल में काफी कम हो गए हैं। इस वजह से यहां का प्रदषण लगातार कम दिख रहा है।

देवास के कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडे ने डाउन टू अर्थ से बातचीत में प्रदूषण कम होने की दूसरी वजहों पर भी ध्यान दिलाया। वे कहते हैं कि जिले में बारिश प्रदूषण कम होने की एक बड़ी वजह तो है लेकिन कई और कोशिश भी इसे कम करने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि देवास स्वच्छता के मामले में भी देश के शीर्ष 10 शहरों में आता है।

मसलन, पूरे एक वर्ष के दौरान देवास में प्रदूषण के प्रति जागरुकता फैलाया गया है। पुरानी बसों को सड़कों से दूर कर दिया गया। डॉ. पांडे बताते हैं कि इंडस्ट्री के साथ बैठक कर उन्हें वायु प्रदूषण के बारे में बताया गया और उसे कम करने के उपाय भी किए गए। इन सबका असर भी दिखना शुरू हो गया है।

यह रहा प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई)

शहर-        इस दिवाली (27 अक्टूबर) -  पिछली दिवाली (7 नवंबर)

भोपाल-         90                     288.64 (गोविंदपुरा)

इंदौर-           60                     316.61 (कोठारी मार्केट)

मंडीदीप-       70                     290.00

पीथमपुर-      60                     275

देवास-         49                      312

(सोर्स- स्टेट और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड)

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