समुद्रों में प्रयोग की जा रही रस्सियां हर साल पैदा कर रही हैं माइक्रोप्लास्टिक के अरबों टुकड़े

अनुमान है कि करीब एक वर्ष पुरानी रस्सी प्रति मीटर माइक्रोप्लास्टिक के लगभग 20 टुकड़े समुद्र में छोड़ सकती है। वहीं 10 वर्ष पुरानी रस्सी में यह आंकड़ा बढ़कर 760 टुकड़े प्रति मीटर से ज्यादा हो सकता है
समुद्रों में प्रयोग की जा रही रस्सियां हर साल पैदा कर रही हैं माइक्रोप्लास्टिक के अरबों टुकड़े
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समुद्री जहाजों में प्रयोग की जाने वाली रस्सियां हर साल माइक्रोप्लास्टिक के अरबों टुकड़े पैदा करती हैं, जो समुद्रों को प्रदूषित कर रहे हैं। यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ प्लायमाउथ की इंटरनेशनल मरीन लिटर रिसर्च यूनिट द्वारा किए अध्ययन में सामने आई है, जोकि जर्नल साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट में प्रकाशित हुआ है।

शोध के मुताबिक समुद्री जहाजों में प्रयोग की जाने वाली यह रस्सियां जब एक साल पुरानी होती हैं, तो हर मीटर पर माइक्रोप्लास्टिक के लगभग 20 टुकड़े समुद्र में छोड़ सकती हैं। हालांकि जैसे-जैसे रस्सियां पुरानी होती जाती हैं माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा भी बढ़ती जाती हैं। अनुमान है कि दो वर्ष पुरानी रस्सियां प्रति मीटर औसतन लगभग 720 टुकड़े मुक्त कर सकती हैं। वहीं करीब 10 वर्ष पुरानी रस्सी प्रति मीटर माइक्रोप्लास्टिक के 760 या उससे ज्यादा टुकड़े छोड़ती हैं।

अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने समुद्रों पर निर्भर उद्योग में आमतौर प्रयोग की जा रही अलग-अलग तरह की सिंथेटिक रस्सियों का तुलनात्मक अध्ययन किया है, लेकिन उनकी उम्र, सतह और सामग्री में भिन्नता थी। इनकी मदद से उन्होंने यह जानने का प्रयास किया है कि जब वो रस्सियां प्रयोग में थी तो वो कितना माइक्रोप्लास्टिक पैदा कर सकती है और उस माइक्रोप्लास्टिक की क्या विशेषताएं थी। 

इसे समझने के लिए उन्होंने प्रयोगशाला और फील्ड दोनों जगह इन रस्सियों का अध्ययन किया है। इन रस्सियों को आमतौर पर समुद्री जहाजों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं में सामान ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं शोधकर्ताओं की मानें तो यह अपने आप में यह पहला शोध है जिसमें जहाज पर उपयोग होने वाली रस्सियों से पैदा हो रहे माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण का अध्ययन किया है। 

शोधकर्ताओं के अनुसार मछली पकड़ने सम्बन्धी गतिविधियों में प्रत्येक जहाज या नौका पर प्रयोग की जा रही रस्सी की लंबाई 220 मीटर तक हो सकती है, जोकि जहाज के प्रकार और समुद्र की गहराई पर निर्भर करती है।

माइक्रोप्लास्टिक के 40,000 कणो तक पैदा कर सकती है एक रस्सी

हालांकि, नाव में यदि 50 मीटर की छोटे आकार की रस्सी है तो उनका अनुमान है कि हर बार जब नई रस्सी खींची जाती है तो वह 700 से 2000 तक माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े मुक्त कर सकती है। वहीं बड़ी रस्सियों में यह मात्रा बढ़कर 40,000 तक हो सकती है। यदि सिर्फ यूनाइटेड किंगडम से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां मछली पकड़ने के 4,500 से ज्यादा समुद्री जहाज हैं। जिसका मतलब है कि उनसे हर वर्ष 32.6 से 1,700 करोड़ तक माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े मुक्त हो रहें हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर यह समस्या कितनी गंभीर है उसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। 

 इस बारे में शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता इमोजेन नैपर ने बताया कि इन अनुमान की गणना 2.5 किलोग्राम वजनी भार को खींचने के आधार पर की गई है। हालांकि अधिकांश समुद्री गतिविधियों में वजन इससे कहीं ज्यादा होता है। ज्यादा वजन का मतलब है कि उससे कहीं ज्यादा घर्षण पैदा होगा जिससे संभावित रूप से अधिक माइक्रोप्लास्टिक के कण पैदा होंगे। 

ऐसे में यह शोध समुद्री उद्योग में रस्सी के रखरखाव, उन्हें बदलने और उनकी रीसाइक्लिंग सम्बन्धी मानकों की जरुरत को उजागर करता है। साथ ही यह माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सिंथेटिक रस्सियों के डिजाइन में भी निरंतर सुधार की जरुरत को दर्शाता है। 

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