वायुमंडल में खराब हवा की गुणवत्ता और कम दृश्यता के लिए बहुत महीन कण (पार्टिकुलेट मैटर) जिम्मेदार होते हैं। जिससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ यातायात सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
अब, चीन के शोधकर्ताओं की एक टीम ने व्यापक रूप से आर्द्रता और दृश्यता डेटा में पार्टिकुलेट मैटर को मापने की विधि में सुधार किया है। शोध एडवांस इन एटमॉस्फेरिक साइंसेज में प्रकाशित किया गया हैं।
शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से पीएम2.5 के द्रव्यमान और उसकी सांद्रता की जांच की, जो 2.5 माइक्रोमीटर से कम एरोडाइनैमिक व्यास के बराबर है, कण लगभग एक पराग कण के सातवें भाग के बराबर है।
विज्ञान अकादमी के वायुमंडलीय भौतिकी संस्थान के डेंग जाहोजे ने कहा कि पार्टिकुलेट मैटर, विशेष रूप से पीएम2.5, हाल के वर्षों में सार्वजनिक और वैज्ञानिक दोनों समुदायों के लिए बहुत चिंता का विषय बना हुआ है। पर्यवेक्षी स्टेशन जो पार्टिकुलेट मैटर के द्रव्यमान सांद्रता को मापते है, जो आम तौर पर बढ़ती रहती है। अधिकतम पर्यवेक्षी स्टेशन मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, और उनमें से अधिकांश बहुत सीमित समय के लिए निगरानी करते हैं।
डेंग के अनुसार, उपलब्ध आंकड़े के आधार पर अधिक क्षेत्र का विस्तार करके यह जाना जा सकता है कि पार्टिकुलेट मैटर कैसे विकसित होता है, इसकी व्यापक समझ बन सकती है। दैनिक जीवन में दृश्यता (विजिबिलिटी) की बात करे तो यह विशेष रूप से सहायक हो सकता है।
एक व्यक्ति कितनी दूर तक देख सकता है, जैसे कि एक हवाई जहाज उड़ाने वाला पायलट, सीधे पार्टिकुलेट मैटर की सांद्रता से जुड़ा होता है।
शोधकर्ता जेआई डेन्गुई ने बताया कि वायुमंडलीय दृश्यता प्रकाश पर निर्भर करता है जो मुख्य रूप से वायुमंडल में कणों के फैलने के कारण कम हो जाता है। अधिक सापेक्ष आर्द्रता (आरएच) पर, दृश्यता न केवल सूखे कणों से प्रभावित होती है, बल्कि कणों के पानी के साथ मिल जाने से दृश्यता कम हो जाती है।
यह समझते हुए कि सापेक्ष आर्द्रता, दृश्यता और कण द्रव्यमान सांद्रता के बीच संबंध होता है, शोधकर्ताओं ने आरएच और दृश्यता के केवल नियमित माप का उपयोग करके सांद्रता का अनुमान लगाने के लिए एक विधि विकसित की है। यद्यपि पार्टिकुलेट मैटर की सांद्रता और कवरेज द्रव्यमान की सघनता की माप सीमित होती हैं, सापेक्ष आर्द्रता और दृश्यता के दीर्घकालिक माप कई स्थानों पर उपलब्ध होते हैं।
डेंग ने कहा कि इस अध्ययन में डेटासेट के लिए प्रस्तावित विधि ने अच्छा प्रदर्शन किया, उन्होंने दक्षिण-पश्चिम चीन में जनवरी 2019 में किए गए एक फील्ड अभियान से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बताया। हम अन्य मौसमों और अन्य स्थानों पर भी इसके प्रदर्शन की जांच करना चाहते हैं। अलग-अलग जगह पर पैरामीटर भिन्न हो सकते हैं।
डेंग के अनुसार, इस विधि को मौसम विज्ञान स्टेशनों से व्यापक भू-स्तरीय दृश्यता डेटा या उपग्रहों से ऑप्टिकल डेटा के आधार पर पार्टिकुलेट मैटर द्रव्यमान सांद्रता के डेटासेट उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। आखिरकार, डेटासेट अन्य आसानी से उपलब्ध मापों के लिए बड़े पैमाने पर कणों की सघनता का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है।