कोलकाता में 557 फीसदी ज्यादा रहा प्रदूषण, पटना में भी दुगना, दिल्ली में घटा

इस साल दिल्ली में दीवाली से ठीक एक दिन पहले जहां पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर 93.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो दीपावली के अगले दिन बढ़कर जानलेवा (395.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) हो गया
कोलकाता में 557 फीसदी ज्यादा रहा प्रदूषण, पटना में भी दुगना, दिल्ली में घटा
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पिछले वर्ष की तुलना में इस साल दीवाली के दिन कोलकाता में पीएम 2.5 का स्तर 556.8 फीसदी ज्यादा रहा। इसी तरह बिहार की राजधानी पटना में दोगुणा प्रदूषण था। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 24 अक्टूबर 2022 यानी दीपावली के दिन कोलकाता में पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर 18.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो इस साल करीब 557 फीसदी की वृद्धि के साथ दीवाली के दिन (12 नवंबर 2023) बढ़कर 120.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया।

इसी तरह पटना में भी पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर जो पिछले वर्ष 102.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था वो इस साल दीवाली के दिन बढ़कर 206.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि पटना में दीपावली के दिन प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानक से करीब 13 गुना ज्यादा था।

यह जानकारी क्लाइमेट ट्रेंड, रेस्पिरर लिविंग साइंसेज और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम ट्रैकर द्वारा जारी विश्लेषण में सामने आई है। दिवाली के दिन पटना के मुरादपुर में पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर सवा एक बजे 941.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। वहीं दीपावली के अगले दिन यह पटना के शिकारपुर में 902.9 दर्ज किया गया।   

इस अध्ययन में एनसीएपी ट्रैकर ने देश के 11 राजधानी शहरों में पिछले और इस साल दिवाली से पहले, दिवाली के दिन और दिवाली के अगले दिन वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) के स्तर का विश्लेषण किया है। इस अध्ययन में बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई और पटना को शामिल किया गया है। शहरों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (सीएएक्यूएमएस) से लिया गया है।

यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें जो हर साल दीवाली के दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं, तो पिछले साल की तुलना में उनमें गिरावट जरूर दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक 2022 में दीवाली के दिन पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर 180.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो इस साल 12 नवंबर 2023 को 20.5 फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 143.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गया।

दीवाली के दिन दिल्ली के नार्थ कैंपस (दिल्ली विश्वविद्यालय) में स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि करीब डेढ़ बजे पीएम 2.5 का स्तर 998.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था। वहीं दिवाली के अगले दिन 13 नवंबर 2023 को उसी समय पूसा रोड स्थित स्टेशन पर सूचकांक 999.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। 

हालांकि इस गिरावट के बावजूद 2023 में दीपावली के दिन दिल्ली में पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों से करीब दस गुणा ज्यादा रहा, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक है। यदि दीपावली के दिन इन 11 राजधानी शहरों में पीएम 2.5 के औसत स्तर को देखें तो वो पटना में सबसे ज्यादा था,  जो 206.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय सीमा से करीब 13 गुणा अधिक है।  

वहीं देश के 11 राजधानी शहरों की बात करें तो इनमें से तीन शहरों दिल्ली, बैंगलोर और गांधीनगर में पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर पिछले साल दीपावली की तुलना में इस साल कम रहा। जहां बैंगलोर में इसमें 22.5 फीसदी की गिरावट देखी गई। वहीं गांधीनगर में भी प्रदूषण 40.6 फीसदी कम रहा। वहीं इसके विपरीत भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पटना में पीएम 2.5 के दैनिक औसत स्तर में वृद्धि दर्ज की है।

इस बारे में जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि इस साल दिवाली से ठीक पहले हुई बेमौसम बारिश से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे कई शहरों में प्रदूषण का स्तर त्यौहारों से ठीक पहले कम जरूर हो गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों पर लगाए बैन के बावजूद कई जगहों पर जमकर आतिशबाजी की गई। नतीजन 12 नवंबर यानी दीवाली की रात से वायु प्रदूषण एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गया और इसके अगले दिन कई जगहों पर यह खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था।

पिछले और इस साल दिवाली से ठीक एक दिन पहले की तुलना करें तो इस साल 11 में से आठ राजधानी शहरों में पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर कम था। वहीं केवल गांधीनगर, कोलकाता और पटना में यह पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा।

दिवाली के अगले दिन हर शहर में दमघोंटू रही हवा

लेकिन दीपावली की रात और उसके अगले दिन (13 नवंबर 2023 को दोपहर) तक जमकर हुई आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर न केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन बल्कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तय मानकों के लिहाज से भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक था। दिल्ली में तो स्थिति कहीं ज्यादा बदतर हो गई थी, जब पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर बढ़कर 395.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया जो सीपीसीबी द्वारा तय मानकों से 13 गुणा ज्यादा प्रदूषित रहा।

इसी तरह भोपाल में प्रदूषण का यह स्तर 334.5, जबकि पटना में 255.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया। वहीं चंडीगढ़ (157.5), कोलकाता (152.3), लखनऊ (167.6) और मुंबई (159.9) में भी स्थिति खराब रही।

वहीं बैंगलोर और गांधीनगर दो ऐसे शहर थे जहां प्रदूषण का स्तर दिवाली के अगले दिन पिछले वर्ष इसी दिन की तुलना में कम रहा। गौरतलब है कि जहां पिछले वर्ष बैंगलोर में पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर दीवाली के अगले दिन 81.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो इस साल दीपावली के अगले दिन यानी 13 नवंबर 2023 को 16.3 फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 68.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गया था।

वहीं इस अवधि के दौरान गांधीनगर में भी प्रदूषण के स्तर में साढ़े तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

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