दिवाली के बाद बढ़ा प्रदूषण, नोएडा में एक्यूआई 600 के पार पहुंचा

प्रतिबंध के बावजूद 27 अक्टूबर को हुई पटाखेबाजी की वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया, 28 की सुबह लोगों का सांस लेना दूभर हो गया
Photo: Vikas Choudhary
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प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की शाम जमकर पटाखेबाजी हुई। इस वजह से ज्यादातर इलाकों में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। 28 की सुबह तो लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया। प्रदूषण की मॉनिटरिंग कर रही एजेंसी सफर के मुताबिक, नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 28 अक्टूबर की सुबह 10 बजे 668 पहुंच गया, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खराब माना जाता है। 

इसी तरह 28 अक्टूबर को सुबह 10 बजे दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई 463 यानी बहुत खराब रहा। दिल्ली की एयरपोर्ट पर लगे मॉनिटरिंग स्टेशन में एक्यूआई 460 रिकॉर्ड किया गया, जबकि लोधी रोड पर 436, चांदनी चौक में 466, मथुरा रोड पर 413 पूसा में 480 इंडेक्स वेल्यू रिकॉर्ड किया गया। 

जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अक्टूबर की शाम 4 बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 24 घंटे का औसत 337 तक पुहंच गया था। जो कि 26 अक्टूबर को था। यह पिछले एक सप्ताह से सबसे अधिक रहा। 24 अक्टूबर का इंडेक्स वेल्यू 311 रिकॉर्ड किया गया था। जबकि गाजियाबाद में 395, ग्रेटर नोएडा में 325, गुरुग्राम में 299, फरीदाबाद में 323 और नोएडा में 358 रिकॉर्ड किया गया। 

लेकिन चार बजे के बाद और शाम छह बजे तक यानी जब तक पटाखे जलाने शुरू नहीं हुए थे, हवा की गुणवत्ता कहीं खराब तो कहीं बहुत खराब रही। लेकिन सात बजे के बाद हवा की गुणवत्ता गंभीर (सिवियर) स्थिति में पहुंच गई। 

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) की संयुक्त एजेंसी सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च) का कहना है कि 27 अक्टूबर की शाम के बाद वायु प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी की 50 फीसदी वजह पटाखे जलाना रही। 

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