
यूरोपीय संघ का प्लास्टिक रीसाइक्लिंग क्षेत्र आज एक गंभीर मोड़ पर खड़ा है, जहां उत्पादन में गिरावट, सस्ते आयात का बढ़ता दबाव और आर्थिक चुनौतियां इसे अस्तित्व के संकट में डाल रही हैं। 2024 में रीसाइक्लिंग प्लांटों के बंद होने की दर दोगुनी हो गई, और 2025 में भी यही रुझान जारी है, जिससे पूरे क्षेत्र में हजारों हरित रोजगारों (ग्रीन जॉब्स) पर खतरा मंडरा रहा है।
प्लास्टिक्स रीसाइक्लर्स यूरोप के अनुसार, 2020 से 2023 के बीच इस उद्योग में 5 अरब यूरो का निवेश किया गया था, ताकि सस्टेनेबिलिटी लक्ष्य पूरे किए जा सकें। लेकिन अब उत्पादन लागत बढ़ने और सस्ते, निम्न गुणवत्ता वाले आयात से प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण यह निवेश खतरे में पड़ गया है। रीसाइक्लिंग दरों में गिरावट और सर्कुलर इकोनॉमी की धीमी प्रगति इसका सीधा परिणाम है।
इस संकट का सबसे बड़ा असर उन हजारों कर्मचारियों पर पड़ रहा है जो इस उद्योग में काम करते हैं। इनमें चाहे कचरा छांटने वाले हों, मशीन ऑपरेटर हों या इंजीनियरिंग और रिसर्च से जुड़े पेशेवर। हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की ईयू की रणनीति के लिए यह एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित रोजगारों को भविष्य की कुंजी माना जा रहा है।
उद्योग संगठनों ने ईयू से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। संगठनों ने कहा है कि सख्त आयात नियंत्रण, पारदर्शिता और टिकाऊपन मानकों को लागू करने जैसे उपायों के बिना यह क्षेत्र और पीछे जा सकता है। अगर यह रुझान जारी रहा, तो 2025 तक यूरोपीय संघ अपने खुद के रीसाइक्लिंग और सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों से चूक सकता है।
प्लास्टिक रीसाइक्लर्स यूरोप के अध्यक्ष टॉन एमांस ने कहा "अब पहले से कहीं ज्यादा, ठोस कदम उठाना जरूरी है।" उन्होंने आगे कहा "हम यूरोपीय संघ के नीति निर्माताओं से अपील करते हैं कि वे तेजी से और मजबूत राजनीतिक रुख अपनाएं, प्रभावी आयात नियंत्रण लागू करें और मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करें, खासकर उन सामग्रियों के आयात पर रोक लगाएं जो यूरोपीय संघ के टिकाऊपन और सुरक्षा मानकों के बराबर नहीं हैं। ये कदम प्लास्टिक रीसाइक्लिंग उद्योग के अस्तित्व के लिए जरूरी हैं, जिसने 2020 से 2023 के बीच केवल अनिवार्य लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 5 बिलियन यूरो का निवेश किया है।”
प्लास्टिक रीसाइक्लर्स यूरोप ने जारी बयान में कहा "बाजार की गंभीर स्थितियों के अलावा, यूरोपीय रीसाइक्लर्स को ऊंची ऊर्जा लागत और इनपुट वेस्ट (कचरे) की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके संचालन की लागत बहुत बढ़ गई है। वहीं, उन्हें सस्ते आयातित पदार्थों से टक्कर मिल रही है, जो अक्सर नकली दावों के साथ आते हैं क्योंकि उनके स्रोत की पारदर्शिता नहीं होती।"
जारी प्रेस बयान के मुताबिक, यूरोपीय संघ में पॉलीमर की खपत में आयातित रिसाइकल और वर्जिन (कच्चे) पॉलीमर की हिस्सेदारी 20 फीसदी से ज्यादा है, जबकि अधिकांश पॉलीमर्स के घरेलू रीसाइक्लिंग उत्पादन में 5 फीसदी की गिरावट आई है। चिंताजनक बात यह है कि यूरोपीय संघ में प्लास्टिक उत्पादन के आंकड़े वर्ष 2000 के स्तर तक गिरने की संभावना है, जबकि पॉलीमर की खपत लगातार बढ़ रही है।
बंद हो रहे रीसाइक्लिंग प्लांट
इसी समय, यूरोपीय संघ से प्लास्टिक कचरे का निर्यात 2024 में 2022 की तुलना में 36 फीसदी बढ़ गया, जो यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय रीसाइक्लिंग प्रयासों से ध्यान हट रहा है। इन प्रवृत्तियों के चलते प्लास्टिक रीसाइक्लिंग क्षमता में हाल के वर्षों की सबसे धीमी वृद्धि देखी गई है, और रीसाइक्लिंग सुविधाओं के बंद होने की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2024 में बंद हुई सुविधाओं की कुल क्षमता 2023 की तुलना में दोगुनी हो गई, और 2025 में यह स्थिति और बिगड़ रही है, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं।
इन नकारात्मक बाजार प्रवृत्तियों ने इस उद्योग को बहुत नुकसान पहुंचाया है। रीसाइक्लिंग दरों में गिरावट आई है, सर्कुलर (चक्रवाती) पद्धतियों को अपनाने में रुकावट आई है और अस्थायी (अस्थिर) उत्पादन तरीकों पर निर्भरता बढ़ी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि यूरोपीय संघ के 2025 के रीसाइक्लिंग और टिकाऊपन के लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
अगर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं दी गई और व्यापार सुरक्षा उपायों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर यूरोपीय उत्पादन को बाजार के और ज्यादा बिगाड़ से नहीं बचाया गया, तो यह उद्योग लगातार कमजोर होता जाएगा, जिससे यूरोपीय संघ की सर्कुलर प्लास्टिक अर्थव्यवस्था, संसाधन आत्मनिर्भरता और हरित रोजगारों की प्रतिबद्धता भी खतरे में पड़ जाएगी।