घर और दफ्तर में रखे पौधे हवा को साफ नहीं करते : अध्ययन

घरों और कार्यालयों में हवा की प्राकृतिक आवाजाही (वेंटिलेशन) पौधों से ज्यादा हवा को साफ करने में मददगार हैं।
Photo : Wikimedia Commons
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पौधे घर या कार्यालय की जगह को सजाने-संवारने में मदद कर सकते हैं लेकिन हवा की गुणवत्ता में सुधार करने की इनकी क्षमता के बारे में जरूरत से ज्यादा आंक लिया गया है। ऐसा अमेरिका स्थित ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी के एक शोध में कहा गया है। दशकों से किए जा रहे शोध को करीब से देखने से पता चलता है कि घरों और कार्यालयों में जहां हवा को साफ करने की बात आती है वहां प्राकृतिक वेंटिलेशन इस मामले में पौधों से कहीं ज्यादा कारगर है। 

ड्रेक्सल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में वास्तुकला और पर्यावरण इंजीनियरिंग के प्रोफेसर माइकल वॉरिंग ने कहा कि यह एक आम धारणा रही है कि कमरों में रखे गए पौधे हवा को साफ करते हैं। वास्तव में यह पौधे आपके घर या कार्यालय के अंदर की हवा को बहुत कम या न के बराबर साफ करते हैं। वॉरिंग और उनके सहयोगी शोधकर्ता ब्रायन कमिंग्स ने एक दर्जन अध्ययनों की समीक्षा की। उन्होंने अपने 30 वर्षों के शोध में जो निष्कर्ष निकाले हैं, उन्हें हाल ही में एक्सपोज़र साइंस एंड एनवायर्नमेंटल एपिडेमियोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

शोध में पाया गया है कि घरों और कार्यालयों के अंदर प्राकृतिक तौर से हवा की अवाजाही की दर  प्रदूषित हवा में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों के मिश्रण (सांद्रता) को कम कर देती है। वायु प्रदूषण जिसे पौधे कथित तौर पर साफ कर रहे होते हैं, इन पौधों की तुलना में प्राकृतिक तौर पर होने वाली हवा की अदला-बदली बहुत तेजी से प्रदूषित हवा में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों को निकाल कर हवा को साफ कर सकती है।

इंडोर प्लांट्स एयर प्यूरिफायर के रूप में काम करते हैं या नहीं इसको जानने के लिए नासा ने सन 1989 में एक प्रयोग किया था, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष स्टेशनों पर हवा को साफ करना तथा पौधों का उपयोग करके कैंसर कारक रसायनों को हवा से अलग करने के लिए था।

प्रयोग में नासा ने एक्टिवेटेड कार्बन प्लांट फिल्टर का उपयोग किया था। एक्टिवेटेड कार्बन जिसे चारकोल भी कहा जाता है, इसमें प्रयोग के लिए उगाए गए पौधों को एक्टिवेटेड कार्बन प्लांट फिल्टर कहा जाता है। इन्हें अलग-अलग बंद जगहों में रखकर परीक्षण किया गया था। इन बंद जगहों में कुछ कैंसर कारक और रासायनिक प्रदूषक जैसे फार्मल्डिहाइड, बेंजीन, विनाइल क्लोराइड और ट्राइक्लोरोएथिलीन डाल दिए गए जिनकी मात्रा 24 घंटे के बाद लगभग 58 फीसदी तक कम हो गई थी।

यह पता किया गया कि यह प्रदूषण पौधों के जरिए कम किया गया है या एक्टिवेटेड कार्बन से हुआ है।प्रयोग के अगले भाग में पौधों से सारी पत्तियां हटा दी गईं। लेकिन इस बार भी प्रदूषकों की मात्रा करीब-करीब पहले के बराबर 52 फीसदी कम हो गई थी। इस आधार पर वैज्ञानिकों ने माना कि यह एक्टिवेटेड कार्बन था जो प्रदूषण को कम कर रहा था। यहां इंडोर प्लांट्स की हवा साफ करने में करीब 6 फीसदी की ही भूमिका थी।

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