वायु प्रदूषण के कारण दिल के दौरे और स्टोक्स बढ़ रहे हैं, साथ ही खराब वायु गुणवत्ता से ये प्रभाव अधिक तेजी से पड़ते हैं। पर्सनलाइज़िग द हेल्थ इम्पैटस ऑफ़ एयर पलूशन, यूनाइटेड किंगडम के नए अध्ययन में यह खुलासा किया गया है। शोधकर्ताओं ने नौ शहरों में दैनिक वायु प्रदूषण स्तर का डेटा एकत्र किया और डेटा को अधिक प्रदूषण वाले दिनों और कम प्रदूषण वाले दिनों में विभाजित किया।
शोधकर्ताओं ने तब प्रत्येक शहर में दिल के दौरे और स्ट्रोक के रोज के आंकड़ों को देखा तो पाया कि जिन दिनों प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है, उन दिनों औसतन 124 लोगों को दिल के दौरे और 231 से अधिक लोगों का स्ट्रोक का इलाज किया गया। जबकि जिन दिनों कम प्रदूषण था, उन दिनों यह संख्या काफी कम थी।
नए आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण से हजारों लोगों को स्ट्रोक, दिल का दौरा और अस्थमा हो रहा है, इसलिए यह स्पष्ट है कि जलवायु आपातकाल वास्तव में एक स्वास्थ्य आपातकाल है। चूंकि जो मौतों अब हो रही हैं उन्हें टाला जा सकता था। हमें अब वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।
यू.के.100 के निदेशक पोली बिलिंगटन ने कहा कि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु प्रदूषण मानकों को बिल में शामिल करना चाहते हैं। यू.के.100 इंग्लैंड में स्थानीय निकायों के नेताओं का एक नेटवर्क है, जिन्होंने 2050 तक पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने का वादा किया है।
यह अध्ययन करने वाले किंग्स कॉलेज लंदन के पर्यावरण अनुसंधान समूह के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हीथर वाल्टन ने कहा कि अध्ययन का उद्देश्य वायु प्रदूषण का जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को देखना है। एक अनुमान के अनुसार ब्रिटेन में प्रदूषण के कारण हर साल समय से पहले ही 36,000 मौतों हो जाती है।
यूरोप के पर्यावरण पर निगरानी रखने वालों ने कहा कि पूरे यूरोप में पार्टिकुलेट मैटर, यानी पीएम 2.5 को कम करने के लिए कोई काम नहीं किया गया। पीएम 2.5 प्रदूषण के सबसे खतरनाक रूपों में से एक है, क्योंकि यह हमारे फेफड़ों में जा कर कई तरह के रोगों को जन्म देते हैं।
भारत में खासकर दिल्ली में वायु प्रदुषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। दिल्ली से सटे राज्यों में किसान पराली जला रहे हैं, जिसका धुआं हवा के बहाव के साथ दिल्ली के वातावरण में घुल रहा है। दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर काफी बढ़ गया है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार आज 23 अक्टूबर, 2019 को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक स्तर पर 297 तक पहुंच गया। हालांकि अन्य इलाकों में यह अपेक्षाकृत कम रहा। आंकड़ों के मुताबिक पूसा क्षेत्र में पीएम 2.5 का स्तर 189, लोधी रोड पर 181, मंदिर मार्ग पर 234 और जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम के इलाके में 214 पर पहुंच गया।