
देश में प्लास्टिक पार्क
संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, इसी बीच सदन में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा कि रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग पेट्रोरसायन की नई योजना के तहत प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग की क्षमताओं को समेकित और समन्वित करना है, ताकि इस क्षेत्र में निवेश, उत्पादन और निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन में मदद मिल सके।
पटेल ने बताया कि विभाग ने देश के विभिन्न राज्यों में 10 प्लास्टिक पार्कों को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, भारत सरकार परियोजना लागत के 50 फीसदी तक अनुदान निधि प्रदान करती है, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति परियोजना 40 करोड़ रुपये है।
देश में शिशु आहार में मिलाई गई चीनी
सदन में उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोकसभा में बताया कि मीडिया रिपोर्ट के आधार पर, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गेहूं आधारित शिशु उत्पाद में मिलाई गई चीनी के बारे में स्विस एनजीओ की रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया। देश में इस प्रकार के शिशु आहार उत्पाद के उत्पादन में लगे निर्माण स्थलों का 29 और 30 अप्रैल, 2024 को निरीक्षण किया गया।
उत्पाद की जांच के आधार पर, प्रति सर्विंग मिलाई गई चीनी खाद्य सुरक्षा एवं मानक (शिशु पोषण के लिए खाद्य पदार्थ) विनियम, 2020 के प्रावधानों के अनुरूप पाई गई।
साल 2025 तक टीबी का उन्मूलन
टीबी के उन्मूलन को लेकर आज सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-2025) लागू की है। यह योजना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 2030 से पांच साल पहले की है।
नड्डा ने कहा, मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तत्वाधान में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) को लागू करता है। एनटीईपी ने भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। भारत में टीबी की दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से 2023 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 195 तक 17.7 फीसदी कम हुई है। टीबी से होने वाली मौतें 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 28 से 2023 में प्रति लाख जनसंख्या पर 22 तक यानी 21.4 फीसदी की कमी आई है।
देश में मंकीपॉक्स के मरीज
आज, सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में बताया कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश भर में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) का कोई सक्रिय मामला नहीं है। हालांकि 2022 से, देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एमपॉक्स के 33 मामले सामने आए, जिन्में से केरल में 17 और दिल्ली से 16 मामलों की जानकारी है।
लैंगिक असमानता पर दुनिया भर में भारत की रैंकिंग
देश में लैंगिक असमानता के संबंध में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में आज, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2024 एक गैर-सरकारी संगठन, विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी की गई है। इसने अपने ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में भारत को 146 देशों में से 129वें स्थान पर रखा है। ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2023 में भारत को 146 देशों में से 127वें स्थान पर और 2022 में 146 देशों में से 135वें स्थान पर रखा गया था।
ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने पुरुषों और महिलाओं के बीच असमानता को कम करके और महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भागीदारी को बढ़ाकर भारत में लैंगिक अंतर को पाटने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
पंजाब में कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि
सदन में उठाए गए एक अन्य सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) का हवाला देते हुए कहा, साल 2023 में पंजाब में कैंसर के 41,337 मामले थे, जबकि साल 2022 में यह संख्या 40435 थी।
तमिलनाडु में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन
तमिलनाडु में मासिक धर्म स्वच्छता के प्रबंधन को लेकर संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया कि तमिलनाडु साल 2011 से मासिक धर्म स्वच्छता कार्यक्रम को लागू कर रहा है, जिसका नोडल विभाग लोक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशालय है।
पटेल ने कहा, इस कार्यक्रम को राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दोनों के फंड का उपयोग करके लागू किया जाता है। लोक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशालय और राज्य एनएचएम द्वारा समन्वित तरीके से ऑनलाइन प्रशिक्षण और समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।