इस समय भारत की सड़कों पर 13.3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं, जोकि देश में कुल वाहनों का केवल 0.48 फीसदी ही हैं। यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा लोकसभा में दिए एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है।
जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन हैं जिनकी कुल संख्या 337,180 हैं। इसके बाद दिल्ली में 156,393, कर्नाटक में 120,532, महाराष्ट्र में 116,646, बिहार में 83,335, तमिलनाडु में 82,051, राजस्थान में 81,338, असम में 64,766, पश्चिम बंगाल में 48,767, गुजरात में 45272, हरियाणा में 37,035, उत्तराखंड में 31,008 और केरल में लगभग 30,775 इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ उत्तर-पूर्वी राज्यों में इनकी संख्या सबसे कम है। पता चला है कि जहां नागालैंड में केवल 58 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। वहीं अन्य राज्यों मेघालय (49), मिजोरम (21), सिक्किम (21), अरुणाचल प्रदेश (20) और लद्दाख (26) में भी इनकी संख्या काफी कम है।
वहीं यदि कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी के लिहाज से देखें तो दिल्ली में सबसे ज्यादा करीब 2 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हैं। वहीं दिल्ली के बाद त्रिपुरा 1.4, असम में 1.37, उत्तराखंड में 0.93, उत्तरप्रदेश में 0.83, बिहार में 0.79, राजस्थान में 0.47, कर्नाटक में 0.45 और चंडीगढ़ में 0.38 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हैं।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो इनमें से आधे से ज्यादा थ्री व्हीलर हैं जो कमर्शियल वाहनों की श्रेणी में आते हैं मतलब साफ है कि देश में अभी भी लोगों की व्यक्तिगत पसंद इलेक्ट्रिक वाहन नहीं हैं। भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा राज्यसभा में साझा की गई जानकारी से पता चला है कि देश में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की संख्या 7.93 लाख है जोकि कुल इलेक्ट्रिक वाहनों का करीब 59.4 फीसदी है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी से पता चला है कि देश में 5.45 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटर/ बाइक हैं जोकि कुल वाहनों का करीब 40.8 फीसदी हैं।
भले ही केंद और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रहीं हैं। लेकिन फिर भी लोग इनको अपनाने से कतरा रहे हैं। हालांकि यह सही है कि पिछले एक साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में तीन गुना वृद्धि हुई है।