केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यदि उद्योग खुद को नियंत्रित कर ले तो उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति या मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सेल्फ-रेग्युलेशन की ओर बढ़ना चाहिए, ताकि सरकार का हस्तक्षेप न रहे।
जावड़ेकर नई दिल्ली में इंडियन केमिकल काउंसिल के सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव 2019 को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उद्योग संचालकों से ठीक उसी तरह का व्यवहार करने की अपील की, जैसा कि इस बार दिवाली पर पटाखे न फोड़ने वालों ने की है। उन्होंने कहा कि लोगों खासकर बच्चों में जागरूकता बढ़ी है और उन्होंने इस साल 75 फीसदी कम पटाखे जलाए, जो एक बड़ी सफलता है। जावड़ेकर ने कहा कि बच्चों ने खुद पर नियंत्रण की बड़ी मिसाल पेश की है और उद्योगों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।
यहां यह उल्लेखनीय है कि दिवाली के एक दिन बाद डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में दिवाली की रात अचानक पटाखे जलाने के कारण वायु प्रदूषण चोटी पर पहुंच गया था। इस रिपोर्ट में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर की अवधि का तुलनात्मक विश्लेषण भी किया गया था।”(इस साल पटाखों ने बहुत खराब की हवा की गुणवत्ता)
वहीं प्रदूषण नियमन के बारे में जानकारी देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अगर उद्योग संचालक पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार व्यवहार दिखाते हैं तो सरकार उद्योगों को स्वतंत्रता (सरकारी पर्यावरण मंजूरी और अनुमति से) देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर आपका प्रदूषण भार नहीं बढ़ता है तो आपको अनुमति के लिए फिर से हमारे पास आने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, '' मैं हर चीज पर शासन करने के पक्ष में नहीं हूं।''