संसद में आज: देश में बढ़ रहा है ई-कचरा, 2024-25 में पैदा हुआ 13 लाख मीट्रिक टन

साल 2024 में बाघों के हमले से 73 और 2023-24 में हाथियों के हमले से 629 लोगों की मृत्यु होने की जानकारी है।
संसद में आज: देश में बढ़ रहा है ई-कचरा, 2024-25 में पैदा हुआ 13 लाख मीट्रिक टन
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संसद का मानसून सत्र जारी है, इसी बीच सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला दिया।

जिसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक ई-कचरे के उत्पादन में क्रमिक वृद्धि हुई है। हालांकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसमें कमी आई है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसमें मामूली वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश में 13,97,955.59 मीट्रिक टन (एमटी) ई-कचरा उत्पन्न होने की जानकारी है।

सतत विमानन ईंधन रोडमैप

सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने लोकसभा में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अंतर्राष्ट्रीय विमानन से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन ऑफसेटिंग न्यूनीकरण योजना (सीओआरएसआईए) को अपनाया है।

आईसीएओ का एक सदस्य देश होने के नाते, भारत पर साल 2027 से सीओआरएसआईए के जरूरी चरण का पालन करने का दायित्व है। सीओआरएसआईए योजना के तहत, एयरलाइनों को 2019 की निर्धारित आधार रेखा से ऊपर अपने उत्सर्जन को कम करना आवश्यक है।

सीओआरएसआईए योजना केवल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए लागू है। 24 दिसंबर, 2023 को आयोजित राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) की पांचवीं बैठक की सिफारिशों के आधार पर, पारंपरिक विमानन ईंधन में सतत विमानन ईंधन के 2027 तक एक फीसदी, 2028 तक दो फीसदी और 2030 तक पांच फीसदी मिश्रण के सांकेतिक लक्ष्यों को, अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए अनुमोदित किया गया है।

भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण हेतु मास्टर प्लान

सदन में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए आज, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण हेतु मास्टर प्लान - 2020 तैयार किया गया है। यह एक व्यापक योजना है जो देश की विभिन्न भू-आकृतियों के लिए विभिन्न भूजल पुनर्भरण संरचनाओं को दर्शाती है।

इस योजना का उद्देश्य पूरे भारत में लगभग 1.42 करोड़ ऐसी संरचनाओं का निर्माण करना है, जिनसे लगभग 185 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) बारिश के पानी का दोहन संभव हो सकेगा। इसमें राज्य और क्षेत्र-विशिष्ट भूजल संरक्षण संबंधी हस्तक्षेपों की पहचान करना शामिल है, जो स्थानीय परिस्थितियों जैसे भूजल संसाधनों की वर्तमान स्थिति, औसत वर्षा, चट्टान और मृदा संरचना आदि के लिए उपयुक्त हों।

जल निकायों से गाद निकासी

सदन में उठे एक और सवाल के जवाब में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना - हर खेत को पानी (पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी) के एक घटक, जल निकायों की मरम्मत, नवीनीकरण और पुनरुद्धार (आरआरआर) योजना बनाई है।

इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों को वित्तीय वर्ष 2016-17 से 31 मार्च 2025 तक 545.35 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है। इसके चलते 1.20 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बहाल हुई है और मार्च 2025 तक 191 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) जल भंडारण क्षमता दोबारा हासिल की गई है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल कनेक्शन

देश में नल से पानी के कनेक्शन को लेकर उठे एक सवाल के जवाब में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने लोकसभा में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 21 जुलाई, 2025 तक दी गई जानकारी का हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल के अंतर्गत लगभग 12.44 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को नल से पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

इस तरह 21 जुलाई, 2025 तक, देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 15.67 करोड़ (80.94 फीसदी) से अधिक परिवारों के घरों में नल से पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है और शेष 3.69 करोड़ परिवारों के लिए कार्य संबंधित राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की योजना के अनुसार विभिन्न चरणों में पूरा किया जा रहा है।

बायोई3 नीति

सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त, 2024 में बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य छह क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास और उद्यमिता को नवाचार-संचालित समर्थन प्रदान करना, जैव-विनिर्माण एवं जैव-कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) केंद्रों और जैव-फाउंड्री की स्थापना करके प्रौद्योगिकी विकास तथा व्यवसायीकरण में तेजी लाना है।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह नीति जलवायु परिवर्तन में कमी लाने, खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य जैसे कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के समाधान हेतु स्थायी और चक्रीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए जीव विज्ञान के औद्योगीकरण को सक्षम बना रही है। यह नीति जैव-आधारित उत्पादों के विकास हेतु अत्याधुनिक नवाचारों को गति देने हेतु हमारे देश में एक सुदृढ़ जैव-विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण भी कर रही है।

मिशन कर्मयोगी

सदन में पूछे गए एक और प्रश्न के उत्तर में आज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में कहा कि मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम को सभी मंत्रालयों में प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। भारत सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग आईगोट-कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म पर शामिल हो गए हैं। आईगोट पोर्टल कर्मचारियों को उनके संबंधित मंत्रालयों व विभागों की क्षमता निर्माण योजनाओं के अनुसार योग्यता-संचालित, भूमिका-आधारित क्षमता निर्माण प्रदान करता है।

21 जुलाई, 2025 तक, 1.26 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता आईगोट-कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें केंद्र सरकार के 41 लाख और राज्यों के 85 लाख उपयोगकर्ता शामिल हैं। पोर्टल पर 3,000 से अधिक पाठ्यक्रम लाइव हैं, जिनमें 3.8 करोड़ से अधिक पाठ्यक्रम पूरे हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख कार्यात्मक, व्यावहारिक और डोमेन दक्षताएं शामिल हैं।

देश में परमाणु ऊर्जा

सदन में सवालों का सिलसिला जारी रहा, इसी बीच एक अन्य सवाल के जवाब में आज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान, ग्रिड में कुल 2100 मेगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है। इस अवधि में, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से लगभग 241 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली उत्पन्न की गई है, जिससे पर्यावरण में 207 मिलियन टन से अधिक सीओ2 (समतुल्य) उत्सर्जन से बचा जा सका।

मानव-पशु संघर्ष के कारण लोगों की मौत

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों से हासिल की गई जानकारी का हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि साल 2024 में बाघों के हमले से 73 और 2023-24 में हाथियों के हमले से 629 लोगों की मृत्यु होने की जानकारी है

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