पर्यावरण के लिहाज से कितना सही है आपका टूथब्रश, वैज्ञानिकों ने लगाया पता

शोध के अनुसार आम प्लास्टिक टूथब्रश की तुलना में इलेक्ट्रिक टूथब्रश पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए कहीं ज्यादा हानिकारक होता है
पर्यावरण के लिहाज से कितना सही है आपका टूथब्रश, वैज्ञानिकों ने लगाया पता
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हाल ही में ट्रिनिटी कॉलेज के शोधकर्ताओं ने यह जानने का प्रयास किया है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कौन सा टूथब्रश सही है। इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने बाजार में उपलब्ध और सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले टूथब्रुशों के कई मॉडलों कि जांच की है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि बांस से बना टूथब्रश पर्यावरण के लिए ज्यादा बेहतर है जबकि ऐसा नहीं है वैज्ञानिकों के अनुसार रिसाइकल किए जाने योग्य प्लास्टिक का टूथब्रश सबसे बेहतर होता है।

स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों और टूल्स को देखें तो टूथब्रश दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है। यही वजह है कि यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन द्वारा यह शोध किया गया है जोकि ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में टूथब्रश के निर्माण से लेकर उसके अंत होने तक के पर्यावरण पर पड़ने वाले असर का मूल्यांकन किया गया है।

स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं, उपकरणों और सुविधाओं का पर्यावरण पर बड़ा व्यापक असर पड़ता है, इसके साथ ही यह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते हैं। हालांकि इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं, यहां तक की इससे जुड़े उद्योगों को भी इसके बारे में बहुत कम जानकारी है। जिसका मुख्य कारण जागरूकता का आभाव है। इसके साथ ही विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी सेवाओं और उपकरणों कितने सस्टेनेबल हैं उसके बारे बहुत कम जानकारी और सबूत मौजूद हैं। 

इस शोध में शोधकर्ताओं ने टूथब्रश के असर को समझने के लिए विभिन्न मॉडलों और उनके पर्यावरण पर पड़ रहे असर (कार्बन फुटप्रिंट) और मानव स्वास्थ्य पर पड़ते प्रभाव (विकलांगता-समायोजित जीवन वर्षों) को मापा है। इस शोध में इलेक्ट्रिक टूथब्रश, आम प्लास्टिक टूथब्रश, प्लास्टिक टूथब्रश जिसके हेड को बदला जा सकता है और बांस के बने ब्रश का अध्ययन किया है।

सामान्य टूथब्रश से ज्यादा हानिकारक होता है इलेक्ट्रिक टूथब्रश

जिसके निष्कर्ष से पता चला है कि इलेक्ट्रिक टूथब्रश पर्यावरण के दृष्टिकोण से ज्यादा हानिकारक होता है। यदि इसके निर्माण की बात करें तो वो स्वास्थ्य पर भी व्यापक असर डालता है। यदि डिसेबिलिटी एडजस्टेड लाइफ ईयर के आधार पर देखें तो इसके निर्माण में लगे मजदूरों पर 10 घंटों की विकलांगता जितना असर डालता है जोकि सामान्य टूथब्रश से पांच गुना ज्यादा है।

इस विश्लेषण से पता चला है कि प्लास्टिक के टूथब्रश जिनके हेड को मैन्युअली बदला जा सकता है और बांस के बने टूथब्रश का पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव पारंपरिक प्लास्टिक टूथब्रश और इलेक्ट्रिक टूथब्रश की तुलना में काफी कम होता है। शोधकर्ताओं को मानना है कि इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष लोगों की सही टूथब्रश का चुनाव करने और स्वास्थ्य सम्बन्धी नीतियों को लागु करने में किया जा सकता है जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर को सीमित किया जा सके।

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