वायु गुणवत्ता में 20 फीसदी तक सुधार कर सकते हैं घरों में लगे पौधे

शोध से पता चला है कि घर और दफ्तरों के अंदर लगे आम पौधे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के स्तर में 20 फीसदी तक की कमी ला सकते हैं
वायु गुणवत्ता में 20 फीसदी तक सुधार कर सकते हैं घरों में लगे पौधे
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ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ होंगें कि घर के अंदर लगे पौधे जहां वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं, साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी देते हैं। लेकिन क्या सच में यह हाउसप्लांट वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार होते है, इसे समझने के लिए हाल ही में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक अध्ययन किया गया है, जिसमें इस बात की वैज्ञानिक पुष्टि भी हो गई है।

रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी (आरएचएस) के सहयोग से किए गए इस शोध से पता चला है कि घर और दफ्तरों के अंदर लगे आम पौधे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के स्तर में 20 फीसदी तक की कमी  ला सकते हैं। उनके द्वारा किया यह अध्ययन जर्नल एयर क्वालिटी, एटमॉसफेयर एंड हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।    

शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन आमतौर पर यूके के घरों में पाए जाने वाले तीन हाउसप्लांटस पर किया है, जिनका रखरखाव आसान है और वो अधिक महंगे भी नहीं हैं। इनमें पीस लिली, कॉर्न प्लांट (ड्रैकैना फ्रेग्रेंस) और फर्न अरुम (जमीओकुलकस जमीफोलिया) शामिल थे। वैज्ञानिकों ने इन हरेक पौधे को एक टेस्ट चेम्बर में रखा था, जिसका वातावरण ठीक वैसा ही था जैसे किसी व्यस्त सड़क के किनारे स्थित कार्यालय में होता है। 

क्या कुछ आया अध्ययन में सामने

शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी पौधे, प्रजातियां अलग होने के बावजूद कमरे में से लगभग में मौजूद आधी एनओ2 को दूर करने में सक्षम थे। पौधों का प्रदर्शन वातावरण पर निर्भर नहीं था। उदाहरण के लिए चाहे वो प्रकाश में रखे गए थे या अंधेरे में या फिर उनकी मिट्टी गीली या सुखी थी इस बात का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा था। 

इस बारे में शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता क्रिस्चियन पफ्रांग का कहना था कि "हमने जो पौधे चुने वो सभी एक दूसरे से बहुत अलग थे, फिर भी उन्होंने वातावरण से एनओ2 को वातावरण से दूर करने में एक जैसी क्षमता का प्रदर्शन किया था।" उनके अनुसार यह उनके पिछले अध्ययन से बहुत अलग था जिसके अनुसार इंडोर प्लांट किस तरह कार्बनडाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं वो दिन रात या मिट्टी में पानी की मात्रा जैसे पर्यावरणीय कारकों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। 

शोधकर्ताओं ने इस बात की भी गणना की है कि एक छोटे यानी 15 वर्ग मीटर और मध्यम आकार के कार्यालय (100 वर्ग मीटर) के लिए वेंटिलेशन कितना मायने रखता है। शोध के मुताबिक छोटे कार्यालय में जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा है और वेंटिलेशन पर्याप्त नहीं है वहां पांच हॉउसप्लांट नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर को 20 फीसदी कम कर सकते हैं।

हालांकि बड़े कमरे में इसका प्रभाव केवल 3.5 फीसदी होगा, जिसमें पौधों की संख्या में इजाफा करके सुधार किया जा सकता है। हालांकि इतना तो स्पष्ट है कि यह पौधे एनओ2 के स्तर में महत्वपूर्ण रूप से कमी ला सकते हैं। लेकिन ऐसा कैसे करते है यह अभी भी रहस्य है। शोधकर्ताओं का प्रयास अगले चरण में कमरे की वायु गुणवत्ता की बेहतर मॉडलिंग तैयार करने के लिए टूल विकसित करना है जिससे इसे बेहतर तरीके से समझा जा सके। ऐसे में घरों के अंदर प्रदूषण के स्तर को कम करने और वातावरण को साफ रखने में यह इंडोर प्लांट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।      

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