आज दुनिया के अधिकतम वेटलैंड जो शहरों के नजदीक है में जहरीली भारी धातुओं से दूषित हो रहे हैं। वहां रहने वाले जीवों और पर्यावरण पर इनका खतरनाक असर होता है। जीवों पर पड़ने वाले असर को लेकर कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ शहर के आस-पास के वेटलैंड् में रहने वाले टाइगर सांप पर अध्ययन किया है।
यह अध्ययन आर्काइव्ज ऑफ़ एनवायर्नमेंटल कंटैमिनेशन एंड टॉक्सिकोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, पर्थ के शहरी वेटलैंड (आर्द्रभूमि) में रहने वाले टाइगर सांप के लीवर में जहरीली भारी धातुएं पाई गई हैं। उनके आवास, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र इन जहरीली धातुओं से दूषित हैं, परिणामस्वरूप इनसे वहां रहने वाली प्रजातियों को नुकसान होने की आशंका है।
कर्टिन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मॉलिक्यूलर एंड लाइफ साइंसेज के पीएच.डी. अभ्यर्थी और प्रमुख शोधकर्ता डेमियन लेटोफ ने कहा कि न केवल सांपों के लिवर में भारी धातुओं का उच्च स्तर पाया गया, बल्कि कुछ वेटलैंड से लिए गए तलछट (सेडिमेंट) के नमूनों में आर्सेनिक, लेड, मरकरी और सेलेनियम की मात्रा पाई गई, जिसकी मात्रा वर्तमान सरकारी दिशानिर्देशों से अधिक है।
लेटोफ़ ने कहा दुनिया भर में अधिकतम शहरी वेटलैंड लगभग हमेशा प्रदूषित होते हैं, आमतौर पर दूषित पानी के तूफान से, कचरे के पिछले या वर्तमान डंपिंग और अन्य कारणों से ऐसा होता है।
वेटलैंड् क्षेत्र आमतौर पर निचले क्षेत्रों पर स्थित होते हैं, इसलिए दुर्भाग्य से बहुत सारा शहरी कचरा तथा दूषित पानी इनमें जाकर मिल जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वेटलैंड्, तलछट और आसपास की चट्टानों में प्राकृतिक रूप से कई भारी धातुएं कम सांद्रता में मौजूद होती हैं, जिससे कुछ भारी धातुओं के वेटलैंड्स के वातावरण में घुल जाने के कारण ऐसा हो सकता है।
लेटोफ ने कहा हालांकि, भारी धातुओं की उच्च सांद्रता (कंसंट्रेशन) जो हमें सांपों के लीवर और तलछट के नमूनों में मिली, वे बताते हैं कि शहरीकरण और लोगों द्वारा किया गया प्रदूषण इसका प्रमुख कारण है। परिणामस्वरूप यह प्रदूषण स्थानीय सांप आबादी को प्रभावित कर सकता हैं।
अध्ययन में पाया गया कि सांप के लीवर में धातु की सांद्रता पर्थ के शहरों के नजदीक के वेटलैंड में सबसे अधिक थी। खासकर हरड्समैन झील के उत्तर पश्चिमी उपनगरों में। लेटोफ ने कहा हरड्समैन झील के किनारों से परीक्षण किए गए सांपों में धातु मोलिब्डेनम की उच्चतम सांद्रता थी।
प्रदूषकों के लगातार संपर्क में रहने से जीवों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। दूषित आबादी खराब स्वास्थ्य स्थितियों का शिकार हो सकती है, जिससे उनकी आयु कम हो सकती है, स्थानीय जैव विविधता कम होने के साथ-साथ विलुप्त हो सकती है।
टाइगर सांप वेटलैंड् वातावरण का एक बड़ा शिकारी है, और सबसे अधिक इस बात की आशंका जताई जा रही है कि मेंढकों को शिकार के रूप में खाने से भारी धातुए इनके पेट में जा रही हो।
कर्टिन विश्वविद्यालय का यह अध्ययन दुनिया भर में अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसमें दिखाया गया है कि सांप वेटलैंड प्रदूषण का एक अच्छा जैव-संकेतक हैं। अध्ययन पर्यावरणीय स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण संकेतक प्रजाति के रूप में सांप की आबादी की निगरानी के उपयोग पर प्रकाश डालता है।