दिल्ली ही नहीं, और भी कई शहरों में हवा की गुणवत्ता 400 से ऊपर पहुंच चुकी है।
दिल्ली ही नहीं, और भी कई शहरों में हवा की गुणवत्ता 400 से ऊपर पहुंच चुकी है।

दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी घोषित, लेकिन इन शहरों का क्या होगा?

दिल्ली सहित 23 शहर ऐसे हैं, जहां हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन वहां कोई कदम नहीं उठाए गए हैं
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देश की राजधानी दिल्ली में हेल्थ इमजरेंसी घोषित कर दी गई है। हवा में प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद ऐसा किया गया है, लेकिन दिल्ली जैसे और 23 शहर जहां वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक (सीवियर) स्थिति में पहुंच चुका है, लेकिन वहां क्या होगा?

लगभग 90 घंटे तक दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति सीवियर थी, लेकिन 31 अक्टूबर की रात 11 बजे दिल्ली सीवियर पल्स हो गई। यानी कि उस समय दिल्ली में पीएम2.5 की मात्रा 300.1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। जबकि पीएम10 का की मात्रा1 नवंबर की सुबह 3 बजे 500 माइक्रोग्राम से अधिक हो गई। तब से यह मात्रा बढ़ ही रही है और 1 नवंबर शाम चार बजे पीएम2.5 की मात्रा 391.8 माइक्रोग्राम तो पहुंच गई। जबकि पीएम10 की मात्रा 582.9 माइक्रोग्राम दर्ज की गई।

सीवियर प्लस की स्थिति में आते ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसकी सूचना सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनी एनवायरमेंट पोल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (इप्का) को दी और एप्का ने तुरंत हेल्थ इमरजेंसी लागू कर दी।

लेकिन शाम चार बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एयर क्वालिटी इंडेक्स बुलेटिन बताता है कि देश के 23 शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। इसमें दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, देश के दूसरे इलाकों में भी वायु प्रदूषण कहर बरपा रहा है, लेकिन अभी तक वहां की सरकारों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

सीपीसीबी के बुलेटिन के मुताबिक, हरियाणा के 13 शहरों में 1 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स सीवियर कैटेगिरी में हैं। इनमें एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 479 और गुरुग्राम में 469 था, लेकिन इसके अलावा सिरसा में 462, रोहतक में 467, पानीपत में 421, मानेसर में 427, सीएम सिटी कहे जाने वाले करनाल में 407, कैथल में 446, जींद में 480, हिसार में 456, भिवानी में 466, बल्लभगढ़ में 438 और बहादुरगढ़ में 434 रिकॉर्ड किया।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के दो एनसीआर सिटी नोएडा (499),  गाजियाबाद (496) और ग्रेटर नोएडा (496) में तो एक्यूआई काफी अधिक रहा, लेकिन और भी कई शहर सीवियर कैटेगिरी में रहे। इनमें मेरठ 410, कानपुर में 403, हापुड़ में 472, बुलंदशहर में 401 और बागपत में 465 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।

सीपीसीबी के बुलेटिन में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब का केवल एक शहर भटिंडा सीवियर कैटेगिरी में बताया गया है। यहां एक्यूआई 401 रिकॉर्ड किया गया।

सीपीसीबी का बुलेटिन बताता है कि दिल्ली-एनसीआर के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों से ही हवा की गुणवत्ता खराब रही है। बावजूद इसके इन प्रदेशों की सरकारों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। 1 नवंबर को हालात बिगड़ने के बाद भी शाम छह बजे राज्य सरकारों की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

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