रेवाडी में कचरे के ढेर में बदला तालाब, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश

आवेदक का आरोप है कि तालाब का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसका उपयोग किसी काम में नहीं किया जा सकता
रेवाडी में कचरे के ढेर में बदला तालाब, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश
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रेवाडी के ढालियावास गांव में तालाब में बढ़ते प्रदूषण और अतिक्रमण से जुड़े आरोपों की जांच के लिए एनजीटी ने एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। इस समिति में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा सिंचाई विभाग, भूजल विभाग और ढालियावास के सरपंच शामिल होंगे।

यह समिति संबंधित तालाब का निरीक्षण करेगी, तालाब के पानी की विश्लेषण रिपोर्ट तैयार करेगी और साथ ही तालाब में प्रदूषण के स्रोत का भी पता लगाएगी। कोर्ट ने समिति को हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के समक्ष दो महीनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। रिपोर्ट की स्टडी करने के बाद हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि रिपोर्ट मिलने के तीन महीने के भीतर इसकी बहाली के लिए उपाय किए जाएं।

इस मामले में आवेदक का आरोप है कि तालाब का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसका उपयोग किसी काम में नहीं किया जा सकता। मानव अपशिष्ट के साथ-साथ घरेलू सीवेज, कचरा और जैव अपशिष्ट तालाब में बह रहे हैं, और पानी को दूषित कर रहे हैं। इतना ही नहीं गांव की सभी नालियां और सीवेज, सीवेज लाइन की मदद से तालाब में छोड़े जा रहे हैं। ठोस और जैव अपशिष्ट भी सीधे तालाब में डाला जा रहा है।

उनके मुताबिक वास्तव में तालाब एक डंप यार्ड में तब्दील हो गया गया है, जिसके चलते आसपास की मिट्टी को नुकसान हो रहा है और वनस्पति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पानी के दूषित होने से स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है।

क्या नियमों को ताक पर रख राप्ती नदी के किनारे किया गया पेट्रोल पंप का निर्माण, जांच करेगी समिति

गोरखपुर के राजघाट में राप्ती नदी के बाढ़ क्षेत्र में पेट्रोल पंप के निर्माण के आरोपों की जांच के लिए एनजीटी ने 11 सितंबर 2023 को तीन सदस्यीय समिति को साइट का निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। मामला उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले का है।

यदि जांच में पेट्रोल पंप के निर्माण में नियमों की अनदेखी या किसी प्रकार का उल्लंघन पाया जाता है, तो इस रिपोर्ट की एक प्रति भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को भेजी जाएगी, जो रिपोर्ट प्राप्त होने पर कानूनी तौर पर उचित निर्णय लेगा।

आवेदक का कहना है कि जिस क्षेत्र में पेट्रोल पंप का निर्माण किया गया है वह राप्ती नदी से सटा है और भीषण बाढ़ के दौरान, नदी में डूब में जाता है। आवेदक के वकील का कहना है कि पेट्रोल पंप की स्थापना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सात जनवरी, 2020 को जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।

द्वारका में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के मुद्दे पर एनजीटी ने डीपीसीसी से तलब की रिपोर्ट

13 अक्टूबर, 2023 को, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से द्वारका की हाउसिंग सोसाइटियों में बारिश के पानी के संचयन के लिए लगाई प्रणालियों की स्थिति और इससे जुड़े किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए उठाए गए कदमों के बारे में दो रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

एनजीटी ने डीपीसीसी को अगले आठ सप्ताह के भीतर ये रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।  इसके अतिरिक्त, एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया है कि डीपीसीसी और संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान जहां आवश्यक हो सुरक्षा मिलनी चाहिए।

17 मई, 2023 को दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चला है कि द्वारका में 354 सोसायटी हैं। हालांकि इनमें से 8 सोसाइटियों ने निरीक्षण से इनकार कर दिया, जबकि 235 सोसायटियों से पानी के नमूने लिए गए थे। रिपोर्ट में चिंताजनक बात यह सामने आई कि इनमें से 180 सोसायटियों से लिए नमूनों में अमोनिकल नाइट्रोजन और कुल घुलनशील ठोस पदार्थों (टीडीएस) की मौजूदगी के कारण पानी दूषित था। हालांकि रिपोर्ट में इन सोसाइटियों से एकत्र किए नमूनों में अमोनिकल नाइट्रोजन की उपस्थिति के लिए उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

इस स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाइयां की गई है रिपोर्ट में इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई है। डीपीसीसी के वकील ने इसपर उचित कारवाई सुनिश्चित करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है, ताकि ट्रिब्यूनल के सामने सही तस्वीर पेश की जा सके। उनका कोर्ट से आठ सोसायटियों का निरीक्षण करने के लिए पुलिस सहायता भी मांगी है। 

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