राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों मेंं वायु गुणवत्ता प्रबंधन के पूर्णकालिक सदस्यता वाले चेयरमैेन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव डॉ एमएम कुट्टी होंगे। केंद्र सरकार के हालिया अध्यादेश के तहत गठित किए गए नए आयोग के पदाधिकारियों की सूची केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अधिसूचित कर दी गई है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 5 नवंबर, 2020 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस आयोग में पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अरविंद कुमार नौटियाल पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इसके अलावा पूर्णकालिक तकनीकी सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के मुकेश खरे और आईएमडी के पूर्व महानिदेशक रेमेश केजे का नाम शामिल है।
अधिसूचना में चेयरमैन समेत कुल 15 पदेन सदस्य हैं। इनमें दो सदस्य गैर सरकारी संगठन के भी हैं जबकि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अथवा पर्यावरण संरक्षण का कार्य देखने वाले विभाग के प्रभारी सचिव इसके सदस्य होंगे। हालांकि, अधिसूचना में इनका नाम नहीं लिखा गया है।
इसके अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक तकनीकी सदस्य, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा मनोनीत किए जाने वाला एक तकनीकी सदस्य होगा। इनके नाम भी अधिसूचना में नहीं हैं।
आयोग गठन में पद हासिल करने वालों के कुल 15 सदस्यों की यह ताजा अधिसूचना पूर्व में जारी किए गए अध्यादेश से बिल्कुल अलग है। अध्यादेश में कुल 26 सदस्यों का जिक्र था।
अध्यादेश में कहा गया था कि गैर सरकारी सदस्यों की संख्या तीन होगी, हालांकि पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना में सिर्फ दो ही हैं। वहीं, इसके अलावा कहा गया था कि एक प्रतिनिधि नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफार्मिंग इंडिया का भी होगा जिसकी पदवी संयुक्त सचिव या एडवाइजर की होगी। अधिसूचना में इसका भी कोई जिक्र नहीं है।
इसके अलावा अध्यादेश में कहा गया था कि कमीशन में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय, केंद्रीय पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय, केंद्रीय कृषि मंत्रालय, केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से एक-एक प्रतिनिधि भी कमीशन का हिस्सा होंगे। साथ ही वाणिज्य या उद्योग से जुड़ा कोई व्यक्ति भी इस कमीशन का हिस्सा होगा। कोई सहायक सदस्य भी होगा जिसकी अनुशंसा की जाए। इसके अलावा एक चीफ कोऑर्डिनेटिंग ऑफिसर भी होगा जो स्थायी तौर पर सचिव होगा। इन सबका भी पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना में कोई जिक्र नहीं है।
अभी आयोग में एनसीआर राज्यों की ओर से भी मुख्य सचिव या पर्यावरण संरक्षण का कामकाम देखने वाले सचिव शामिल होंगे या नहीं। कब तक होंगे? या फिर ऊपर के सात नाम ही आयोग को चलाएंगे? अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
सरकार की ओर से 28 अक्तूबर, 2020 को जारी अध्यादेश में कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन करने के लिए यह आयोग पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के जरिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) समेत अन्य गठित समितियों के स्थान पर यह नया कमीशन ही अब काम करेगा।