दिवाली 2022 : गंभीर प्रदूषण के मुहाने पर पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा, 26 अक्टूबर तक ऐसे ही रहेंगे हालात

पटाखों और पराली पर नियंत्रण के बावजूद दिल्ली समेत उत्तर भारत के प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में झूल रही है
दिवाली 2022 : गंभीर प्रदूषण के मुहाने पर पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा, 26 अक्टूबर तक ऐसे ही रहेंगे हालात
Published on
दीपावली की रात से ठीक पहले न सिर्फ पराली जलाने की घटनाओं में बढोत्तरी हुई बल्कि पटाखों ने भी हवा को खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह जरूर है कि बीते कुछ वर्षों की दीपावली के अनुभव में 2022 की दीपावली थोड़ी साफ वायु गुणवत्ता वाली रही है।
वायु गुणवत्ता की निगरानी और पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में है जो कि 26 अक्टूबर 2022 तक इसी श्रेणी में रह सकती है। 
सफर एजेंसी के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले उत्तर-पश्चिम (पंजाब-हरियाणा और राजस्थान) में 20 को बर्निंग इवेंट 100 से 400 के बीच थे लेकिन 21 अक्टूबर के बाद से पराली जलाने में बढोत्तरी हुई और 23 अक्टूबर की रात में करीब 1400 बर्निंग इवेंट सेटेलाइट के जरिए रिकॉर्ड किए गए। इसके साथ ही पटाखों के कारण भी दिल्ली की हवा खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक 24 अक्टूबर को रात आठ बजकर 10 मिनट तक कुल 32 निगरानी स्टेशनों में 21 स्टेशनों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर रिकॉर्ड की गई। जबकि अन्य सभी स्टेशन खराब वायु गुणवत्ता वाली श्रेणी में बने हुए हैं।  
सीपीसीबी के शहर स्तरीय एक्यूआई निगरानी से पता चलता है कि 24 अक्तूबर की रात 9 बजकर 10 मिनट पर दिल्ली के आस-पास हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों की हवा और बिहार के कुछ शहरों की हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है। 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक की चार अहम श्रेणियां हैं। इसके मुताबिक 1-50 का एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 का एक्यूआई संतोषजनक, 101 से 200 का एक्यूआई मध्यम (मॉडरेट), 201-300 का एक्यूआई खराब, 301 से 400 का एक्यूआई बहुत खराब और गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता 401-500 का एक्यूआई दर्शाता है। जबकि 501 से अधिक इमरजेंसी वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। 
सफर का अनुमान है कि पराली जलाने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं और उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवा दिल्ली की वायु गुणवत्ता को और अधिक प्रभावित कर सकती है। सफर के मुताबिक अगले तीन दिन तक दिल्ली की हवा बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच बनी रह सकती है। दिल्ली की हवा में  पीएम 2.5 की हिस्सेदारी 55 फीसदी तक पहुंच गई है। फसल अवशेष के जलाए जाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी भी 10 फीसदी तक पहुंच सकती है। ऐसे में हवा और खराब हो सकती है। 
बीते वर्ष 2021 में 5 नवंबर को दीपावली मनाई गई थी, उस दर्मियान स्मॉग का सामना दिल्ली और आस-पास के शहरों को करना पड़ा था। हालांकि इस बार अक्तूबर में देर तक हुई वर्षा ने एक्यूआई के आंकड़ों को सुधार दिया। साथ ही दीपावली भी थोड़े कम ठंड में पड़ी है, जिससे वायु गुणवत्ता बद से बदतर नहीं बन पाई है। 
लंबा साप्ताहिक अवकाश ने भी दिल्ली और आस-पास के शहरों से प्रवासी अपने घरों को चले गए हैं, जिससे दिल्ली के हिस्सों को राहत मिली है। 
सीपीसीबी के रोजाना जारी होने वाले 24 घंटे औसत एक्यूआई बुलेटिने के मुताबिक 23 से 24 अक्तूबर तक देश के 168 निगरानी स्टेशनों की निगरानी की गई। इनमें 24 स्टेशनों की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई। बहुत खराब वायु गुणवत्ता श्रेणी में दिल्ली (312 एक्यूआई), गुरुग्राम (322 एक्यूआई), बेगूसराय (325 एक्यूआई), नोएडा (305 एक्यूआई) रिकॉर्ड किया गया।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in