संसद में सरकार की सफाई, प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी में गंदा पानी नहीं छोड़ा जा रहा

साल, 2021-24 की अवधि के दौरान, वैश्विक ऊर्जा तीव्रता में 1.3 फीसदी का सुधार हुआ, जबकि भारत की ऊर्जा तीव्रता में 1.6 फीसदी का सुधार हुआ।
जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में, एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि प्रयागराज में नालों के माध्यम से प्रदूषित और अनुपचारित जल को गंगा या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है।
जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में, एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि प्रयागराज में नालों के माध्यम से प्रदूषित और अनुपचारित जल को गंगा या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है।फोटो: आईस्टॉक
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केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रयागराज में नालों के माध्यम से प्रदूषित और अनुपचारित जल को गंगा या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है।

चौधरी ने कहा स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन ने प्रमुख कदम उठाए हैं, जिनमें गंगा या यमुना नदी में अनुपचारित नालों को छोड़े जाने से रोकने के लिए नमामि गंगे मिशन-द्वितीय के तहत प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 के दौरान अनुपचारित नालों के उपचार के लिए आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान की और एक परियोजना को मंजूरी दी गई है।

चौधरी ने आगे कहा कि नमामि गंगे मिशन-द्वितीय के तहत प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 के लिए स्वच्छता बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की और प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसके तहत 48,100 शौचालय और मूत्रालय और 20,000 ठोस अपशिष्ट डिब्बे और लाइनर बैग उपलब्ध कराए गए।

पर्यावरण मंजूरी न मिलने से 331 परियोजनाएं लंबित

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में परिवेश पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी का हवाला दिया। सिंह ने कहा कि चार फरवरी, 2025 तक मिले केंद्र व राज्य सरकारों से संबंधित कुल 331 प्रस्ताव मंत्रालय और संबंधित राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) के पास उक्त 2006 अधिसूचना के प्रावधानों के अनुसार प्रस्तुत किए गए हैं।

पीएम 2.5 के स्वास्थ्य प्रभावों पर लैंसेट रिपोर्ट

पीएम 2.5 के स्वास्थ्य पर पडने वाले प्रभावों को लेकर लैंसेट रिपोर्ट के आधार पर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि केवल वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई निर्णायक आंकड़े उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने अपने जवाब में कहा, वायु प्रदूषण सांस की बीमारियों को प्रभावित करने वाले कई कारणों में से एक है। स्वास्थ्य कई कारणों से प्रभावित होता है जिसमें पर्यावरण के अलावा लोगों की खान-पान की आदतें, व्यावसायिक आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास, प्रतिरक्षा, आनुवंशिकता आदि शामिल हैं।

सिंह ने कहा, लैंसेट प्लैनेट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध ‘भारत के दस शहरों में परिवेशी वायु प्रदूषण और दैनिक मृत्यु दर: एक आकस्मिक मॉडलिंग अध्ययन’ सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करके किए गए अध्ययन पर आधारित था और इसकी सीमाओं का हवाला देते हुए कहा गया था कि अध्ययन में कारण और विशेष मृत्यु दर का विश्लेषण नहीं किया गया।

देश में डीजल व पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध

आज सदन में केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के लिए सवालों का सिलसिला जारी रहा। एक अन्य सवाल के जवाब में, सिंह ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने हेतु पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए स्वैच्छिक वाहन बेड़े आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) और वाहन स्क्रैपिंग नीति तैयार की है।

इस नीति के तहत, वाहनों की सड़कों पर चलने की पात्रता एक स्वचालित परीक्षण स्टेशन के माध्यम से वाहन के फिटनेस परीक्षण के माध्यम से निर्धारित की जाती है।

देश में ऊर्जा संरक्षण

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में आज, विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में कहा कि ऊर्जा संरक्षण के मामले में देश का प्रदर्शन दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छा है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुमानों के अनुसार, 2010-19 की अवधि के दौरान वैश्विक ऊर्जा तीव्रता में दो फीसदी का सुधार हुआ, जबकि भारत के लिए यह 2.5 फीसदी रहा।

साल, 2021-24 की अवधि के दौरान, वैश्विक ऊर्जा तीव्रता में 1.3 फीसदी का सुधार हुआ, जबकि भारत की ऊर्जा तीव्रता में 1.6 फीसदी का सुधार हुआ। अनुमान है कि 2024 में ही वैश्विक ऊर्जा तीव्रता में लगभग एक फीसदी सुधार होने की उम्मीद है, जबकि भारत की ऊर्जा तीव्रता में 2.5 फीसदी सुधार होने की उम्मीद है।

देश में भूजल प्रदूषण

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) की सालाना भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 का हवाला देते हुए कहा, 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 440 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अनुमेय सीमा से अधिक नाइट्रेट की जानकारी मिली है। इसी तरह, 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 263 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में फ्लोराइड पाया गया है। इसके अलावा, 20 राज्यों के 118 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में आर्सेनिक की जानकारी मिली है।

अमृत सरोवर मिशन के तहत वर्तमान स्थिति और उपलब्धियां

अमृत सरोवर मिशन को लेकर उठे एक सवाल के जवाब में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि मिशन अमृत सरोवर अप्रैल 2022 में प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) बनाने या पुनरुद्धार करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। जो पूरे देश में कुल 50,000 होंगे। इस पहल ने जल की कमी के गंभीर मुद्दे से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

चौधरी ने कहा, अक्टूबर 2024 तक, 68,000 से अधिक सरोवर पूरे हो चुके हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सतही और भूजल उपलब्धता में वृद्धि हुई है। केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से किए गए भूजल संसाधन मूल्यांकन से पता चलता है कि निरंतर संरक्षण प्रयासों के कारण भूजल पुनर्भरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

टैंकों, तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं से पुनर्भरण 2017 में 13.98 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) से बढ़कर 2024 में 25.34 बीसीएम हो गया, जो मिशन अमृत सरोवर जैसे जल संरक्षण की सफलता और भूजल स्तर को बनाए रखने में टैंकों, तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं की भूमिका को दर्शाता है।

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