दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा खराब

मौसम, पराली, वाहनों के साथ-साथ कुछ इलाकों में पटाखे जलाए जाने के कारण दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। इसके आगे और ज्यादा खराब होने की चेतावनी दी गई है
Photo: Pixabay
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दिवाली से पहले ही दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। 25 अक्टूबर 2019 को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता इस सीजन के "सबसे खराब" स्थिति में पहुंच गई।

24 अक्टूबर को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब लेवल पर रिकॉर्ड की गई, जो 25 अक्टूबर की सुबह तक यही स्थिति रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई 500 में से 311 दर्ज किया गया।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में हवा की गुणवत्ता दिल्ली से ज्यादा खराब रही। गाजियाबाद का एक्यूआई 335, ग्रेटर नोएडा का 320 और नोएडा का 319 रहा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बागपत, हरियाणा के बल्लभगढ़, जींद, सिरसा, पानीपत, करनाल और राजस्थान में भी एक्यूआई “बहुत खराब” रहा।   

पंजाब और हरियाणा में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से ही पराली जलना शुरू हो चुका है। इसके अलावा दिवाली से पहले सड़कों पर गाड़ियों के चलने, पहले पटाखे फोड़ने और स्थानीय स्तर पर कूड़ा जलने के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ गया है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार 23 अक्टूबर तक पराली जलने की लगभग 158 घटनाएं रिकॉर्ड की गई। मंत्रालय के अधीन काम कर रहे सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च) का अनुमान है कि दिवाली तक हवा की गुणवत्ता खराब ही रहेगी।

हालांकि पिछले साल के 24 व 25 अक्टूबर की तुलना में इस साल इन दो दिनों की हवा गुणवत्ता बेहतर है। पिछले साल 24 अक्टूबर को 328 और 25 को 331 एक्यूआई था। जबकि इस साल 311 है।  

अक्टूबर माह की शुरुआत में ही मौसम थोड़ा ठंडा हो गया था। साथ ही, हवा की गति कम हो गई थी और नमी का स्तर बढ़ने के कारण भी वायु प्रदूषण बढ़ गया।

धीमी गति से हवा चलने और नमी का स्तर बढ़ना दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में, पटाखे या पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि दिवाली की सुबह हवा शांत रहेगी, जबकि दोपहर होते-होते हवा की गति थोड़ा सही हो जाएगी।

हवा की गति कम रहने के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में घुल नहीं पाते हैं। यह स्थिति दिवाली के अगले दिन और खराब इसलिए हो सकती है, क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि 28 अक्टूबर को कोहरे की शुरुआत हो सकती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के टास्क फोर्स के अनुमान के मुताबिक मौसम, पराली और त्यौहार के कारण अगले कुछ दिन हवा की गुणवत्ता एक बड़ी चुनौती साबित होगा।

दी एनवायरमेंट पोल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (ईपीसीए) ने दिल्ली और आसपास के राज्यों की सरकारों को पत्र लिख कर कहा है कि वे हर हाल में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए कानूनों की कड़े से पालना करें।

दिल्ली और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रेशर या मिट्टी खुदाई जैसे काम भी इस अवधि में बंद रहेंगे।

इसके अलावा उन उद्योगों को भी बंद रखने को गया है, जहां अभी तक पाइप्ल नेचुरल गैस का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है। साथ ही, व्यस्त इलाकों में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति के भी निर्देश दिए गए हैं।

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