बिहार सरकार ने कहा है कि सभी वाणिज्यिक वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा। इसकी शुरुआत पटना से की जाएगी। राज्य परिवहन विभाग के अनुसार, बिहार में पंजीकृत वाहनों की संख्या 11 वर्षों में 6.5 गुना से 950,120 (फरवरी 2018) तक बढ़ गई। जिस कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
आईक्यू एयर, एयर विजुअल और ग्रीनपीस द्वारा तैयार की गई 2018 वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की राजधानी पटना को दुनिया का सातवां सबसे प्रदूषित शहर बताया है, जहां पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) 119.7 मिलीग्राम रिकॉर्ड किया गया।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आरोप है कि गाड़ियों के उत्सर्जन, घरेलू ईंधन जलाने, खुले में कचरे को जलाने, निर्माण, औद्योगिक उत्सर्जन और सड़क की धूल की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है।
वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पटना में सभी वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों को सलाह दी गई है कि वे वायु प्रदूषण को कम रखने के लिए सीएनजी पर स्विच करें। राज्य के परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने 5 सितंबर, 2019 को डाउन टू अर्थ को बताया कि हम वाहन मालिकों को सीएनजी चुनने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं; न केवल यह सस्ता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
उन्होंने कहा कि अभी केवल पटना में पेट्रोल से चलने वाली कारों पर फोकस किया गया है, इसके लिए एक ठोस नीति तैयार की जा रही है। डीजल से चलने वाले वाहनों को बाद में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आठ कंपनियों को सीएनजी किट के साथ पुराने वाहनों को फिट करने के लिए अधिकृत किया गया है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, सीएनजी किट के साथ रेट्रोफिटेड वाणिज्यिक वाहनों की संख्या 150 हो गई है।
वहीं, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट एंड वर्कर्स फेडरेशन के पटना चैप्टर के सचिव रंजीत कुमार ने कहा कि इस नीति से हमारे व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ेगा। ऑटो चालक, जो प्रतिदिन औसतन 400-500 रुपये कमाते हैं, सीएनजी किट के लिए लगभग 35,000 रुपये का भुगतान करना होगा। बिना किसी सरकारी सब्सिडी के वे कैसे खर्च कर सकते हैं?
राज्य के 922,500 वाणिज्यिक वाहनों में से 225,000 ऑटो-रिक्शा, 190,000 ट्रक, 325,000 टैक्टर, 75,000 बसें और 7000-7500 टैंकर लॉरी हैं।
अग्रवाल ने इस बात से इनकार किया कि सरकार वाहन मालिकों पर दबाव बना रही है। जबकि राज्य के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि यह कोई बाध्यता नहीं है, वाहन मालिक सीएनजी किट लगाने के लिए खुद आगे आ रहे हैं, लेकिन एक समय बाद सभी वाहनों को सीएनजी में बदलना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि पटना में सीएनजी स्टेशन की बड़ी कमी है। पटना में केवल दो सीएनजी फिलिंग स्टेशन हैं। हालांकि सरकार ने घोषणा की है कि अक्टूबर के मध्य तक तीन और जोड़े जाएंगे।