संसद के अंतरिम बजट सत्र में पांच फरवरी 2024 को पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने बताया कि देश के 25 राज्यों के 230 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में तय सीमा से अधिक आर्सेनिक की जानकारी मिली है और 27 राज्यों के 469 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में फ्लोराइड होने की जानकारी है।
देश में हाथियों के गलियारों या कॉरिडोर पर अतिक्रमण
हाथियों के कॉरिडोर पर अतिक्रमण को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय ने राज्य वन विभागों के साथ मिलकर 2021 से 23 के दौरान भारत में 15 राज्यों (यानी आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) में 150 एलिफेंट कॉरिडोर को मंजूरी दी है।
यादव ने कहा कि भारत के हाथी गलियारों पर रिपोर्ट मंत्रालय द्वारा विश्व हाथी दिवस, 2023 के दौरान जारी की गई थी और हाथी गलियारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित की गई थी।
शहरों को वायु गुणवत्ता अनुदान
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि 15वें वित्त आयोग के वायु गुणवत्ता प्रदर्शन अनुदान के तहत शहरी कार्रवाई को लागू करने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उपाय करने की योजना के तहत दस लाख से अधिक अबादी वाले 42 शहरों (7 शहरी समूहों (यूए) सहित) को 16539 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
हाथी गलियारों में संचालित रिसॉर्ट्स और होटल
सदन में पूछे गए एक और प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में कहा कि हाथी गलियारों में चलाए जा रहे रिसॉर्ट्स, होटलों व होमस्टे की जानकारी मंत्रालय द्वारा एकत्रित नहीं की जाती है। मानव-हाथी संघर्ष (एचईसी) के शमन और प्रबंधन सहित वन्यजीवों का प्रबंधन मुख्य रूप से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की जिम्मेदारी होती है।
इसके अलावा, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्य वन विभागों के साथ मिलकर, भारत में 15 हाथी रेंज वाले राज्यों में 150 हाथी गलियारों को जमीनी स्तर पर मान्यता दी है। हाथी गलियारों को लकेर राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासनों को सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है।
रिवर्स ऑस्मोसिस आधारित जल शोधन
रिवर्स ऑस्मोसिस को लेकर सदन में उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन.जी.टी.) ने ओ.ए. के मामले में क्रमांक 134/2015 जिसका शीर्षक है "अपने महासचिव बनाम जल संसाधन मंत्रालय के माध्यम से मित्र" दिनांक 20.05.2019 के आदेश के तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को रिवर्स ऑस्मोसिस जल शोधन आधारित प्रणाली के उचित उपयोग पर विनियमन लाने का निर्देश दिया गया। तदनुसार, मंत्रालय ने जल शोधन प्रणाली (उपयोग का विनियमन) नियम, 2023 प्रकाशित किया है।
नियम इन प्रणालियों द्वारा उत्पन्न खराब पानी और त्यागे गए तत्वों के उचित प्रबंधन, भंडारण और उपयोग के लिए दिशानिर्देशों की रूपरेखा तैयार करते हैं। ये नियम 10.11.2023 को प्रकाशित किए गए थे और 10.11.2024 से लागू होंगे।
देश में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से निकले बाहर
संसद में उठाए गए एक साल के जवाब में आज, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्यसभा में नीति आयोग चर्चा पत्र का हवाला देते हुए बताया कि भारत की बहुआयामी गरीबी 2013 और 14 में 29.17 फीसदी से घटकर 2022 और 23 में 11.28 फीसदी रह गई है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले नौ सालों के दौरान 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बहार निकल गए हैं।
अमृत सरोवर मिशन
आज, संसद में अमृत सरोवर मिशन को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया कि प्रत्येक अमृत सरोवर में लगभग 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ न्यूनतम एक एकड़ (0.4 हेक्टेयर) का तालाब क्षेत्र होना आवश्यक था। 50,000 अमृत सरोवरों का लक्ष्य 10 मई 2023 को हासिल किया गया था। इसके अलावा, अगस्त 2023 में मिशन पूरा होने तक, 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण व पुनरुद्धार किया गया है
देश में पुराने हो रहे बांध
संसद में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा संकलित बड़े (विशिष्ट) बांधों के राष्ट्रीय रजिस्टर, 2023 के अनुसार, भारत में 234 बड़े बांध हैं, जो 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं।