खोज: प्रदूषित हवा को साफ करने के साथ-साथ तैयार होगा ईंधन

वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा एक नई सामग्री विकसित की गई है। यह जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न जहरीले प्रदूषकों को केवल पानी और हवा की सहायता से उपयोगी औद्योगिक रसायनों में बदल सकती ह
दिल्ली में स्मॉग के कारण नहीं दिखता रास्ता। फोटो: विकास चौधरी
दिल्ली में स्मॉग के कारण नहीं दिखता रास्ता। फोटो: विकास चौधरी
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इंगलैंड की ‘द यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर’ की अगुवाई में किए गए इस शोध में धातु के कार्बनिक फ्रेमवर्क (एमओएफ) नामक सामग्री विकसित की गई है। इस सामग्री में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) को सोखने (कैप्चर) की क्षमता है। एनओ2 विशेष रूप से डीजल और जैव-ईंधन के जलने से उत्पन्न होती है, जोकि एक जहरीली और वायु प्रदूषक गैस है। एनओ2 को आसानी से नाइट्रिक एसिड में परिवर्तित किया जा सकता है, जो फसलों के लिए कृषि उर्वरक के रूप में इस्तेमाल की जाती है। नाइट्रिक एसिड से रॉकेट का ईंधन और नायलॉन जैसी सामग्री भी बनाई जा सकती है। 

एमओएफ छोटे त्रि-आयामी संरचनाएं हैं जिनमें छेद हैं और ये पिंजरों की तरह काम करते हुए गैस को अंदर रोक सकती हैं। एमओएफ के अंदर का भाग खाली होता है, जो आकार में एक फुटबॉल के मैदान के बराबर हो सकता है।

ऊर्जा विभाग के ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी और बर्कले नेशनल लेबोरेटरी के शोधकर्ताओं ने इस नए और अत्यधिक कुशल एमओएफ का परीक्षण किया। एमओएफ को एमएफएम-520 के तौर पर भी जाना जाता है। टीम ने एमएफएम-520 में एनओ2 को सोखने के तंत्र का अध्ययन करने के लिए मैनचेस्टर में इलेक्ट्रॉन पैरामैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी के लिए सरकारी सेवा का भी उपयोग किया। इस तकनीक से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पर्यावरण पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के बुरे प्रभावों को रोकने में मदद मिल सकती है।

एमएफएम -520 नाम की सामग्री, आस-पास के दबाव और तापमान पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को सोख (कैप्चर) सकती है। यहां तक कि कम सांद्रता, कम नमी, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति में भी इसे सोखा जा सकता है। प्रदूषक की अत्यधिक प्रतिक्रियाशील (रीऐक्टिव) होने के बावजूद, एमएफएम -520 हवा और पानी के साथ क्रिया करके नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को नाइट्रिक एसिड में परिवर्तित करता है। यह शोध नेचर केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। 

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के रसायन विभाग में एक वरिष्ठ लेक्चरर डॉ सिहाई यांग ने कहा कि, यह एमओएफ उपयोगी औद्योगिक वस्तु में से जहरीले, गैसीय वायु प्रदूषक को सोख (कैप्चर) कर अन्य सामग्रीयों में बदलने वाला पहला एमओएफ है। एमओएफ द्वारा एनओ 2 को सोखने और बदलने की उच्चतम दर लगभग 45 डिग्री सेंटीग्रेड होती है। जो सामान्यतः ऑटोमोबाइल के चलते समय ईंधन के जलने से निकलने वाले गैस के तापमान के बराबर है। 

अध्ययन के प्रमुख मैनचेस्टर मार्टिन श्रोडर विश्वविद्यालय में विज्ञान, इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और डीन ने कहा कि 2016 में नाइट्रिक एसिड का वैश्विक बाजार 250 करोड़ ($2.5 बिलियन) था, इसलिए इस एमओएफ तकनीक के निर्माता नाइट्रिक एसिड का उत्पादन करके लागत प्राप्त कर सकते हैं। 

शोध के एक भाग में, वैज्ञानिकों ने ओआरएनएल में न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी और कम्प्यूटेशनल तकनीकों का इस्तेमाल किया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि एमएफएम-520 नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के अणुओं को कैसे कैप्चर करता है।

अतीत में, वायुमंडल से ग्रीनहाउस और विषाक्त गैसों को सोख कर अलग करना चुनौती पूर्ण था। अब इस नए तरीके से, जिसमें प्रदूषित गैसों को कैप्चर करने के साथ-साथ इनको उपयोगी, मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित किया जा सकता है। एमएफएम-520 वहीं सामग्री है जिसने कई चुनौतियों को हल कर दिया है।

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