कई पुरानी बीमारियों को बढ़ाने के लिए जिम्मेवार है वायु प्रदूषण: अध्ययन

अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पीएम 2.5 को कम करने के प्रयासों से कई बीमारियों में भारी कमी आ सकती है।
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स
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एक नए अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण खासकर फाइन पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) के संपर्क में आने से कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही चली आ रही पुरानी बीमारियों को बढ़ाने ले लिए भी यह जिम्मेवार है। यह अध्ययन यूके के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय के काई हू और उनके सहयोगी द्वारा किया गया है।

पिछले अध्ययनों ने वायु प्रदूषण और व्यक्तिगत पुरानी बीमारियों के बीच संबंध पर काफी प्रमाण दिए गए हैं। हालांकि पुरानी बीमारियां साझा जैविक या पर्यावरणीय कारणों से होती हैं, लेकिन इस बात की सीमित जानकारी है कि वायु प्रदूषण कई पुरानी बीमारियों को कैसे बढ़ा सकता है।

नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 2011 से 2015 तक चाइना हेल्थ एंड रिटायरमेंट लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी (चार्ल्स) सर्वेक्षणों के 19,098 उत्तरदाताओं के आंकड़ों  के साथ-साथ 15 वर्षों में पीएम 2.5 के सम्पर्क में आने के ऐतिहासिक उपग्रह के आंकड़ों का उपयोग किया गया। प्रतिभागियों में चीन के 125 शहरों के 45 से 85 वर्ष की आयु के लोग शामिल थे।

जब टीम ने प्रतिभागियों द्वारा खुद बताई गई पुरानी बीमारी के निदान और पीएम 2.5 के सम्पर्क में आने के बीच के संबंधों का मॉडल तैयार किया, तो आंकड़ों ने श्वसन, मस्कुलोस्केलेटल, कार्डियो-मेटाबोलिक में मरीजों में कई रोगों के एक साथ होने या मल्टीमॉर्बिडिटी के चार अलग-अलग समूहों का खुलासा किया। विश्लेषण से पता चला कि 15 वर्षों में पीएम 2.5 के पूरे जोखिम में 1 माइक्रोग्राम / एम 3 की वृद्धि 2.4 प्रतिशत थी,  जिससे सांस के रोगों से जुड़े होने के आसार सबसे अधिक बढ़ जाते हैं।

तब मस्कुलोस्केलेटल या मसल और हड्डियों से संबंधित बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है और यह 3.3 प्रतिशत थी, इससे कार्डियो-मेटाबोलिक समूह से संबंधित होने के आसार बढ़ जाते हैं। हालांकि, मॉडल ने एक बीमारी का दूसरे से जुड़ने के बारे में भी बताया जिसे यू-आकार का जुड़ाव कहा जाता है। जिसमें पीएम 2.5 के कम और अधिक सम्पर्क के चलते दोनों में कई तरह के बिमारियों में  बढ़ोतरी देखी गई। 

परिणाम इस तथ्य तक ही सीमित हैं कि केवल 4 वर्षों के स्वास्थ्य के आंकड़ों की उपलब्ध थी, लेकिन अध्ययनकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि वर्तमान पीएम 2.5 का स्तर अधिकांश चीनी वयस्कों में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पीएम 2.5 को कम करने के प्रयासों से कई बीमारियों में भारी कमी आने की संभावना है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि कम और अधिक ऐतिहासिक पीएम 2.5 का सम्पर्क दोनों तेजी से कई रोगों में वृद्धि करने के साथ जुड़ा हुआ है। हालांकि, पीएम 2.5 के अधिक खतरे से कार्डियो-मेटाबोलिक और श्वसन संबंधी बहुत सी बीमारियां होने का अधिक खतरा है। जबकि पीएम 2.5 के सम्पर्क में आने से मस्कुलोस्केलेटल से संबंधित कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। यह अध्ययन ओपन-एक्सेस जर्नल पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुआ हैं।   

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