दुनिया भर में 2021 के दौरान 43.9 लाख से ज्यादा बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (बीईवी) बेचे गए थे। जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 121 फीसदी ज्यादा हैं। गौरतलब है कि इसकी तुलना में 2020 में केवल 19.8 लाख बीईवी वाहनों की बिक्री हुई थी। यह जानकारी हाल ही में पीडब्ल्यूसी द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल के बिक्री को लेकर जारी नई रिपोर्ट ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स रिव्यु 2021’ में सामने आई है।
दुनिया भर में जैसे-जैसे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है उसे देखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलन भी बढ़ रहा है। यह वजह है कि दुनिया के कई देश इसे बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के स्कीम भी चला रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में चीन इन बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) का सबसे बड़ा बाजार है। जहां 2021 में 29 लाख बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी, जोकि 2020 की तुलना में करीब 172 फीसदी ज्यादा है।
ऐसा नहीं है कि केवल चीन में ही बीईवी की बिक्री में वृद्धि देखी गई थी, यूरोप के भी प्रमुख बाजारों में भी इस दौरान पर्याप्त वृद्धि दर्ज की गई थी। 2021 के दौरान जहां जर्मनी में नए बीईवी के पंजीकरण में 83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, वहीं यूके में यह वृद्धि 76 फीसदी की थी।
बीईवी को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और यूरोप में उठाए जा रहे हैं बड़े कदम
इसी तरह अमेरिका में जो बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार पहले सुस्त था उसमें भी नया उत्साह देखा गया है। जहां कुछ चुनिंदा मॉडलों की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में बीईवी की बिक्री में 62 फीसदी की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि अमेरिका में बाइडन प्रशासन इस दिशा में कई सार्थक कदम उठाए हैं जिनमें बीईवी चार्जिंग स्टेशन कार्यक्रम भी शामिल है। इसके लिए 56,087 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका में बाइडन प्रशासन इस दिशा में कई सार्थक कदम उठाए हैं जिनमें बीईवी चार्जिंग स्टेशन कार्यक्रम भी शामिल है। इसके लिए 56,087 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इसी तरह जर्मनी भी अपने देश में बीईवी चार्जिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत 2024 तक 47,025 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है। देखा जाए तो जर्मनी में अब 50 हजार से ज्यादा पंजीकृत चार्जिंग पॉइंट हैं, जिनकी संख्या 2021 में 11,600 थी।
हालांकि इस रिपोर्ट में भारत से जुड़े आंकड़ों को अलग से नहीं दिया गया है, लेकिन यदि देश में बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल में इजाफा होता है तो उससे वायु प्रदूषण में काफी कमी की जा सकती है। गौरतलब है कि देश में वायु प्रदूषण की समस्या लम्बे समय से गंभीर बनी हुई है।
हाल ही में दिल्ली को लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) द्वारा किए एक अध्ययन से पता चला है कि यहां मौजूद 1.32 करोड़ वाहन सर्दियों के दौरान होने वाले प्रदूषण का प्रमुख स्रोत हैं। ऐसे में यदि इन वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल दिया जाए तो समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है।
सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इजाफा करने के साथ-साथ, पैदल यात्रियों और साईकिल सवारों के लिए बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने की बात कही है। साथ ही पार्किंग सुविधाओं पर तत्काल काम करने की जरूरत पर भी बल दिया है। इस बारे में हाल ही में जर्नल ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च में छपे एक अध्ययन ने भी माना है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।