टोंगा का ज्वालामुखी विस्फोट सैकड़ों हिरोशिमा के बराबर: नासा

नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि इस विस्फोट से निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा पांच से 30 मेगाटन ट्रिनिट्रोटोल्यूनि (टीएनटी) के बराबर थी।
फोटो : नासा
फोटो : नासा
Published on

एक शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट जिसने एक छोटे से दक्षिण प्रशांत द्वीप को नष्ट कर दिया है। इस द्वीप को हुंगा टोंगा-हंगा हाआपाई के नाम से जाना जाता है। नुकसान का आकलन अभी भी जारी है, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि टोंगा में कुछ समुदाय ज्वालामुखीय राख और सुनामी की लहरों से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

नासा के कई पृथ्वी-अवलोकन उपग्रहों ने विस्फोट के दौरान और बाद के आंकड़े एकत्र किए। नासा के आपदा कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिक अब इमेजरी और अधिक आंकड़े एकत्र कर रहे हैं। नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों सहित दुनिया भर के सहयोगियों के साथ आंकड़े साझा कर रहे हैं।

नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि टोंगा के ज्वालामुखी विस्फोट ने हिरोशिमा परमाणु बम की शक्ति को भी बौना बना दिया है। वहां के लोगों ने बताया कि प्रशांत के इस विनाशकारी विस्फोट ने हमारे दिमाग को हिलाकर रख दिया है।

नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों ने कहा कि हंगा टोंगा-हंगा हा-आपाई ज्वालामुखी ने 15 जनवरी के विस्फोट के दौरान वातावरण में 40 किलोमीटर जितना ऊंचा मलबा गिराया, जिससे समुद्र में बड़ी सुनामी लहरें उठीं।

नासा के वैज्ञानिक जिम गार्विन ने कहा कि हमें लगता है कि विस्फोट से निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा पांच से 30 मेगाटन (पांच से 3 करोड़ टन) ट्रिनिट्रोटोल्यूनि (टीएनटी) के बराबर थी।

नासा ने कहा कि विस्फोट अगस्त 1945 में जापानी शहर हिरोशिमा पर गिराए गए अमेरिकी परमाणु बम से सैकड़ों गुना अधिक शक्तिशाली था, जिसका अनुमान लगभग 15 किलोटन (15,000 टन) टीएनटी था।

नासा ने बताया कि विस्फोट ने ज्वालामुखी द्वीप को टोंगन की राजधानी नुकु'आलोफा से लगभग 65 किलोमीटर उत्तर में "विस्फोट" किया।

इसने लगभग 100,000 लोगों के रहने वाले द्वीप में जहरीली राख की एक परत बिछा दी, पीने के पानी में जहर फैला दिया। जहरीली राख ने फसलों को नष्ट कर दिया और दो गांवों को पूरी तरह से मिटा दिया।

इसने टोंगा में कम से कम तीन लोगों के जीवन को लील लिया। सुनामी के चलते दक्षिण अमेरिकी देश में भयंकर लहरें आईं जिसने पेरू में दो लोगों की समुद्र के तटों पर डूबने से मौत हो गई।

यह विस्फोट इतना भयंकर क्यों था यह अभी स्पष्ट नहीं है। नासा के वैज्ञानिक डैनियल स्लेबैक ने बताया कि इस विस्फोटक के साथ, यह आम तौर पर एक सीमित भूगर्भीय मैग्मा के एक बड़े भंडार के समुद्री जल के संपर्क में आने का परिणाम है।

डैनियल स्लेबैक ने हुंगा टोंगा-हंगा हाआपाई का दौरा किया था। इससे पृथ्वी पर ज्वालामुखीय विशेषताओं के आसपास कटाव प्रक्रियाओं को समझा जा सकता है। साथ ही इस बात की जानकारी मिलती है कि मंगल सहित सौर मंडल के अन्य भागों में संबंधित प्रक्रियाएं कैसे चल सकती हैं।

पेरू के अधिकारियों ने बताया है कि लीमा के पास एक तेल का टैंकर उस समय लहरों से टकरा गया जब वह तेल उतार रहा था। टकराने के कारण टैंकर के पानी में तैरने की बात सामने आ रही है। समुद्र में बहते तेल को देखते हुए यहां पर्यावरणीय आपदा की घोषणा की गई है। टोंगा में, दूरदराज के द्वीपों से संचार बाधित होने के बाद नुकसान का अभी भी सही-सही पता नहीं लग पाया है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in