पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश देश के तटीय क्षेत्र को पार कर आगे बढ़ा अंफान

एहतियातन कोलकाता के सभी फ्लाईओवरों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। कई जिलों में बिजली सेवा फिलहाल स्थगित कर दी गई है
माैसम विभाग द्वारा जारी सेटेलाइट तस्वीर
माैसम विभाग द्वारा जारी सेटेलाइट तस्वीर
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मौसम विभाग के रात 8.30 बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक, अंफान चक्रवात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश देश के तटीय क्षेत्र को पार चुका है।

कोलकाता के अलीपुर वेदर स्टेशन में शाम 6.47 बजे हवा की रफ़्तार 114 किलोमीटर प्रतिघंटा रिकार्ड की गई जबकि दमदम वेदर स्टेशन में शाम 7.20 बजे हवा की रफ्तार 133 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज हुई। अगले 6 घंटों तक कोलकाता वापस आसपास के इलाकों में 110 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।

इससे पहले सुपर साइक्लोन अंफान की लैंडफॉल की प्रक्रिया दोपहर 2.30 बजे से शुरू हुई थी। इस दौरान भीषण हवाएं चलने और समुद्र में तेज लहरें उठने का अनुमान लगाया गया था।

भारतीय मौसमविज्ञान विभाग के कोलकाता केंद्र के डायरेक्टर जीसी दास ने डाउन टू अर्थ को बताया कि इस साइक्लोन के बादल का अगला हिस्सा बंगाल में प्रवेश कर चुका है और पूरी तरह से लैंडफाल की प्रक्रिया में चार घंटे लगेंगे।

भारतीय मौसमविज्ञान विभाग की तरफ से दोपहर 2 बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक, शाम 4 बजे से ये चक्रवात पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच से सुंदरवन के नजदीक लैंडफॉल करेगा। उस वक्त इसकी रफ्तार अधिकतम 185 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। दोपहर 3 बजे की बुलेटिन के मुताबिक, अंफान अभी सागरद्वीप से महज 35 किलोमीटर दूर दक्षिण और दीघा से 65 किलोमीटर दूर पूर्वी पूर्वीदक्षिणी हिस्से में है।

इस साइक्लोन की वजह से उत्तर 2 परगना, दक्षिण 2 परगना, कोलकाता, हावड़ा, पूर्व मिदनापुर समेत अन्य जिलों में जोरदार बारिश 19 मई की शाम से ही जारी है, जो अब और बढ़ेगी। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि ये साइक्लोन हालांकि कोलकाता से करीब 150 किलोमीटर दूर से ही निकल रहा है, लेकिन इसके बावजूद यहां भी खासा असर देखने को मिलेगा।

जीसी दास ने कहा, “फिलहाल कोलकाता में 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं और बारिश भी हो रही है। अगले कुछ समय में यहां 100 किलोमीटर प्रति  घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।इधर, एहतियाती तौर पर सरकार ने कोलकाता के सभी फ्लाईओवरों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। जिन जिलों में चक्रवात का सबसे ज्यादा असर हो सकता है, उन जिलों में बिजली सेवा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। 

कोलकाता में यूं तो हाल के वर्षों में कोई चक्रवात नहीं आया है, लेकिन सुंदरवन की तरफ जो भी चक्रवात गया है, उसने कोलकाता को प्रभावित किया। हालांकि, वर्ष 1737 में एक चक्रवात आया था, जिसने कोलकाता के दक्षिण हिस्से को बुरी तरह प्रभावित किया था। इस तूफान ने कोलकाता में सुबह 11 बजे दस्तक दी थी और इसकी रफ्तार 330 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। तूफान के कारण कोलकाता में 3 हजार लोगों की मौत हुई थी। हालांकि वैसा प्रभाव कोलकाता में नहीं दिखेगा।

मौसमविज्ञानी जेके मुखर्जी एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ये कोलकाता से 150 किलोमीटर दूर से निकल रहा है, जिस कारण तेज हवाएं यहां भी चलेंगी और भीषण बारिश होगी, लेकिन यहां वैसा विध्वंस नहीं होगा।

पश्चिम बंगाल के सुंदरवन विकास मंत्री मंटूराम पाखीरा ने डाउन टू अर्थ को बताया, साइक्लोन बंगाल में पहुंच चुका है। सुंदरवन की तरफ भीषण तेज हवाएं चल रही हैं। हमलोगों ने प्रभावित इलाकों से 3 लाख 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।

सुंदरवन में इस साइक्लोन का दोहरा असर हो सकता है। अव्वल तो ये सुपर साइक्लोन है, जिस कारण इसका भयावह प्रभाव पड़ेगा। दूसरी बात है कि जिस वक्त ये तटीय क्षेत्र में लैंडफाल करेगा, उस वक्त ज्वार आया रहेगा। ज्वार के वक्त समुद्र का जलस्तर कई फीट बढ़ा रहता है। पिछले साल जब बुलबुल चक्रवात सुंदरवन में आया था, तब भाटा था, जिस कारण इसका बहुत प्रभाव नहीं पड़ा था, लेकिन इस बार जिस वक्त सुपर साइक्लोन लैंडफाल कर रहा है, उस वक्त ज्वार रहेगा।

मंटूराम पाखीरा ने कहा, “ये सुपर साइक्लोन सुंदरवन के लिए तबाही लेकर सकता है क्योंकि जब ये तूफान गिरेगा तब ज्वार आया रहेगा। ये हमारे लिए चिंता का कारण है। हमारी कोशिश है कि किसी भी जान जाए।” 

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