मौसम विभाग के मुताबिक, सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरा अवसाद या डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान लगभग एक ही जगह पर बना रहा।
कल, 28 अगस्त को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे यह उसी इलाके में केंद्रित रहा, जो गुजरात के भुज से 50 किमी उत्तर-उत्तर-पश्चिम, नलिया से 100 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व और पाकिस्तान के कराची से 290 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में है।
यह सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और आज, 29 अगस्त को सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ और पाकिस्तान के तटों के आस-पास के इलाकों तक पहुंच जाएगा।
यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और 30 अगस्त की सुबह तक कच्छ और आस-पास के सौराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर में उभरेगा।
मौसम विभाग ने अपने अपडेट में कहा है कि यह भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, 30 अगस्त को उत्तर-पूर्व अरब सागर में अपना विकराल रूप दिखाएगा।
तूफानी गतिविधि के कारण भारी बारिश के आसार
डीप डिप्रेशन के चलते आज, यानी 29 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है। जबकि 30 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।
तूफानी हवाएं चलने के आसार
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि आज, 29 अगस्त को दक्षिण गुजरात तथा सौराष्ट्र और कच्छ जिलों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।
वहीं 29 और 30 अगस्त के दौरान गुजरात के तटों और उससे सटे पाकिस्तान के तटों और पूर्वोत्तर एवं उससे आसपास के पूर्व मध्य अरब सागर के इलाकों में 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
आज, उत्तर महाराष्ट्र के तटों और उससे सटे इलाकों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।
भयंकर समुद्री लहरों के उठने की आशंका
मौसम विभाग ने कहा है कि 30 अगस्त तक गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों तथा पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर में समुद्री स्थिति के बहुत खतरनाक रहने के साथ ही तूफानी मौसम और भयंकर लहरें उठने की आशंका है।
मौसम विभाग की मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, आज उत्तरी अरब सागर, मध्य अरब सागर के अधिकतर इलाकों और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के उत्तरी हिस्सों, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, कर्नाटक, केरल तटों, लक्षद्वीप के इलाकों, मन्नार की खाड़ी और श्रीलंका तट, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों, मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों और उत्तर बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों, उत्तरी आंध्र प्रदेश और उत्तरी अंडमान सागर के आसपास 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, गुजरात तट, उत्तर-पूर्व अरब सागर, उत्तर-पश्चिम के कई हिस्सों, पूर्व-मध्य अरब सागर, पश्चिम-मध्य अरब सागर, पूर्व-मध्य और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।
आज, पश्चिम-मध्य, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया, यमन, ओमान के तटों के अधिकतर इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक चलने के आसार हैं।
वहीं आज, गुजरात तट और उससे सटे पाकिस्तान के तटों तथा उत्तर-पूर्व और पूर्व-मध्य अरब सागर में 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।
उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने उपरोक्त के अलावा मछुआरों को सलाह दी है कि वे 30 अगस्त तक पूर्वोत्तर और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर तथा गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर न जाएं।
तूफानी गतिविधि के कारण नुकसान होने का अंदेशा
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट के हवाले से कहा है कि भारी बारिश के कारण, स्थानीय स्तर पर सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं।
भारी बारिश के कारण दृश्यता में कम हो सकती है। सड़कों पर जलभराव के कारण शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा का समय बढ़ सकता है।
कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। कमजोर संरचनाओं को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन या मिट्टी धंस सकती है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।
किसानों को तूफानी गतिविधि के चलते फसलों का बचाव उपाय करने की सलाह
मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश के कारण कृषि संबंधी सलाह भी जारी की है। जिसके अनुसार, मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा गया है।
बागवानी फसलों को बाहर से सहारा देना और सब्जियों के पौधों को तूफान से बचाने के लिए सहारा देने की बात कही गई है।